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protest against ban on wheat export गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध व पोस्तदाना आयात के निर्णय का विरोध

locationप्रतापगढ़Published: May 20, 2022 02:10:46 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

protest against ban on wheat export गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध व पोस्तदाना आयात के निर्णय का विरोध

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छोटीसादड़ी. केंद्र सरकार द्वारा गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध व पोस्तदाना आयात करने का निर्णय वापस लेने की मांग को लेकर किसान एवं मजदूर कांग्रेस द्वारा पूर्व प्रधान मनोहरलाल आंजना के नेतृत्व में गुरुवार को प्रदर्शन किया गया। इस दौरान राष्ट्रपति के नाम एसडीएम विनोद कुमार मल्होत्रा को ज्ञापन सौंपा गया। ब्लॉक किसान कांग्रेस अध्यक्ष मुकेश जाट ने बताया कि भारत सरकार द्वारा अभी गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने व पोस्तादाना आयात करने का निर्णय लिया है। जिस कारण इन ङ्क्षजसों की कीमतों में भारी कमी आई है। जिससे किसान परिवार को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। गेहूं निर्यात पर लगाया गया प्रतिबंध समाप्त करें। पोस्तदाना आयात करने के निर्णय को वापस लें। ताकि किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके। इस दौरान प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य अमृतलाल बंडी, ब्लॉक अध्यक्ष राधेश्याम पाटीदार, नगर कांग्रेस अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता एवं किसान मौजूद थे।
दो दिन मंडी रहेगी बंद
केंद्र सरकार के इस निर्णय के विरोध में किसान एवं मजदूर कांग्रेस द्वारा किसानों के हितों में सरदार वल्लभभाई पटेल कृषि उपज मंडी में 20 व 21 मई को 2 दिन बंद रखा जाएगा। इस संबंध में सभी किसानों को सूचना दी गई है।
भावों में अनिश्चिततता से किसान असमंजस में
प्रतापगढ़. सरकार ने हाल ही में गेहूं के निर्यात पर रोक लगाई है। ऐसे मेें प्रतापगढ़ जिले में भी गेहंू के भावों में करीब ढाई सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल तक गिर गए है। जबकि अनिश्चितता को देखते हुए किसान भी असंमजस में है। वहीं मंडियों में भी आवक में कमी हो गई है।
गौरतलब है कि गत दिनों ही केन्द्र सरकार की ओर से गेहूं निर्यात पर रोक लगा दी है। जिससे भावों में गिरावट हो गई है। इसका असर यहां प्रतापगढ़ में भी देखने को मिलने लगा है।
इस कारण बढ़े भाव
रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग से वैश्विक बाजार में गेहूं सप्लाई लेकर संकट पैदा हो गया है। दोनों ही देश विश्व के सबसे बड़े आपूर्तिकर्ताओं में से एक हैं। दोनों देश मिलकर दुनिया के गेहूं निर्यात जरूरत के एक तिहाई हिस्से की पूर्ति करते हैं।
यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण इस वर्ष गेहूं की कीमतों में 60 प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है। भारत, चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक देश है। पिछले साल खराब मौसम के कारण गेहूं के बड़े उत्पादक, जिनमें यूक्रेन भी शामिल था, वैश्विक बाजार में गेहूं की पर्याप्त आपूर्ति नहीं कर पाए थे।
इस तरह कम हुए भाव
यहां कृषि उपज मंडी में दो हजार रुपए से 23 सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल ही रह गए हैै। जबकि यह भाव एक सप्माह पहले तक 25 सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल तक थे। जबकि अच्छी क्वालिटी के गेहूं 26 सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल तक बिक रहे थे। लेकिन निर्यात पर रोक लगाने से भावों में र्ढाई सौ रुपए प्रति ङ्क्षक्वटल तक कम हो गए है।
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