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चिंताजनक : प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर रहा प्रतापगढ़ जिला

locationप्रतापगढ़Published: Jun 04, 2019 12:37:58 pm

Submitted by:

Ram Sharma

प्रदेश में 33वां जिला 33वीं पायदान पर रहा
जिले का परिणाम 69.41 प्रतिशत रहागत वर्ष के मुकाबले 00.45 फीसदी की गिरावट

pratapgarh

चिंताजनक : प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर रहा प्रतापगढ़ जिला




प्रतापगढ़. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड, अजमेर ने सोमवार को दसवीं बोर्ड का परिणाम जारी कर दिया। गत वर्ष की तुलना में इस बार परिणाम में 00.45 प्रतिशत की मामूली गिरावट रही। प्रतापगढ़ जिले में दसवीं बोर्ड के पिछले 08 सालों में गिरावट परिणाम रही। इससे भी निराशाजनक बात यह है कि जिले का परिणाम राज्य स्तरीय वरीयता सूची में 33वीं पायदान है। यानी पूरे प्रदेश में प्रतापगढ़ जिला सबसे नीचे रहा।
खास बात यह है कि विद्यार्थियों का व्यक्तिगत स्तर पर प्रदर्शन बहुत अच्छा रहा। जिले में 90 प्रतिशत से अधिक अंक हासिल करने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी कम नहीं रही। लेकिन शिक्षा विभाग का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। जिले के मात्र दो राजकीय विद्यालयों का परिणाम शत प्रतिशत रहा।
छात्राओं ने बाजी मारी : इस बार भी बोर्ड में वरीयता सूची जारी नहीं की। लेकिन राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सोमवार को जारी परिणाम में सोमवार शाम तक प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले की तीन छात्राओं ने 95 फीसदी से अधिक अंक हासिल कर जिले का नाम रोशन किया।
जिले के मंूगाणा कस्बे की हिमाद्रि लबाना ने 97 फीसदी, छोटीसादड़ी की छात्रा वंदना जाटव ने 96 .67 और कृष्णा साहू ने 95.33प्रतिशत अंक प्राप्त किए हैं।
इस वर्ष 12वीं बोर्ड की विज्ञान, कला और वाणिज्य संकाय में भी परिणाम विगत वर्षो की तुलना में बेहतर रहे है। लेकिन इस बार प्रतापगढ़ जिले में दसवीं बोर्ड परीक्षा परिणाम में पिछले सालों के मुकाबले निराशाजनक रहा है। जिले के मात्र दो राजकीय व 9 निजी विद्यालयों का ही परीक्षा परिणाम शतप्रतिशत रह पाया है। यह आंकड़ा भी शिक्षा विभाग के लिए निराशाजनक है।
छोटीसादड़ी . नगर के आदर्श विद्या मंदिर माध्यमिक विद्यालय की छात्रा वंदना जाटव ने 10वी बोर्ड में 96 .6 7 प्रतिशत अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया। वह भविष्य में सिविल सेवा में जाना चाहती है। यादव मोहल्ला निवासी अर्जुन लाल जाटव की पुत्री वंदना ने अपनी सफलता का श्रेय विद्यालय के अध्यापक व प्रधानाचार्य कैलाश शर्मा और माता -पिता को दिया है। वह आगे पढ़ कर आईएएस बनना चाहती है।
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