पांचवें स्थान पर रहा प्रतापगढ़
प्रतापगढ़Published: Jan 16, 2018 11:13:36 am
पुलिस कार्यप्रणाली का ग्राफ बढ़ा, अपराधों में हुई कमी
प्रतापगढ़ पुलिस कार्य प्रणाली और अपराधों पर रोकथाम को लेकर वर्ष 2017 में की गईरैंकिंग में प्रतापगढ़ जिला प्रदेश में पांचवें स्थान पर रहा।जिले की पुलिस ने गत वर्षों की तुलना में आपराधिक गतिविधियों पर लगाम कसी है। इस संबंध में जिला पुलिस अधीक्षक शिवराम मीणा ने सोमवार को प्रेसवार्ता में जानकारी उपलब्ध कराई। उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 में वांछित अपराधियों, मादक पदार्थ तस्करों एवं फिरौती की मांग कर धमकाने वालों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की गई, जिले में अपराधों पर अंकुश लगा है। वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी में सफलता मिली है। पुलिस की ओर से किए गए उत्कृष्ट कार्यों के परिणामस्वरूप प्रतापगढ़ जिला कार्य मूल्यांकन प्रणाली में प्रदेश स्तर पर 5वें स्थान पर रहा। वर्ष 2017 में जिले के थानों में दर्ज प्रकरणों का निस्तारण करने एवं पेंडेन्सी निर्धारित मापदण्ड से कम रखने के कारण सम्पूर्ण जिले की पेण्डेन्सी 3.17 प्रतिशत रहा हैं।
अपराधों में गत वर्ष की तुलना में कमी
जिले में अपराधों में वर्ष 2016 में 18 72 प्रकरणों की तुलना में वर्ष 2017 में 18 18 प्रकरण दर्ज हुए। 54 प्रकरण कम दर्ज हो 2.8 8 प्रतिशत की कमी रही हैं।
इसी प्रकार लोकल एवं स्पेशल अधिनियम के तहत वर्ष 2016 में 8 76 प्रकरणों की तुलना मेंए वर्ष 2017 में 925 प्रकरण दर्ज हो 49 प्रकरणों की वृद्धि हो 5.59 प्रतिशत की वृद्धि रही हैं।
महिला अत्याचार एवं एससीएटी में कमी
महिला अत्याचार के प्रकरणों में वर्ष 2016 में 572 प्रकरण दर्ज हुए थे। वर्ष 2017 में 552 प्रकरण दर्ज हुए, 20 प्रकरणों की कमी हुई। एसटीएससी प्रकरणों में वर्ष 2016 में 58 प्रकरण दर्ज हुए। वर्ष 2017 में 37 प्रकरण दर्ज हुए।
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रतनलाल भार्गव ने बताया कि इसी प्रकार सडक़ दुर्घटनाओं पर रोकथाम हुई है। गत वर्ष की तुलना में दुघटनाओं की संख्या तथा मृतकों व घायलों में कमी रही जो राज्य के उत्कृष्ट 5 जिलों में स्थान रहा हैं।
कार्य मूल्यांकन प्रणाली में वर्षभर प्रथम 10 में
पुलिस मुख्यालय की ओर से जिले की कार्यवाइयों एवं कानून व्यवस्था आदि के आधार पर की जाने वाली कार्य मूल्यांकन प्रणाली में जिला प्रतापगढ़ का पूरे वर्ष में टॉप 10 जिलों में रहा। औसत आधार पर 5वां स्थान तथा माह दिसम्बर 2017 में भी 5वें स्थान पर रहा। अवैध हथियार धारकों के खिलाफ वर्ष 2016 में दर्ज 126 प्रकरणों की तुलना में वर्ष 2017 में कुल 152 प्रकरण दर्ज कर 156 आरोपियों को गिरफ्तार कर 10 पिस्टल, 2 बन्दुक व 143 अन्य धारदार हथियार बरामद किए गए।