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आचार संहिता का ब्रेक हटे तो घूमे विकास का पहिया

locationप्रतापगढ़Published: May 21, 2019 09:51:40 am

Submitted by:

Ram Sharma

सडक़ों के काम ज्यादा प्रभावित

pratapgarh

आचार संहिता का ब्रेक हटे तो घूमे विकास का पहिया

प्रतापगढ़. जिले में आचार संहिता लागू होने से विकास के कई प्रोजेक्ट अटके हुए हैं। हाईवे पर बाईपास, प्रतापगढ़ अरनोद दलोट रोड और शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाने जैसे कई काम अटके अधूरे पड़े हैं। अस्पताल में चिकित्सक नहीं लग पा रहे, वहीं स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति भी नहीं हो पा रही। ये सब कार्य जनता से सीधे जुड़े हुए हैं। इनके अटकने से लोगों को काफी परेशानी हो रही है। पत्रिका ने उन बड़े प्रोजेक्ट की पड़ताल की जहां सबसे ज्यादा परेशानी आ रही है।
प्रोजेक्ट का नाम : एनएच 113 बाईपास
11 किलोमीटर लम्बा यह बाईपास चित्तौड़ रोड पर टोल प्लाजा से कुछ पहले शुरू होगा और अमलावद, बसाड़, मानपुरा, मनोहरगढ़ होते हुए बांसवाड़ा रोड पर टीमरवा के पास मिलेगा। इसकी लागत 131.76 करोड़ है। यह बाईपास 11 किलोमीटर लंबा रहेगा।यह रिंग रोड नीमच, मंदसौर, अरनोद व बांसवाड़ा रोड को जोडऩे में अहम भूमिका अदा करेगा। पहले तो यह बाईपास के तौर पर रहेगा। बाद में इसे राष्ट्रीय राजमार्ग 113 माना जाएगा। बाईपास बनने से शहर के अंदर भारी वाहनों का दबाव कम होगा। सडक़ हादसों में कमी आएगी।
वर्तमान स्थिति : प्रोजेक्ट पर गत दस वर्ष से कार्य हो रहा है। लेकिन गति पिछले कुछ सालों में पकड़ी। वर्तमान में बाईपास के लिए भूमि अवाप्ति हो चुकी है। अवाप्तशुदा भूमि का किसानों को मुआवजा देना है। आचार संहिता लगने के कारण मुआवजे का काम रुक गया। आचार संहिता हटते ही किसानों के खातों में सीधी राशि हस्तांतरित हो जाएगी। इसके बाद बाईपास का निर्माण शुरू हो जाएगा।
प्रोजेक्ट का नाम प्रतापगढ़ से अरनोद म.प्र. रोड
सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से प्रतापगढ़ के जीरो माइल चौराहे से अरनोद होते हुए मध्यप्रदेश की सीमा तक कुल 52.6 0 किमी सीसी सडक़ बनाने के लिए 91.42 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया था। इसमें सडक़ की चौड़ाई 7 मीटर रहेगी वहीं सडक़ के दोनों और 1.50 मीटर चौड़ाई के किनारे रहेंगे। सडक़ निर्माण के दौरान मार्ग में आने वाले खेरोट, अरनोद, नोगांवा, चूपना, मोहेड़ा, दलोट, निनोर, बड़ीसाखथली आदि गांवों में सीसी सडक़ के दोनों तरफ करीब 38 00 मीटर के नाले बनाए जाएंगे।
वर्तमान स्थिति : सडक़ का निर्माण कार्य शुरू हो चुका था। सडक़ का समतलीकरण हो चुका था। रास्ते में कई पुलियाओं का काम हो गया। लेकिन पहले विधानसभा चुनाव आ गए। बाद में लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लग गई। इसके चलते रोड का बजट आवंटन नहीं हुआ। पैसा नहीं मिलने से ठेकेदार ने काम बंद कर दिया।
प्रोजेक्ट का नाम प्रतापगढ़ मन्दसौर रोड
प्रतापगढ़ से मंदसौर सीमा तक करीब तीस किलोमीटर पर सीसीरोड बन चुकी है। रोड के निर्माण के साथ ही इसके साइड में शोल्डर का कार्य भी साथ-साथ चल रहा है। ऐसे में सडक़ के दाईं और 18 .5 किमी और सडक़ के बाईं और 13.2 किमी शोल्डर का कार्य पूरा हो चुका है। टोल प्लाजा का काम शुरू हो चुका है। टोल वसूली के लिए जीरो माइल से आगे 10 किमी की दूरी पर अवलेश्वर फंटे के पास टोल प्लाजा का निर्माण का कार्य भी शुरू कर दिया गया है।
वर्तमान स्थिति : रोड पर शोल्डर निर्माण का काम अधूरा पड़ा है। सडक़ के दोनों और टाइल्स लगनी है लेकिन काम बंद पड़ा है। रोड और इसके पास की भूमि में काफी गेप है। इससे आए दिन हादसे होते हैं। वाहन तेज स्पीड में आते हैं। सडक़ किनारे बने गैप की वजह से वाहन अनियंत्रित हो जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में यहां सुधार की आवश्यकता है।

यहां भी हो रहा काम बाधित
जिला चिकित्सालय में चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। लोकसभा चुनाव से पहले सात चिकित्सक यहां लगाए गए थे। लेकिन इनमें से एक ही चिकित्सक ने कार्यभार संभाला। अस्पताल पर पूरे जिले की चिकित्सा का भार है। लेकिन आधे से ज्यादा चिकित्सकों के पद रिक्त है। जिला चिकित्सालय में वर्तमान में 56 चिकित्सकों के पद सृजित हैं, लेकिन 22 चिकित्सक ही कार्यरत है। आचार संहिता लगने की वजह से नई तबादला सूची जारी नहीं हो रही।
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