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प्रतापगढ़ रहा बंद, सुबह से शाम तक बंद रही दुकानें

locationप्रतापगढ़Published: Apr 02, 2018 06:42:24 pm

Submitted by:

rajesh dixit

-एससी-एसटी संगठनों ने निकाली रैली, बनाई मानव श्रंखला

Pratapgarh

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प्रतापगढ़.
सुबह से दुकानें बंद, दिनभर बंद कराने के लिए घूमती युवाओं की टोलियां और बाजार बंद रहने से सडक़ों पर पसरा सन्नाटा। शहरों सहित विभिन्न कस्बों में सोमवार को दिनभर यही नजारा दिखाई दिया। अनुसूचित जाति-जनजाति एक्ट में संशोधन के विरोध में भारत बंद के आह्वान के चलते सोमवार को प्रतापगढ़ जिला भी पूरी तरह से बंद रहा। सुबह से शाम तक शहर में दुकानें नहीं खुली। जहां प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी, अरनोद और पीपलखूंट उपखंड क्षेत्र में छिटपुट घटनाओं को छोडकऱ बंद शांतिपूर्ण रहा वहीं धरियावद उपखंड क्षेत्र में बंद कराने के दौरान व्यापारी से मारपीट के बाद तनावपूर्ण स्थिति हो गई। जिसके बाद पुलिस और प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए अतिरिक्त जाप्ता तैनात कर स्थिति संभाली।
किया प्रदर्शन, सौंपाा ज्ञापन
वैसे तो बंद के आह्वान के चलते शहर में व्यापारियों ने अपने प्रतिष्ठान बंद रखे। इसके बावजूद युवाओं की टोलियां दिनभर नारे लगाते हुए दुकानें बंद कराने के लिए घूमती रही और उन्होंने इक्का-दुक्का खुली दुकानों को भी बंद करवा दिया। अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष समिति, एससी-एसटी संगठनों की ओर से प्रतापगढ़ शहर में गांधी चौराहे पर मानव श्रंखला बनाकर प्रदर्शन किया गया। इसके बाद रैली निकाली गई। जो सूरजपोल चौराहे से शुरू होकर धानमंडी, सदर बाजार, लुहार गली, गोपालगंज होते हुए गांधी चौराहे पर पहुंची। रैली में शामिल युवाओं ने जोरदार नारे लगाए। गांधी चौराहे पर आदिवासी युवाओं ने घेरे में गेर नृत्य भी किया। रैली के बाद जिला प्रशासन को राष्ट्रपति के नाम का ज्ञापन सौंंपा गया। इसके बाद नगरपरिषद उद्यान में सभा का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए खातूराम मीणा, नेतराम मेघवाल, ईश्वरलाल धोबी, सुरेश मालवीय, कैलाश मालवीय, भरत पारगी, प्रेमलाल, सूरज गणवा, सावन चनाल, सूरज मीणा, छात्र नेता शम्भूलाल, कालू बॉक्सर आदि कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए।
पसरा रहा सन्नाटा
सुबह से शाम तक बाजार बंद रहने से शहर में आमतौर पर रहने वाली चहल-पहल काफी कम रही। दोपहर के समय तो शहर के प्रमुख मार्गो, बाजारों और चौराहों पर सन्नाटा पसरा रहा और पुलिसकर्मियों के अलावा इक्का-दुक्का वाहन चालक और राहगीर ही दिखाई दिए।
चाय-नाश्ते और भोजन को तरसे
बंद के दौरान सुबह से ही छोटी गुमटियां और फल-सब्जी की थडिय़ा तक बंद रही ऐसे में लोग चाय-नाश्ते तक को तरस गए। बाहर से नौकरी आदि के सिलसिले में यहां अकेले रहने वाले लोग जो भोजनालयों में खाना खाते हैं उन्हें खाना तक नसीब नहीं हुआ। ऐसे में उन्हें पूरा दिन भूखे ही गुजारना पड़ा।
इमरजेंसी सेवाएं रही सुचारू
बंद के दौरान सभी इमरजेंसी सेवाओं को अलग रखा गया। सभी इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रही। शहर में मेडिकल, अस्पताल, निजी क्लिनिक आदि खुले रहे।
अधिकारियों ने संभाले रखा मोर्चा
बंद के दौरान किसी अप्रिय स्थिति से बचने और उससे निपटने के लिए कार्यवाहक कलक्टर हेमेन्द्र नागर और जिला पुलिस अधीक्षक शिवराज मीणा के निर्देशन में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभाले रखा। अधिकारियों ने दिनभर स्थिति पर नजर रखी और आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे।
पुलिस रही मुस्तैद
प्रतापगढ़ बंद को लेकर सुबह से ही पुलिस मुस्तैद रही। शहर से अंदर आने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी कर वाहनों और लोगों की जांच की गई। किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए शहर के विभिन्न चौराहों सहित बाजारों में पुलिस जाप्ते तैनात रहे वहीं दुकानें बंद कराने निकली टोलियों के पीछे भी पुलिस घूमती रही।
शाम को खुलने लगे दुकानें
दिनभर बंद रहने के बाद शाम ढलने के साथ ही कुछ दुकानें खुलने लगी। तब कहीं जाकर लोगों को कुछ राहत मिली और उन्होंने इन दुकानों के खुलने के साथ चाय-नाश्ता किया और जरुरत की खरीदारी की।
अरनोद
कस्बे में अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष समिति के नेतृत्व में रैली अंबेडकर चौराहे से शुरू हुई। जो अरनोद के प्रमुख मार्गों से होते हुए उपखंड कार्यालय पहुंची। जहां उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि पूरे देश में जातीय आधार पर एस सी एस टी वर्ग के गरीब लाचार व कमजोर व्यक्तियों पर वर्षों से अत्याचार होता आया है। जिसे रोकने के लिए अनूसुचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 198 9 बना कर लागू किया गया था। इस अधिनियम में बदलाव किया जा रहा है। जिसे पुन: उसी स्थिति में लागू किया जाए जैसा पहले था।
पीपलखूंट
अनुसूचित जाति जनजाति संघर्ष समिति पीपलखूंट द्वारा अंबेडकर सर्किल पर भारत बंद के तहत पीपलखूंट बंद कराकर रैली निकाली।
राष्ट्रपति के नाम पीपलखूंट तहसीलदार ललित पुरोहित को ज्ञापन सौंपा।ज्ञापन में अनुसूचित जाति जनजाति समिति द्वारा ज्ञापन के माध्यम से सर्वोच्च न्यायालय के आदेश दिनांक 21 मार्च 2018 को जो निर्णय दिया।उस ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया। जो न्यायोचित नहीं है। दिए गए आदेश से अनुसूचित जाति जनजाति की सामाजिक सुरक्षा लगभग समाप्त हो चुकी है।इस फैसले से लोगों मे भय का माहौल पैदा हो गया है।
घंटाली
भारत बंद के दौरान जनप्रतिनिधि एवं व्यापारी मंडल की ओर से रैली निकालकर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया गया।इसमें कई गांवों से लोगों ने भाग लिया।
छोटीसादड़ी
एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के ताजा फैसले के बाद दलित संगठनों की ओर से विरोध को लेकर नगर आंशिक बंद रहा। विभिन्न दलित संगठनों की ओर से नगर में वाहन रैली निकाली गई।दुकानदारों ने दलित संगठनों के युवाओं को देख अपनी दुकानों का शटर बन्द कर बाहर बैठे रहे। दलित संगठनों द्वारा नगर बन्द का मिला जुला असर देखने को मिला। सुबह 11 बजे बाद तो बाजार खुलने प्रारम्भ हुए जो 12 बजे तक पूर्ण खुल गया और बाजार में चहल पहल शुरू हो गई।वहीं दलित संगठनों के पदाधिकारियों ने नगरवासियों का बन्द में सहयोग करने पर आभार व्यक्त किया।
बारावरदा
यहां बंाजार पूर्ण रूप से बंद रहे।एक दुकान खुली होने पर रैली निकालते समय कुछ युवाओं ने हंगामा किया।दुकानदार घनश्याम सोनी के साथ हाथापाई की। इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस कुछ देर में पहुंची और मामला शांत कराया। इसके बाद बाजार शांतिपूर्वक बंद रहे। अंबेडकर मंच की ओर से सभा को संबोधित किया।
सालमगढ़
अनुसूचित जाति व जनजाति एक्ट में संशोधन के खिलाफ किए गए बंद के आह्वान पर सालमगढ़ कस्बा पूर्णता बंद रहा। साथ ही अनुसूचित जाति जनजाति के लोगों द्वारा सालमगढ़ में मोटरसाइकिल में रैली भी निकाली गई।
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