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उत्पादन में कमी, भाव मिल रहे औसत

locationप्रतापगढ़Published: Oct 20, 2020 09:37:02 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. इस वर्ष खरीफ की फसल में प्रमुख व्यावसायिक फसल सोयाबीन का उत्पादन काफी कम हुआ है। ऐसे में किसानों में मायूसी है। वहीं समर्थन मूल्य भी तय किया गया है। जो ३८८० रुपए प्रति क्विंटल है। लेकिन खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है। इसे आगामी माह से शुरू किया जाना है। वहीं किसान भी खेतों में व्यस्त है। ऐसे में मंडी में अभी आवक कम होने से भाव भी औसत मिल रहे है।

उत्पादन में कमी, भाव मिल रहे औसत

उत्पादन में कमी, भाव मिल रहे औसत


-जिले में सोयाबीन का उत्पादन घटा
-मक्का की तरफ बढ़ा रुझान
-प्रतापगढ़.
इस वर्ष खरीफ की फसल में प्रमुख व्यावसायिक फसल सोयाबीन का उत्पादन काफी कम हुआ है। ऐसे में किसानों में मायूसी है। वहीं समर्थन मूल्य भी तय किया गया है। जो ३८८० रुपए प्रति क्विंटल है। लेकिन खरीदी अभी शुरू नहीं हुई है। इसे आगामी माह से शुरू किया जाना है। वहीं किसान भी खेतों में व्यस्त है। ऐसे में मंडी में अभी आवक कम होने से भाव भी औसत मिल रहे है। हालांकि समर्थन मूल्य पर अभी खरीद नहीं हुई है। जिससे किसानों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदी का इंतजार है। हालांकि अभी आवश्यकता वाले किसान अपनी उपज बेच रहे है।
गौरतलब है कि प्रतापगढ़ जिले में खरीफ की फसल में प्रमुख व्यावसायिक फसल सोयाबीन ही है। लेकिन गत कुछ वर्षों से सोयाबीन की उपज आशानुरुप नहीं हो रही है। कभी अतिवृष्टि तो कभी खंडवृष्टि। ऐसे में सोयाबीन की उपज में लगातार कमी होती जा रही है। इस वर्ष भी यही हाल रहा है। जिले में कई इलाकों में एक क्विंटल से दो क्विंटल तक प्रति बीघा में उपज बैठ रही है। जिससे खर्चा भी नहीं मिल रहा है। अभी मंडी में भी गत वर्षों की तुलना में आवक कम हो रही है। हालांकि भाव औसत मिल रहे है। अभी मंडी में सोयाबीन के भाव साढ़े तीन हजार रुपए से लेकर साढ़े चार हजार रुपए प्रति क्विंटल तक भाव है। हालांकि यह भाव कब कम हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता है।
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कृषि उपज मंडी में इन दिनों की औसत आवक
उपज आवक
सोयाबीन ३७००
मक्का ४००
लहसुन ३७०
मैथी १५०
गेहूं ३००
चना १५०
मसूर ५०
अलसी १५०
प्याज १५०
(आंकड़े क्विंटल में, कृषि उपज मंडी समिति के अनुसार)
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होने लगी आवक
इन दिनों किसान अपने खेतों में व्यस्त है। जो खरीफ की फसल समेटने में लगे हुए है। वहीं रबी की बुवाई की भी तैयारी की जा रही है। इस वर्ष सोयाबीन का उत्पादन भी कम हुआ है। औसत भी कम बैठी है। ऐसे में यहां मंडी में अभी उपज की आवक हो रही है। मंडी में आने वाले किसानों को सभी सुविधाएं दी जा रही है। हालांकि आगे से आवक बढ़ेगी।
-मदनलाल गुर्जर,
-सचिव, कृषि उपज मंडी समिति, प्रतापगढ़
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