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बारावरदा सीएचसी पर नर्सिंग स्टाफ पर गिरी गाज, अस्पताल से किया रिलीव

locationप्रतापगढ़Published: Jul 17, 2019 01:01:45 pm

Submitted by:

Ram Sharma

तीन कर्मचारियों को जिला मुख्यालय भेजा(hospital news)ग्रामीणों ने विरोधस्वरूप अस्पताल पर की तालाबंदी(agitation of villagers)चिकित्सकों की भूमिका की भी हो रही जांच(pratapgarh news in hindi)

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बारावरदा सीएचसी पर नर्सिंग स्टाफ पर गिरी गाज, अस्पताल से किया रिलीव


प्रतापगढ़. बारावरदा. कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में गत दिनों रात को एक प्रसूता का लेबर रूम के बाहर ही प्रसव होने और मौके पर स्टाफ नहीं मिलने के मामले में स्वास्थ्य विभाग ने प्रारंभिक तौर पर नर्सिंगकर्मियों की लापरवाही मानते हुए उन्हें वहां हटा दिया। इससे पहले ग्रामीणों ने रोष जताते हुए अस्पताल के बाहर तालाबंदी की। सीएमएचओ डॉ वी के जैन ने मौके पर पहुंच कर ग्रामीणों से समझाइश की। इस मामले में डॉक्टरों की भूमिका की भी जांच की जा रही है। उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है।
गौरतलब है कि 14 जुलाई की रात को कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पास के गांव से एक प्रसूता आईथी, लेकिन उसे मौके पर अटैंड करने के लिए अस्पताल में न तो कोई नर्सिंगकर्मी मिला और न ही कोई डॉक्टर मिला।
प्रसूता के साथ आए लोगों ने जब डॉक्टर को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस दौरान महिला का लेबर रूम के बाहर ही प्रसव हो गया।
इस मामले में ग्रामीणों के विरोध और जिला कलक्टर के निर्देश के बाद सीएमएचओ ने सोमवार और मंगलवार को दो दिन तक लगातार अस्पताल का दौरा किया और रिकॉर्ड की जांच की। प्रारम्भिक जांच के बाद सीएमएचओ ने नर्सिंगकर्मियों को लापरवाही का दोषी मानते हुए सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र प्रभारी डॉ.मयूर खण्डेलवाल ने मेलनर्स धारसिंह, अरुण चौधरी ओर मलकाना बी को वहां से तुरंत रिलीव कर दिया। ग्रामीणों ने जताई नाराजगी, अस्पताल में की तालाबंदी
बारावरदा सीएचसी में जांच करने गए सीएमएचओ को ग्रामीणों ने बताया कि अस्पताल के दो नर्सिगकर्मियों धारसिंह और अरूण चौधरी गुटबाजी करते हैं। इससे अस्पताल की व्यवस्था बिगड़ रही है। इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। ग्रामीणों ने मंगलवार को चिकित्सालय के मुख्य द्वार पर तालाबंदी कर रोष जताया और यहां कार्यरत चिकित्सकों को समय पर चिकित्सालय पहुंचने के लिए पाबंद करने की मांग की और चिकित्साकर्मियों को वहां से हटाने की मांग की। सामुदायिक स्वास्थ केन्द्र प्रभारी डॉ.मयूर खण्डेलवाल ने ग्रामीणों के भारी आक्रोश को देखते हुए तीनो मेल नर्स को कार्यमुक्त कर दिया। मौके पर पहुंंचे सीएमएचओ डॉजैन के सामने भी ग्रामीणों ने शिकायत की। इस परडॉजैन ने ग्रामीणों को समझाबुझाकर शांत किया।
नर्सिंगकर्मी घर पर करते हैं प्रैक्टिस, जांच के नाम पर हो रही लीपापोती
ग्रामीणों का कहना था कि मेलनर्स धारसिंह एवं अरुण चौधरी की कई बार शिकायत की, लेकिन कोईकार्रवाई नहीं हुई। दोनों अस्पताल परिसर में बने आवास में ही बैठकर प्रैक्टिस करते हैं और अस्पताल मेें आने वाले मरीजों की ेदेखभाल नहीं करते। चिकित्सा विभाग को सब बातें पता होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
सीएमएचओ को कई बार शिकायत की जा चुकी है। इस बारे में जांच कमेटी ने उनके घर से दवाओं का जखीरा भी बरामद किया। ग्रामीणों का आरोप है कि जांच कमेटी अब मामलेे में लीपापोती कर रही है। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि दोनों नर्सिंगकर्मियों को गत दिनों यहां से ट्रांसफर हो गया था, लेकिन मिली भगत के चलते इन्हें रिलीव नहीं किया जा रहा था। इससे ग्रामीणों में भारी रोष था। अंत में मंगलवार को ग्रामीणों को तालाबंदी करनी पड़ी। इस दौरान ग्रामीणों के साथ जनप्रतिनिधियों में जिला परिषद सदस्य सम्पत मेघवाल पंचायत समिति सदस्य जयप्रकाश सरपंच नाज़ूराम, गोपाल, देवीलाल, गंगाराम मीणा सहित सैंकड़ों ग्रामीण उपस्थित रहे।
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