प्रतापगढ़ के युवा बनें स्किल ऑइकन
प्रतापगढ़Published: Nov 15, 2017 08:02:14 pm
-जिला स्तरीय कौशल विकास समिति की बैठक
-कलक्टर ने की कौशल विकास कार्यक्रम की समीक्षा
-अधिकारियों से कहा कौशल प्रशिक्षण से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ें
प्रतापगढ़.
जिला कलक्टर नेहा गिरि ने कहा है कि कौशल विकास कार्यक्रमों से अधिक से अधिक युवाओं को जोड़ें तथा जिले की आवश्यकताओं के अनुरूप पाठ्यक्रम शुरू कराएं ताकि राज्य सरकार की मंशा के अनुरूप आमजन को इसका अधिकतम लाभ मिले। हम चाहते हैं कि जिले के प्रशिक्षित युवाओं को बेहतर जॉब मिले और वे राज्य स्तर पर स्किल ऑइकन के रूप में उभरें। जिला कलक्टर बुधवार को मिनी सचिवालय सभागार में राजस्थान कौशल एवं आजीविका विकास निगम की जिला स्तरीय आजीविका विकास समिति की बैठक की अध्यक्षता कर रही थीं। उन्होंने निगम की ओर से संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की समीक्षा और सराहना करते हुए कहा कि जिले में ट्रेक्टर रिपेयरिंग, पापड़, मसाला, अगरबत्ती, वर्मी कंपोस्ट, मधुमक्खी पालन से जुड़े ट्रेड शुरू किए जाएं। उन्होंने आईसीडीएस उपनिदेशक से कहा कि पापड़-मसाला निर्माण से महिलाओं को जोड़ें और मार्केटिंग के लिए कंपनियों से एमओयू कराएं ताकि महिलाओं द्वारा बनाए गए सामान की तत्काल बिक्री हो सके। उन्होंने कहा कि जिले में जो सरकारी भवन खाली व अनुपयोगी पड़े हैं, उनमें कौशल विकास केंद्रों का संचालन किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण केंद्रों में दी जाने वाली सुविधाओं, प्रशिक्षण के फायदों एवं प्रोत्साहन राशि का अधिक से अधिक प्रचार करें और लोगों को बताएं कि कैसे तीन माह का प्रशिक्षण उनकी जिंदगी के मायने बदल सकता है। उन्होंने कहा कि कौशल प्रशिक्षण के बाद जो युवक बेहतर प्लेसमेंट पा रहे हैं, उनकी सफलता की कहानियां प्रकाशित-प्रसारित करें ताकि दूसरे लोगों को भी उनसे प्रेरणा व प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने माध्यमिक एवं प्रारंभिक जिला शिक्षा अधिकारियों से कहा कि वे स्कूलों में कौशल विकास कार्यक्रमों का समुचित प्रचार-प्रसार करें ताकि स्कूल शिक्षा के बाद विद्यार्थी उनसे जुड़ सकते हैं। साथ ही अपने परिवार के अन्य युवाओं को प्रेरित कर सकते हैं। आरएसएलडीसी के जिला प्रबंधक अशोक कुमार ने बताया कि जिले में तीन कौशल विकास केंद्रों पर 18 0 युवाओं को नर्सिंग, सेल्स एसोशिएट व सिलाई का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कारूंडा गांव में नया केंद्र सिलाई के लिए खोला जाना प्रस्तावित है। दिसंबर के अंतिम सप्ताह तक इसका संचालन शुरू हो जाएगा। केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले विशेष योग्यजनों एवं महिलाओं को परिवहन सहायता एवं नियोजन उपरांत भी तीन माह क आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। जिला सलाहकार रेणु त्रिपाठी ने निगम की विभिन्न योजनाओं में अर्जित उपलब्धियों व समस्याओं पर चर्चा की। इस दौरान अरनोद एसडीएम कुलराज मीणा, टीएडी परियोजना अधिकारी सुमन मीणा, कमिश्नर अशोक जैन, टीएडी के डिप्टी डीईओ भैरूंलाल मीणा, अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी महेश चौहान, आईसीडीएस उपनिदेशक पार्वती कटारा, पीआरओ कुमार अजय, जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक हेमेंद्र उपाध्याय, जिला शिक्षा अधिकारी प्रारंभिक मावजी खांट, एनयूएलएम से जिला प्रबंधक मनीष व्यास सहित संबंधित अधिकारी व ट्रेनिंग पार्टनर्स मौजूद थे।