इस कार्यक्रम में 16 प्रतिभागियों समेत सोसायटी के सदस्यों ने एक से बढकऱ गीतों की प्रस्तुतियां दी। श्रोता अंत तक जमे रहे। प्रतियोगिता में प्रस्तुत प्रस्तुतियों में लवली बत्रा ने तुझसे नाराज नहीं जिंदगी, उमेश व्यास ने रिमझिम घिरे सावन, रेशम ने अखियों के झरोखों से, निशा कौशिक ये मेरा दिल प्यार का दिवाना, लक्ष्य शुक्ला ने मोला मेरे ले ले मेरी जान, प्रियंका माथुर ने आओ हजूर तुमको, हीरा लाल ने चांद जैसे मुखड़े पे बिंदिया सितारा, महेन्द्र शर्मा ने तैयब अली प्यार का दुश्मन, शुभम दख ने का करूं सजनी आये ना बालम, रजत आर्य ने तुम बिन जाउं कहां, यश कोहली ने अभी मुझमें कही गाना गाकर श्रोताओं की वाहवाही लूट ली। इसी प्रकार रितु भटनागर ने दमा दम मस्त कलंदर, हारुन मंसूरी ने बालम जी, खुशी जोशी ने गुनगुनाती गिलहरियां, सोनु तंवर एवं यतेन्द्र ने युगल गीत फूल तुम्हें भेजा है खत में और पूजा शर्मा ने लंबी जुदाई चार दिनों की गाने पर अपनी प्रस्तुति दी।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चित्तौडगढ़़ के उपखंड अधिकारी विनोद मल्होत्रा एवं श्रीमती संतोष मल्होत्रा ने गीत गाकर समां बांध दिया। सोसायटी अध्य़क्ष संजय गील ने ‘ओ माझी रे अपना किनारा…’ और ‘जाने कहा गये वो दिन…’ गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि चित्तौडगढ़़ के उपखंड अधिकारी विनोद मल्होत्रा एवं श्रीमती संतोष मल्होत्रा ने गीत गाकर समां बांध दिया। सोसायटी अध्य़क्ष संजय गील ने ‘ओ माझी रे अपना किनारा…’ और ‘जाने कहा गये वो दिन…’ गीत प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया।
शिक्षाविदों का सम्मान सोसायटी सचिव हरदीप कौर ने बताया कि सामाजिक सरोकार के अन्तर्गत नवाचार करते हुए स्थानीय शिक्षाविदें का सम्मान समारोह भी किया गया। राजस्थान भर में अपनी सेवाएं दे चुके चित्तौडगढ़़ के सेवानिवृत प्राचार्यो का शॉल,श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।