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चिकित्सालय का लिया जायजा, नवीन निर्माण का निरीक्षण

locationप्रतापगढ़Published: Jun 15, 2019 08:19:16 pm

Submitted by:

Rakesh Verma

सहकारिता मंत्री ने ली अधिकारियों की बन्द कमरे में बैठक

pratapgarh

चिकित्सालय का लिया जायजा, नवीन निर्माण का निरीक्षण

वर्तमान आवश्यकताओं पर नहीं दिखे गम्भीर
छोटीसादड़ी उपखण्ड क्षेत्र के जयचन्द मोहिल सामुदायिक चिकित्सालय के निरीक्षण और राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी की बैठक में शनिवार को सहकारिता मंत्री पहुंचे और चिकित्सालय में देखी व्यवस्थाएं।
मंत्री उदयलाल आंजना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुचे। जहां पर चिकित्साधिकारी जगदीश वर्मा, सेवानिवृत्त चिकित्सक अरुण माथुर, अमित शर्मा, विजय शर्मा सहित चिकित्सकों के साथ चिकित्सालय में सुविधाओ को बढ़ाने की योजनाओं को लेकर चर्चाकी। निर्माण के लिए चिकित्सालय भवन के ऊपर जगह देखी। जहां पर कुछ निर्माण को लेकर असंतोष व्यक्त किया। वही ंसरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं के तहत हो रहे कार्यों का अवलोकन किया। एक्सरे मशीन रूम में गए तो एक्सरे एक्सपर्ट के अभाव में हो रही असुविधा पर मंत्री ने उच्च अधिकारियों से बात कर तकनीकी कर्मचारी लगाने को कहा।
मंत्री आंजना ने भी कृषि मंडी की तरह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भी निरीक्षण के बाद चिकित्सकों की बन्द कमरे में बैठक ली। जो मौजूद लोगो के बीच मे चर्चा का विषय बना हुआ है।
बंद कमरे में बैठक लिए गए निर्णय के बारे में चिकित्सालय प्रभारी जगदीश वर्मा ने बताया कि सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने प्री डिलीवरी रूम बनाने की स्वीकृति दी। साथ ही विधायक कोटे से नई एंबुलेंस, सामान्य वार्ड को महिला एवं पुरुष अलग-अलग पार्टीशन में विभक्त करने की स्वीकृति प्रदान की। वहीं मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना एवं जांच योजना के हाई वे के बारे में जानकारी ली। साथ ही स्वयं की ब्लड की जांच कराकर सत्यता को परखा। आंजना की अध्यक्षता में राजस्थान मेडिकल रिलीफ सोसायटी कमेटी का गठन किया गया। जिसमें कमेटी के सदस्य खंड मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर कुमुद माथुर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी प्रभारी जगदीश वर्मा, अमित शर्मा जनप्रतिनिधि सदस्य ओम प्रकाश शर्मा, अमृतलाल बंडी को मनोनीत किया गया।
स्त्री रोग विशेषज्ञ के अभाव में बंद पड़ी सोनोग्राफी मशीन
चिकित्सालय में निरीक्षण पर आए आंजना ने चिकित्सालय में चल रही चिकित्सकों की कमी के चलते कभी कभी तो पूरा चिकित्सालय की जिम्मेवारी एक चिकित्सक के भरोसे होती है। जिस पर भी आंजना ने कोई चर्चा करते नहीं दिखे। वही स्त्री रोग विशेषज्ञ के अभाव के चलते पूरे उपखण्ड क्षेत्र की महिलाएं व गर्भवती महिलाओं को अन्य शहरों के चिकित्सालयों में उपचार कराने पर मजबूर है। चिकित्सकों की संख्या में वृद्धि नहीं हुई और ना ही स्त्री रोग विशेषज्ञ की नियुक्ति हुई। जिसके चलते सरकार द्वारा क्षेत्र के लोगो को सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर उपलब्ध करवाई गई सोनोग्राफी मशीन भी धूल फांक रही है। इय तरफ भी ध्यान नहीं दिया।

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