script33 सौ एमएम से अधिक बारिश, प्रतापगढ़ में बना रिकॉर्ड | rainfall created news record as more than 3300 mm rain in pratapgarh | Patrika News

33 सौ एमएम से अधिक बारिश, प्रतापगढ़ में बना रिकॉर्ड

locationप्रतापगढ़Published: Oct 07, 2019 12:38:15 pm

Submitted by:

Ram Sharma

पिछले 39 वर्ष में सबसे ज्यादा(pratapgarh news in hindi)

33 सौ एमएम से अधिक बारिश, प्रतापगढ़ में बना रिकॉर्ड

33 सौ एमएम से अधिक बारिश, प्रतापगढ़ में बना रिकॉर्ड


प्रतापगढ़. इस बार प्रतापगढ़ में बारिश का आंकड़ा 3361 मिलीमीटर से ऊपर पहुंच गया है। यह आंकड़ा जल संसाधन विभाग के पास मौजूद अब तक की सूचना के अनुसार पिछले 39 वर्ष में सबसे ज्यादा है। इस बारिश ने नया रिकॉर्ड कायम किया है। इससे पहले प्रतापगढ़ क्षेत्र में अब तक 1572 एमएम से अधिक बारिश नहीं हुई। गत वर्ष की तुलना में दो गुनी से अधिक बारिश हो चुकी।
जल संसाधन विभाग के बाढ़ नियंत्रण कक्ष के अनुसार 3 अक्टूबर तक प्रतापगढ़ क्षेत्र में 3361 मिमी बारिश हो चुकी। यह बारिश अब तक की सर्वाधिक बारिश है। पिछले साल प्रतापगढ़ में 1567 मिमी बारिश हुई थी। यानि इस बार दोगुनी से भी ज्यादा बारिश हुई। इससे पहले वर्ष 2017 में प्रतापगढ़ में बारिश का आंकड़ा 1572 एमएम तक पहुंचा। जिले में जल संसाधन विभाग के पास 1981 तक का बारिश का आंकड़ा उपलब्ध है। इसके अनुसार इस वर्ष से पहले इतनी बारिश कभी नहीं हुई। यहां तक कि 2000 एमएम से अधिक बारिश भी नहीं हुई।
प्रतापगढ़ उपखंड अन्य उपखंडों की तुलना में कहीं ज्यादा आगे रहा। अरनोद खंड में तीन अक्टूबर तक 1986, छोटीसादड़ी में 1395, धरियावद में 1502 और पीपलखूंट में 1439 मिमी बारिश 3 अक्टूबर तक दर्ज की गई।
औसत से लगभग दोगुनी बारिश
जिले के औसत के हिसाब से 03 अक्टूबर तक जिले में औसत की 192.98 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। जो कि लगभग दोगुनी है। जिले की औसत बारिश 938.20 एमएम है।
39 साल में 16 बार हुई 1000 मिमी से ज्यादा
विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रतापगढ़ क्षेत्र में वर्ष 1981 से लेकर 2019 तक यानि 39 साल में केवल 16 बार ही बारिश ने 1000 मिमी का आंकड़ा छुआ। यह आंकड़ा 2000 मिमी से भी ज्यादा इसी वर्ष पहुंचा है।
सांसद जोशी से मिले अफीम किसान
छोटीसादड़ी.अफीम किसान अपनी पीड़ा को लेकर सांसद सीपी जोशी से मिलने चित्तौडगढ़़ पहुंचे। किसान नेता सोहनलाल आंजना ने बताया कि किसानों ने कहा कि नई अफीम नीति मार्फिन के नियम के आधार पर घोषित की हैं।जो किसानों के लिए न्याय संगत नहीं है। क्योंकि अफीम की खेती किस प्रकार करने से कितनी मार्फिन बैठेगी, यह फार्मूला तो अधिकारियों और सरकार के पास भी नहीं है। इसलिए किसान का पट्टा मार्फिन के आधार पर जारी करना उचित और न्यायसंगत कतई नहीं है। इस नीति से हजारों निर्दोष किसानों के पट्टे कट गए है। इसलिए सरकार को चाहिए कि पिछले वर्ष जिस प्रकार से नीति बनाई गई थी, जिसमें औषध या मार्फिन दोनों में से एक मापदंड पूरा करने वाले किसान को पट्टा जारी करने का नियम था वहीं नियम इस वर्ष की नीति को संशोधित कर लागू करवाया जाए। इस पर संासद जोशी ने इसके लिए आगे बात करने का आश्वासन दिया है।
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