अब नहीं होने देंगे नगर में चोरी
युवाओं ने ली जिम्मेवारी

रात को नगर में करते हंै गश्त
ग्राम रक्षा दल ने उठाया बीड़ा
छोटीसादड़ी
शहर में चोरियों की वारदातों को देखते हुए गत माह गठित किए गए ग्राम रक्षा दल की ओर से रात को गश्त की जा रही है। जो समूह में गश्त कर रहे है।
चोरी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के जवान तो चौकन्ने है ही, लेकिन शहर के कुछ युवाओं ने भी जिम्मेवारी लेते हुए यह बीड़ा उठाया है कि नगरवासी चेन की नींद ले और रात को चोरी नहीं हो। इसकेलिए जगह-जगह चौराहों गलियों व विभिन्न वार्डों में बाइक से रात्रि में गश्त कर वारदातों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस के जवानों से कन्धे से कन्धा मिलाकर रात्रि में अपनी नींद को त्याग कर पूरी रात गश्त पर निकलते है। ये युवा शहर में चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने में जुटे हुए है।
गत माह किया था ग्राम रक्षा दल का गठन
जिन युवाओं के दल ने नगर की सुरक्षा का जिम्मा उठा रखा है। उसका गठन थाना प्रभारी प्रवीण टांक ने पुलिस थाने में पुलिसकर्मियों की कमी के चलते किया गया। पुलिस थाने में 24 कानिस्टेबल जवानों के बजाय 17 ही उपलब्ध है। ऐसे में इन युवाओ पर विश्वास करते हुए जिले में प्रथम छोटीसादड़ी में ग्राम सुरक्षा दल का गठन किया गया।
पुलिस के जिम्मेवार जवानों के साथ नगर समाजकंटकों, उत्पात मचाने व सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने वालो को पहले तो समजाइश करते है। नहीं मानने पर पकड़ कर पुलिस के हवाले कर सुरक्षा प्रदान करते है।
ये है शामिल
ग्राम रक्षा दल में कई युवा शामिल है। इनमें पुलिस, प्रशासन के साथ लक्ष्मीनारायण उर्फ धोरू साहू के नेतृत्व में विजय माली, पीयूष सोनी, विक्रम उपाध्याय, दिनेश सुथार, सोनू शोरगर, पिंटू सोनी, यस टेलर, मंगलेश शर्मा, पुष्पेंद्र शर्मा, प्रदीप उपाध्याय, प्रहलादसिंह आदि नगर में गली-मोहल्ले व चौराहों पर गश्त कर रहे है।
गत रात्रि ग्राम रक्षा दल ने किया मुकाबला
पवित्र रमजान माह में दाउदी बोहरा समुदाय द्वारा शक्ति और भक्ति के इस पर्व के तहत 23वें दिन जाग की रात में सभी लोग घरों को छोडक़र पवित्र स्थल पर एकत्रित होते है। वहीं धर्मानुसार पूरी श्रद्धा से खुदा की इबादत करते है। इस दौरान गत वर्षों में चोरियां भी हुई थी।
लेकिन मंगलवार की रात्रि को ग्राम रक्षा दल ने चोरों का सामना किया। थाना अधिकारी टांक ने बताया कि सूचना मिलते ही दल के सदस्य नगर के बोहरा बाड़ी नामक स्थल पर पहुंच कर चोरों द्वारा फेंके जा रहे पत्थरों का सामना करते हुए उनकी योजनाओं को नाकामियाब करने में सफल रहे और पहली बार जाग की रात चोरी नहीं हुई।अन्य गांवो व नगरों में चोरी की वारदातों को रोकने के लिए यह दल प्रेरणा का एक उदाहरण बनता जा रहा है।
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