किसानों को दी सरसों की उन्नत किस्म की जानकारी
प्रतापगढ़.
कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से निकटवर्ती गांव बसेरा में सरसों पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कनोजिया ने बताया कि केन्द्र द्वारा इस वर्ष रबी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत 88 हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों के 220 प्रदर्शन आयोजित किए गए। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों पर नवीनतम तकनीकी का हस्तान्तरण कर सरसों की पैदावार बढ़ाना हैं।

प्रतापगढ़.
कृषि विज्ञान केन्द्र की ओर से निकटवर्ती गांव बसेरा में सरसों पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रभारी डॉ. योगेश कनोजिया ने बताया कि केन्द्र द्वारा इस वर्ष रबी में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के अन्तर्गत 88 हैक्टेयर क्षेत्र में सरसों के 220 प्रदर्शन आयोजित किए गए। जिसका मुख्य उद्देश्य किसानों के खेतों पर नवीनतम तकनीकी का हस्तान्तरण कर सरसों की पैदावार बढ़ाना हैं। इस अवसर पर डॉ. कनोजिया ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड पर विशेष जोर दिया तथा उपस्थित कृषकों को बताया कि अपने खेत की मिट्टी की जांच अवश्य करवाएं। जिससे उनको खेत के स्वास्थ्य के बारे जानकारी मिल जाएगी। डॉ. कन्नोजिया ने फसलों के लिए सोलह पोषक तत्वो की भी जानकारी दी। उन्होंने सरसों में लगने वाले प्रमुख खरपतवार, रोग एवं उनके प्रबन्धन के बारे में बताया।
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन के अन्तर्गत दी गई सरसों की उन्नत किस्म आर.एच.-406 का पौधा 165-212 सेमी ऊंचा होता हैं। इसका दाना चमकदार, तेल की मात्रा अन्य किस्मों की तुलना में अधिक होती हैं। यह किस्म 145-150 दिन में पककर तैयार हो जाती है। इसकी उत्पादन क्षमता 22 से 23 क्विंटल प्रति हैक्टेर हैं। डॉ. कनोजिया ने जिप्सम के प्रयोग पर जोर देते हुए बताया कि सरसों की फसल में प्रमुख रूप से जिप्सम का प्रयोग करें। जिससे तिलहनी फसलो में तेल व दानें की चमक के साथ-साथ दानें का आकर्षण भी बढ़ता है।
केन्द्र के तकनीकी सहायक डॉ. रमेश कुमार डामोर ने कृषकों को अजोला के बारें में जानकारी दी। उन्होंने किसानों को गोबर की खाद को सही तरीके से बनाने के बारें में बताया। राजीविका के ब्लॉक प्रोजेक्ट अधिकारी कृष्णकुमार ने बताया कि फसल उत्पादन के साथ मछलीपालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन व सब्जियों की खेती भी करें। जिससे उनकी आजीविका मजबूत हो सकें।
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काले सोने की सुरक्षा और रखवाली में जुटे भूमिपुत्र
प्रतापगढ़. मोखमपुरा.क्षेत्र में इन दिनों अफीम की फसल की रखवाली में किसान जुट गए है। किसानों ने अफीम की फसल को पशु-पक्षियों से बचाने के लिए कई जतन किए है। जिसमें फसल पर जाली लगाई है। जिससे पक्षियों से बचाव हो सके। वहीं दूसरी ओर रोजड़ों और अन्य मवेशियों से बचाने के लिए चारों तरफ जाली लगाई है। मोखमपुरा क्षेत्र के नाथूखेड़ी गांव में किसानों की ओर से अफीम की फसल को पशु-पक्षियों से बचाव के लिए इंतजाम किया गया ।
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