प्रतापगढ़

छात्राएं सीखना चाहती है संगीत, लेकिन नहीं है शिक्षक

राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संगीत विषय संचालित करने तैयारी

प्रतापगढ़Jul 03, 2019 / 12:30 pm

Ram Sharma

छात्राएं सीखना चाहती है संगीत, लेकिन नहीं है शिक्षक

छात्राएं सीखना चाहती है संगीत, लेकिन नहीं है शिक्षक
-राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संगीत विषय संचालित करने तैयारी
– स्कूल प्रबंधन समिति करेगी निर्णय
प्रतापगढ़. शहर के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय की कई छात्राएं संगीत सीखना चाहती है। लेकिन विडम्बना यह है कि यहां पिछले दो दशक से स्थायी शिक्षक नहीं है। हालांकि विद्यालय के एक अन्य शिक्षक शौकिया तौर पर छात्राओं को संगीत शिक्षा दे रहे हैं, लेकिन सरकार ने आज तक स्कूल में संगीत शिक्षक नहीं लगाया।
स्कूल में 1999-2000 के बाद से संगीत अध्यापक का पद रिक्त है। जिले में कुल 7 राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक विद्यालय है। जिनमें प्रतापगढ़, छोटीसादड़ी, धरियावद, अरनोद, दलोट, पारसोला व पीपलखूंट हैं। इन सभी विद्यालयों में संगीत विषय संचालित है। लेकिन शिक्षक के अभाव में बालिकाएं इस विषय को नहीं ले पा रही हैं। केवल दलोट में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में अवश्य संगीत अध्यापिका कार्यरत है। वहीं शेष 6 विद्यालयों में संगीत अध्यापक के पद सालों से रिक्त चल रहे हैं। शिक्षक के अभाव में छात्र-छात्राओं को अन्यत्र निजी विद्यालयों में प्रवेश लेना पड़ रहा है या फिर अपनी इच्छाओं का गला घोंटने पर विवश होना है।
गत सत्र में प्रतापगढ़ स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मेंं 40 से अधिक ऐसी छात्राएं थी, जिन्होंने संगीत विषय को चुना था। संगीत शिक्षक के अभाव में उन्हें मजबूरी में विषय को बदलना पड़ा। दूसरी ओर सरकार राजकीय विद्यालयों में नामांकन वृद्धि के लिए नित नई योजनाएं संचालित कर रही है। लेकिन विषय अनुसार अध्यापकों की नियुक्त नहीं होने से इसका सीधा फायदा निजी विद्यालय उठा रहे हैं। जहां संगीत कला, नृत्य कला जैसे विषय संचालित कर विद्यार्थियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं।
जिंदा रखने के लिए इन्होंने किए थे प्रयास
ऐसा नहीं की बीते दो दशकों में राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संगीत विषय बिलकुल नहीं चला। वर्ष 2000 के बाद स्थानीय संगीत विशेषज्ञों ने विद्यालय में संगीत की रूह को जीवित रखने की कोशिश की। जिनमें सुधा शर्मा व गोविन्द शर्मा प्रमुख हैं। जिन्होंने सत्र 2011 तक राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में संगीत विषय को जीवित रखने का प्रयास किया है।
संगीत के लिए जो भी योगदान होगा मैं हमेशा तैयार हूं…
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय मेें 2004 से सेवानिवृति तक मैंने संगीत विषय पढ़ाया। जबकि मेरा यह विषय नहीं था। लेकिन घर पर पिताजी संगीत विशारद थे, उसने से जो सीखा, उसी के आधार पर वर्ष 2010 तक संगीत में रूचि रखने वाली छात्राओं को संगीत सिखाया है। आज भी कई बालिकाएं हैं जो संगीत सीखना चाहती हैं। लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते इस विषय को संचालित नहीं किया जा रहा है। यदि विभाग और स्कूल प्रबंधन चाहे तो मैं पुन: नि:शुल्क अपनी सेवाएं देने को तैयार हूं। इससे विद्यालय की मेरिट में सुधार होगा वही बच्चियों के अंकों में भी आशातीत वृद्धि होगी।
गोविन्द शर्मा, सेवानिवृत शिक्षक (संगीतज्ञ) प्रतापगढ़
इस सत्र में संगीत विषय प्रारम्भ होगा
विद्यालय में संगीत विषय संचालित होगा । इसकी तैयारी चल रही है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी ओर मुख्य ब्लाक शिक्षा अधिकारी को समस्या से अवगत कराया है। उनके निर्देश पर शीघ्र ही एसएमसी बैठक में संगीत शिक्षक को बुलाकर निर्णय पारित कर संगीत की कक्षाएं प्रारम्भ करने का प्रयास किया जा रहा है।
विद्यालय प्रबंधन समिति अपने स्तर पर निर्णय कर चालू करें…
विद्यालय में संगीत विषय है, इसके लिए कोई अलग से अनुमति की आवश्यकता नहीं है। यदि संगीत अध्यापक नि:शुल्क सेवाएं देने को तैयार है तो इससे बेहतर क्या हो। विद्यालय प्रबंधन कमेटी अपने स्तर पर निर्णय कर संगीत की कक्षाएं शीघ्र चालू करें। इससे परिणामों में व्यापक सुधार होगा।
डा. शांतिलाल शर्मा
जिला शिक्षा अधिकारी (माध्यमिक) , प्रतापगढ़
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