अब जिले की बदलेगी पहचान
मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा की मुझे गर्व है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता प्रतापगढ़ जिले में आयोजित की जा रही है। प्रतापगढ़ जिले को पहले राज्य में अफीम तस्करी के नाम से जाना जाता था। वहीं अब खेलकूद को लेकर जाना जाता है। जिस पर मुझे गर्व है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पंकज मिश्रा, जिला खेल अधिकारी अमित कल्याणी, उप जिला शिक्षा अधिकारी भैरूलाल मीणा सहित कई अधिकारी व जनप्रतिधि मौजूद थे।
मंत्री नंदलाल मीणा ने कहा की मुझे गर्व है कि राज्य स्तरीय प्रतियोगिता प्रतापगढ़ जिले में आयोजित की जा रही है। प्रतापगढ़ जिले को पहले राज्य में अफीम तस्करी के नाम से जाना जाता था। वहीं अब खेलकूद को लेकर जाना जाता है। जिस पर मुझे गर्व है। इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के निदेशक पंकज मिश्रा, जिला खेल अधिकारी अमित कल्याणी, उप जिला शिक्षा अधिकारी भैरूलाल मीणा सहित कई अधिकारी व जनप्रतिधि मौजूद थे।
————————————————— जंगली जानवरों के विचरण से दहशत में सांडीखेड़ा के किसान
रात्रि में खेतों पर जाने से डर रहे किसान
दिन में ही करनी पड़ रही पिलाई
छोटीसादड़ी.
उपखण्ड क्षेत्र के जलोदिया केलूखेड़ा ग्राम पंचायत के सांडीखेडा गांव के ग्रामीणों में गांव के आसपास जंगली जीवों के विचरण से भयभीत हैं। रात में खेतों पर सिंचाई करने जाना भी बंद कर दिया है। लोग अब अंधेरा होते ही घरों से बाहर कदम रखने से कतराते हैं। बकरियां चराने गए ग्रामीणों ने बताया कि जंगली जानवर ने दो बकरियों को शिकार बना दिया है। इस कारण दिन ढलते ही लोग सक्रिय हो जाते हैं। जलोदिया केलूखेड़ा के बसंतीलाल जाट ने बताया कि खेतों पर सिंचाई के लिए जाने वाले किसानों ने जंगली जीव को देखा है। जो धारीदार है और बकरियों से कुछ बड़े आकार का बताते हैं। कई लोगों के पीछे भी दौड़ा, इससे ग्रामीणों में दहशत है। सांडीखेडा गांव के ब्रह्मानन्द, शांतिलाल, मदन, भारत सहित सभी ग्रामीणों ने क्षेत्र में विचरण करने वाले छोटे बड़े सब मिलाकर उनकी संख्या आधा दर्जन से अधिक हैं। ग्रामीणों ने अब अंधेरा होते ही गांव से बाहर जाना बंद कर दिया है।
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रात्रि में खेतों पर जाने से डर रहे किसान
दिन में ही करनी पड़ रही पिलाई
छोटीसादड़ी.
उपखण्ड क्षेत्र के जलोदिया केलूखेड़ा ग्राम पंचायत के सांडीखेडा गांव के ग्रामीणों में गांव के आसपास जंगली जीवों के विचरण से भयभीत हैं। रात में खेतों पर सिंचाई करने जाना भी बंद कर दिया है। लोग अब अंधेरा होते ही घरों से बाहर कदम रखने से कतराते हैं। बकरियां चराने गए ग्रामीणों ने बताया कि जंगली जानवर ने दो बकरियों को शिकार बना दिया है। इस कारण दिन ढलते ही लोग सक्रिय हो जाते हैं। जलोदिया केलूखेड़ा के बसंतीलाल जाट ने बताया कि खेतों पर सिंचाई के लिए जाने वाले किसानों ने जंगली जीव को देखा है। जो धारीदार है और बकरियों से कुछ बड़े आकार का बताते हैं। कई लोगों के पीछे भी दौड़ा, इससे ग्रामीणों में दहशत है। सांडीखेडा गांव के ब्रह्मानन्द, शांतिलाल, मदन, भारत सहित सभी ग्रामीणों ने क्षेत्र में विचरण करने वाले छोटे बड़े सब मिलाकर उनकी संख्या आधा दर्जन से अधिक हैं। ग्रामीणों ने अब अंधेरा होते ही गांव से बाहर जाना बंद कर दिया है।
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