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प्रतापगढ़ की तरह हर टीएसपी जिला मुख्यालय पर बनें अच्छे खेल मैदान

locationप्रतापगढ़Published: Dec 04, 2017 10:44:23 am

Submitted by:

Rakesh Verma

राज्य स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता को लेकर मंत्री ने किया निरीक्षण

pratapgarh
-3 से 5 जनवरी को होगा आयोजन
-अधिकारियों को दिए निर्देश
प्रतापगढ़. जनजातीय विकास विभाग की ओर से आयोजित तृतीय राज्य स्तरीय जनजातीय छात्रावास खेलकूद प्रतियोगिता एवं प्रतिभावान सम्मान समारोह को लेकर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री नंदलाल मीणा ने रविवार को जनजाति बालक खेल छात्रावास का दौरा किया। मंत्री ने खेल छात्रावास पहुंचकर अधिकारियों से खेल मैदानों की जानकारी ली। वहीं खेल मैदानों को लेकर अधिकारियों को निर्देश भी दिए। मंत्री मीणा ने निरीक्षण के दौरान अधिकारियों को कई निर्देश भी दिए। उन्होंने प्रतापगढ़ की तर्ज पर सभी जिला मुख्यालयों पर अच्छे मैदान बनाने की बात कही। प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय पर चल रहे मेडिकल शिविर में सभी टीएसपी जिलों में आयोजित करवाने के निर्देश दिए। उदयपुर की तर्ज पर प्रतापगढ़ में भी गवरी चौराहे बनवाने के अलावा छात्रावासों के महापुरूषों के नाम पर नामकरण करवाने की बात कही।
अगले माह होगी प्रतियोगिता
तृतीय राज्य स्तरीय जनजाति छात्रावास खेलकूद प्रतियोगिता एवं प्रतिभावान सम्मान समारोह 3 से 5 जनवरी तक जिला मुख्यालय पर आयोजित किया जाएगा। जिसमें बॉलीवाल, कबड्डी, तीरंदाजी, दौड़, एथलेटिक, बालिकाओं के लिए खो-खो सहित कई प्रतियोगिता आयोजित की जाएंगी। जिसमें 19 जिलों के 1444 खिलाड़ी भाग लेंगे।
अब जिले की बदलेगी पहचान
मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा की मुझे गर्व है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता प्रतापगढ़ जिले में आयोजित की जा रही है। प्रतापगढ़ जिले को पहले राज्य में अफीम तस्करी के नाम से जाना जाता था। वहीं अब खेलकूद को लेकर जाना जाता है। जिस पर मुझे गर्व है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पंकज मिश्रा, जिला खेल अधिकारी अमित कल्याणी, उप जिला शिक्षा अधिकारी भैरूलाल मीणा सहित कई अधिकारी व जनप्रतिधि मौजूद थे।
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जंगली जानवरों के विचरण से दहशत में सांडीखेड़ा के किसान
रात्रि में खेतों पर जाने से डर रहे किसान
दिन में ही करनी पड़ रही पिलाई
छोटीसादड़ी.
उपखण्ड क्षेत्र के जलोदिया केलूखेड़ा ग्राम पंचायत के सांडीखेडा गांव के ग्रामीणों में गांव के आसपास जंगली जीवों के विचरण से भयभीत हैं। रात में खेतों पर सिंचाई करने जाना भी बंद कर दिया है। लोग अब अंधेरा होते ही घरों से बाहर कदम रखने से कतराते हैं। बकरियां चराने गए ग्रामीणों ने बताया कि जंगली जानवर ने दो बकरियों को शिकार बना दिया है। इस कारण दिन ढलते ही लोग सक्रिय हो जाते हैं। जलोदिया केलूखेड़ा के बसंतीलाल जाट ने बताया कि खेतों पर सिंचाई के लिए जाने वाले किसानों ने जंगली जीव को देखा है। जो धारीदार है और बकरियों से कुछ बड़े आकार का बताते हैं। कई लोगों के पीछे भी दौड़ा, इससे ग्रामीणों में दहशत है। सांडीखेडा गांव के ब्रह्मानन्द, शांतिलाल, मदन, भारत सहित सभी ग्रामीणों ने क्षेत्र में विचरण करने वाले छोटे बड़े सब मिलाकर उनकी संख्या आधा दर्जन से अधिक हैं। ग्रामीणों ने अब अंधेरा होते ही गांव से बाहर जाना बंद कर दिया है।
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