सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को न्यायालय में उपस्थित रहने के आदेश
प्रतापगढ़Published: Sep 06, 2019 11:50:00 am
स्थाई लोक अदालत में हुई सुनवाईप्रतापगढ़ से अरनोद व एमपी सीमा तक रोड का मामलानिर्माण के दौरान आवागमन योग्य नहीं बनाया
सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को न्यायालय में उपस्थित रहने के आदेश
स्थाई लोक अदालत में हुई सुनवाई
प्रतापगढ़ से अरनोद व एमपी सीमा तक रोड का मामला
निर्माण के दौरान आवागमन योग्य नहीं बनाया
प्रतापगढ़
स्थाई लोक अदालत के अध्यक्ष योगेश कुमार शर्मा एवं सदस्य अजय कुमार पिछोलिया ने एक जनहित याचिका में गुुरुवार को सुनवाई की। इस दौरान आदेश जारी करते हुए सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को 18 सितंबर 2019 को स्थाई लोक अदालत के समक्ष व्यक्तिगत उपस्थित रहने का आदेश प्रदान किया है।
याचिकाकर्ता अधिवक्ता रमेशचंद्र शर्मा ने बताया कि प्रतापगढ़ से अरनोद सडक़ मार्ग पूरी तरह से खस्ताहाल हो चुका है। वहां पर आमजन को आने-जाने में काफी असुविधाएं हो रही हैं। उक्त सडक़ पिछले एक वर्ष से अधिक समय से खराब है। इसका निर्माण बहुत ही धीमा चल रहा है। इस कारण आमजन को आने जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस सडक़ मार्ग पर काफी दुर्घटनाएं घटित हो चुकी है। प्रतापगढ़ से अरनोद सडक़ मार्ग जो मध्य प्रदेश की सीमा तक है। करीब 5२ किलोमीटर की सडक़ पूरी तरह से टूट गई है। आवागमन योग्य नहीं है। सडक़ पर बड़े.बड़े गड्ढे पड़े हुए हैं। पानी भरा हुआ है, कीचड़ हो रहा है। आमजन परेशान हो रहे हैं। इसलिए संबंधित विभाग के अधिकारी इस सडक़ मार्ग को आवागमन योग्य बनाएं। इस संबंध में पूर्व में भी स्थाई लोक अदालत द्वारा आदेश प्रदान किया गया था। सार्वजनिक निर्माण के अधिकारियों एवं संबंधित ठेकेदार ने सडक़ मार्ग को आवागमन योग्य नहीं बनाया। इस कारण आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। स्थाई लोक अदालत प्रतापगढ़ द्वारा आदेश प्रदान किया गया है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता नियत पेशी पर उपस्थित नहीं होंगे तो यह न्यायालय के आदेश की अवहेलना मानी जाएगी। उनके उपस्थित नहीं रहने पर प्रकरण में एक तरफा कार्रवाई कर आदेश प्रदान किया जाएगा। स्थाई लोक अदालत ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के स्थानीय अधिकारियों की भी घोर लापरवाही मानी है। तलबी की एक प्रति स्थानीय अधिकारियों को भी दी गई है कि वह अपने मुख्य अभियंता को सूचित करें एवं नियत पेशी 18 सितंबर 2019 को न्यायालय में उपस्थित रहकर स्पष्टीकरण पेश करें।