scriptबुवाई के लिए अफीम नीति घोषित होने का इंतजार | Opium policy waiting for opium sowing to be announced | Patrika News

बुवाई के लिए अफीम नीति घोषित होने का इंतजार

locationप्रतापगढ़Published: Oct 19, 2020 10:14:59 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. कांठल में रबी में प्रमुख रूप से अफीम की फसल होती है। लेकिन इस बार अभी तक नई अफीम नीति घोषित नहीं हुई है। ऐसे में किसानों को इसका इंतजार है। जबकि इस समय तक गत वर्षों में अफीम नीति घोषित हो जाती है। किसान भी बुवाई के लिए तैयारी में लग जाते है। ऐसे में किसानों का कहना है कि नीति घोषित होने में देरी पर अफीम बुवाई और उत्पादन पर संकट होगा। जिससे किसानों की माली हालत खराब होने की आशंका है।

बुवाई के लिए अफीम नीति घोषित होने का इंतजार

बुवाई के लिए अफीम नीति घोषित होने का इंतजार


-कहीं देरी पर ना बिगाड़ दे किसानों की हालत
-अब तक नहीं मिले अफीम पट्टे
-खेत तैयार करने का निकल रहा समय
-किसानों ने उठाई मांग
-किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
प्रतापगढ़. कांठल में रबी में प्रमुख रूप से अफीम की फसल होती है। लेकिन इस बार अभी तक नई अफीम नीति घोषित नहीं हुई है। ऐसे में किसानों को इसका इंतजार है। जबकि इस समय तक गत वर्षों में अफीम नीति घोषित हो जाती है। किसान भी बुवाई के लिए तैयारी में लग जाते है। ऐसे में किसानों का कहना है कि नीति घोषित होने में देरी पर अफीम बुवाई और उत्पादन पर संकट होगा। जिससे किसानों की माली हालत खराब होने की आशंका है। गौरतलब है कि हर वर्ष सितंबर अंत तक अफीम नीति का निर्धारण हो जाता है। गत वर्ष भी नीति का निर्धारण एक अक्टूबर को हुआ था। नतीजन जब फसल पकने लगी तब मार्च की भीषण गर्मी से फसल किसानों की चौपट हो गई। किसान सरकारी मापदंडों को पूरा करने में असमर्थ रहा। जिस कारण उसे बेवजह आर्थिक हानि झेलनी पड़ी। लेकिन वर्ष 2020-21 की अफीम नीति का निर्धारण अब तक नहीं हुआ है। पारम्परिक अफीम किसान जो अफीम के लिए खेत खाली छोड़ देते हैं। ताकि बुवाई अक्टूबर में हो सके। लेकिन इस विलंब के कारण किसान हताश हो चुके हैं।
-किसानों में मायूसी
सामान्य तौर पर हर वर्ष जो अफीम नीति 15 सितंबर को निर्धारित होती थी। वह गत वर्ष एक अक्टूबर को निर्धारित हुई थी सरकार द्वारा इस वर्ष अभी तक निर्धारित नहीं होने पर किसान भी पशोपेश में है।
अफीम उत्पादक किसान सत्यदेवसिंह संचई का कहना है कि विभाग की ओर से अभी तक अफीम नीति घोषित नहीं होने से किसान मायूस हो चुके है। किसानों का कहना है कि नीति शीघ्र घोषित की जाए।
=-=-
जिले में गत वर्ष सवा सात हजार किसान अफीम उत्पादक
प्रतापगढ़ जिले में छोटीसादड़ी और प्रतापगढ़ दो खंड है। विभाग की ओर से छोटीसादड़ी इलाके में कुल ३ हजार ६४५ किसानों को लाइसेंस मिले थे। इनमें से कुल २०४ किसानों ने अफीम की फसल हंकाई है। जबकि ३ हजार ४ सौ ४१ किसान अफीम का उत्पादन किया। जो कुल २२८. ९१ हैक्टैयर में थी। इसी प्रकार प्रतापगढ़ और अरनोद इलाके में कुल ४ हजार २९३ किसानों को लाइसेंस दिए गए थे। इनमें से ३५७ किसानों ने अफीम हंकवाई है। इस प्रकार ३ हजार ९३६ किसान अफीम उत्पादन किया था। जिसमें कुल २४३.५४ हैक्टेयर में अफीम का उत्पादन हुआ था।
-शीघ्र घोषित हो नीति
इस वर्ष सरकार ने अफीम नीति वर्ष 2020-21 का निर्धारण नहीं किया है। ऐसे में किसान पशोपेश में है। देरी होने पर अफीम उत्पादन में भी प्रभाव पड़ेगा। सरकार से मांग है कि शीघ्र ही नीति का निर्धारण किया जाए। अन्यथा विवश होकर किसानों को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा।
कर्नल जयराज सिंह,
संरक्षक, प्रतापगढ़ भारतीय अफीम किसान विकास समिति
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो