जिला निर्वाचन अधिकारी ने चुनाव आयोग के निर्देशों की पालना करने और वहां से आने वाले परिपत्रों एवं नियमों का गहनता से अध्ययन करने को कहा। उन्होंने कहा कि चुनाव कार्य चुनौतिपूर्ण है। उन्होंने कहा कि गत चुनाव में जिले में कोई संकट की स्थिति पैदा नहीं हुई। इस बार भी ऐसा ही होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मतदान तिथि को मॉकपोल के बाद संबंधित पीठासीन अधिकारियों द्वारा मशीन पर आवश्यक रूप से क्लीयर का बटन दबाएं। इसके बाद ही मतदान प्रारंभ करवाएं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता पर्ची को केवल पहचान के रूप में मान्य किया है। मतदाता सूची में सम्मिलित व्यक्ति द्वारा 11 वैकल्पिक दस्तावेज में से किसी एक पहचान पत्र देने पर मतदान प्रक्रिया में भाग ले सकेंगे। उन्होंने आचार संहिता के उल्लंघन के संबंध में सी-विजिल एप के माध्यम से शिकायत एवं उसके समाधान की जानकारी दी।
अब वोटर पर्ची के साथ आईडी भी दिखानी होगी
प्रारंभ में उपजिला निर्वाचन अधिकारी गोपाललाल स्वर्णकार ने विधानसभा आम चुनाव एवं इस चुनाव में चुनाव आयोग द्वारा लागू विभिन्न नियमों, नवाचारों एवं चुनाव में हुए बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले वोटर स्लिप से मतदान कर सकता था लेकिन लोक सभा चुनाव में 11 वैकल्पिक दस्तावेजों में से एक दस्तावेज को पहचान के रूप में दिखाने पर मतदान में भाग ले सकेगा।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं स्वीप प्रभारी डॉ. वीसी गर्ग ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर उपखण्ड अधिकारी विनोद कुमार मल्होत्रा, जनजाति परियोजना अधिकारी एसडी मीना, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मावजी खांट एवं मास्टर टे्रनर सुधीर वोरा ने प्रशिक्षण दिया। इस अवसर पर मतदान अधिकारियों को दो सत्रों में सैद्धान्तिक एवं व्यवहारिक प्रशिक्षण दिया गया।