सबसे अधिक छोटीसादड़ी, कम अरनोद में
निगम की ओर से गत वित्तीय वर्ष में की गई वसूली ९८.६६ प्रतिशत हुई है। इसमें सबसे कम अरनोद में ९२ प्रतिशत ही वसूली हुई है। जबकि सबसे अधिक वसूली दलोट में १०५.०९ प्रतिशत हुई है।
निगम की ओर से गत वित्तीय वर्ष में की गई वसूली ९८.६६ प्रतिशत हुई है। इसमें सबसे कम अरनोद में ९२ प्रतिशत ही वसूली हुई है। जबकि सबसे अधिक वसूली दलोट में १०५.०९ प्रतिशत हुई है।
यह रहा आंकड़ा
उपखंड वसूली का प्रतिशत
प्रतापगढ़(ग्रामीण) १००.२५
प्रतापगढ़(शहरी) १००.६१
दलोट १०५.०९
अरनोद ९२.१२
छोटीसादड़ी(ग्रामीण)१००.३६
छोटीसादड़ी(शहरी) ९८.६६
धरियावद ९८.२२
पीपलखूंट ९४.६२
कुल ९८.६६ किया है प्रयास
वसूली का लक्ष्य अधिक था। इसे लेकर हमनें पूरी कार्य योजना के साथ काम किया। सभी को लक्ष्य आवंटित किए गए थे। इसका परिणाम रहा कि ९८.६६ प्रतिशत वसूली हुई है। दलोट में सर्वाधित १०५.१६ प्रतिशत वसूली हुई है। जबकि अरनोद में सबसे कम ९२ प्रतिशत ही वसूली हो पाई है।
आईआर मीणा
अधीक्षण अभियंता, अविविनिलि, प्रतापगढ़
उपखंड वसूली का प्रतिशत
प्रतापगढ़(ग्रामीण) १००.२५
प्रतापगढ़(शहरी) १००.६१
दलोट १०५.०९
अरनोद ९२.१२
छोटीसादड़ी(ग्रामीण)१००.३६
छोटीसादड़ी(शहरी) ९८.६६
धरियावद ९८.२२
पीपलखूंट ९४.६२
कुल ९८.६६ किया है प्रयास
वसूली का लक्ष्य अधिक था। इसे लेकर हमनें पूरी कार्य योजना के साथ काम किया। सभी को लक्ष्य आवंटित किए गए थे। इसका परिणाम रहा कि ९८.६६ प्रतिशत वसूली हुई है। दलोट में सर्वाधित १०५.१६ प्रतिशत वसूली हुई है। जबकि अरनोद में सबसे कम ९२ प्रतिशत ही वसूली हो पाई है।
आईआर मीणा
अधीक्षण अभियंता, अविविनिलि, प्रतापगढ़
फोटो….
हादसों का सबब बना टूटा पोल
अमलावद
गांव में एक पोल कई दिनों से टूटा हुआ है। जिस पर अभी तक किसी का भी ध्यान नहीं है। मोहल्ले के ग्रामीणों ने बताया कि एक माह से यह पाले टूटा हुआ है। लेकिन अभी ध्यान नहीं दिया गया है। यहां दो पोल पास में है। दोनों ही पोल नीचे से टूटे हुए है। जो किसी हादसे का सबब बन सकता है। ग्रामीणों ने इसे दुरुस्त कराने की मांग की है।
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हादसों का सबब बना टूटा पोल
अमलावद
गांव में एक पोल कई दिनों से टूटा हुआ है। जिस पर अभी तक किसी का भी ध्यान नहीं है। मोहल्ले के ग्रामीणों ने बताया कि एक माह से यह पाले टूटा हुआ है। लेकिन अभी ध्यान नहीं दिया गया है। यहां दो पोल पास में है। दोनों ही पोल नीचे से टूटे हुए है। जो किसी हादसे का सबब बन सकता है। ग्रामीणों ने इसे दुरुस्त कराने की मांग की है।
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