निजी प्रकाशकों और राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल की पुस्तकों के मूल्य में भारी अंतर है। उदाहरण के लिए पुस्तक मंडल में पहली कक्षा की पुस्तक महज 30 रुपए की है, जबकि इसी कक्षा की पुस्तक निजी पब्लिशर्स की पुस्तक 200 से 300 रूपए कीमत मेें उपलब्ध हो रही है। इनमें हिन्दी व अंग्रेजी विषय अनिवार्य रूप से पढ़ाई जा रही है। इस प्रकार राजस्थान पाठ्य पुस्तक मण्डल की ओर से प्रकाशित पहली से आठवीं कक्षा की पुस्तकें महज 200 से 300 रूपए में ही उपलब्ध हो रही हंै। जबकि निजी विद्यालय अपनी मनमर्जी के मुताबिक पब्लिशर्स की पुस्तकें थोप कर इन्हीं पुस्तकों की कीमत दो से तीन हजार रुपए तक वसूल रहे हैं।
डिमाण्ड हो तो 15 दिन मेें आपूर्ति
राज्य पुस्तक मण्डल की ओर से कक्षा 1 से 8 के लिए अंग्रेजी माध्यम का पाठ्यक्रम तैयार करवाया गया है। जो काफी सस्ता है। लेकिन अब तक किसी भी पुस्तक विक्रेता की ओर से अंग्रेजी माध्यम की पुस्तकों के लिए डिमाण्ड प्राप्त नहीं हुई है। यदि डिमाण्ड मिलती है तो 15 दिन के अन्दर पूर्ति कर दी जाएगी।
उदयराम निनामा, क्षेत्रिय प्रबंधक राजस्थान राज्य पुस्तक वितरण केन्द्र, प्रतापगढ़