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समस्या: मौसम से कहीं बिगड़ ना जाए तेंदुपत्ता

locationप्रतापगढ़Published: Jun 02, 2023 02:44:06 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

पिछले दिनों बारिश और अंधड़ से नुकसान की आशंका

समस्या:  मौसम से कहीं बिगड़ ना जाए तेंदुपत्ता

समस्या: मौसम से कहीं बिगड़ ना जाए तेंदुपत्ता

इस वर्ष वन विभाग को हुई है 9 करोड़ 41 लाख की आय
जंगल से तेंदुपत्ता संग्रहण का चल रहा कार्य, जिले में 20 इकाइयों के हुए ठेके

प्रतापगढ़. जिले के जंगल में इन दिनों तेंदुपत्ता तुड़ाई और संग्रहण का कार्य चल रहा है। लेकिन इस वर्ष मौसम बिगडऩे से कुछ दिनों के अंतराल से बारिश हो रही है। इसके साथ ही अंधड़ के साथ बारिश भी हुई है। जिससे तेंदुपत्ता खराब होने की आशंका बढ़ रही है। जिले में गत एक माह से तेंदुपत्ता तुड़ाई का कार्य जोरों पर चल रहा है। जिले में इस वर्ष जंगल में 20 इकाइयों के ठेके हुए है। यहां ठेकेदार की ओर से जंगल से श्रमिकों से पत्तों की तुड़ाई कर संग्रहण किया जा रहा है। जिसमें यहां के स्थानीय लोगों को मजदूरी मिल रही है। इस वर्ष वन विभाग को कुल 9 करोड़ 41 लाख रुपए की आय हुई है। लेकिन इस वर्ष शुरू से ही मौसम बदलने से बारिश हो रही है। जिससे तेंदुपत्ता खराब होने की आशंका बढ़ गई है।
गत वर्ष से कम मिला राजस्व
इस वर्ष प्रतापगढ़ के जगंलों से सरकार को तेन्दूपत्ता संग्रहण से गत वर्ष के मुकाबले राजस्व कम मिला है। गत वर्ष जहां इसका ठेका 16 करोड़ 23 लाख रुपए का हुआ था। वहीं इस वर्ष यह ठेका 9.41 करोड़ रुपए में हुआ है। यह राजस्व पिछले वर्ष की तुलना में 42 प्रतिशत कम है। जिसका मुख्य कारण मध्यप्रदेश, छतीसगढ़, गुजरात में टेंडर राजस्थान से पहले होना है। कई व्यापारियों के पास पुराने माल का पर्याप्त स्टॉक भी रहा है।स्थानीय लोगों को रोजगार
जंगल से तेंदुपत्ता तुड़ाई से स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है। जहां इस वर्ष प्रतापगढ़ के जगंलो से राजस्थान सरकार को तेन्दूपत्ता संग्रहण से 9.41 करोड़ की राजस्व आय होगी। वहीं दूसरी ओर तेन्दूपत्ता संग्रहण के लिए बड़ी संख्या में श्रमिकों की जरूरत होती है। ऐसे में इससे जिले के जंगल में निवासरत हजारों की संख्या में स्थानीय श्रमिकों को रोजगार मिल रहा है। जंगल में इस कार्य में करीरब साढ़े चार लाख मानव दिवस सृजित होता है। जिससे इस वर्ष करीब 94 हजार बोरे होंगे। इनसे श्रमिकों को करीब 11 करोड़ रुपए को मेहनताना मिलेगा।
स्थानीय लोगों को जंगल से बड़ा रोजगार
तेंदुपत्ता के ठेकों से जहां सरकार को राजस्व मिलता है। इसके साथ ही जंगल में निवासरत लोगों को अच्छा रोजगार मिलता है। जो बड़ी बात है। गत वर्ष से इस वर्ष प्रति बोरों का मेहनताना भी बढ़ाया है। इस वर्ष एक बोरे की रेट 12 सौ रुपए की गई है। हालंाकि इस वर्ष बारिश से तेंदुपत्ता खराब होने की आशंका है। लेकिन इसमें विभाग का कोई हस्तक्षेप नहीं होता है। खराबा होने पर ठेकेदार को ही इसका नुकसान उठाना पड़ता है।
सुनीलकुमार, उपवन संरक्षक

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