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सहकारी समितियों ( cooperative soceities)के आंदोलन(stike) का इस वर्ग पर पड़ रहा सबसे ज्यादा असर

locationप्रतापगढ़Published: Jun 30, 2019 12:25:25 pm

Submitted by:

Ram Sharma

गत वर्ष इस सीजन में किसानों (farmers not getting loan)को दिया था 21.70 करोड़ का ऋण, इस बार ‘निल’हड़ताल के कारण किसान हित की कई योजनाओं पर पड़ रहा विपरीत असरअब तक खाद(fertilizer) भी मात्र एक चौथाई ही बंटा

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सहकारी समितियों ( cooperative soceities)के आंदोलन(stike) का इस वर्ग पर पड़ रहा सबसे ज्यादा असर

प्रतापगढ़. सहकारी समिति कर्मचारियों की प्रदेश में चल रहे आंदोलन का असर किसानों के हित में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर पड़ रहा है। इस आंदोलन के चलते जिले की 112 सहकारी समितियों पर ताले पड़े हैं। इसके चलते न तो किसानों को खरीफ का ऋण वितरण किया जा रहा और न ही खाद बीज का वितरण हो रहा। इसी तरह फसल बीमा, प्रधानमंत्री किसान अनुदान योजना और राशन वितरण जैसे कई काम प्रभावित हो रहे हैं।
कृषि ऋण वितरण कार्य ऑनलाइन पोर्टल के जरिए करने और बैेंकों की तरह इस कार्य के लिए बीसी(बिजनेस कॉरेसपोंडेंट) बनाने के विरोध में सहकारी समितियों के कर्मचारी गत 3 जून से हड़ताल पर है। कर्मचारियों का कहना है कि ऋण वितरण का काम पूरी तरह ऑनलाइन करने से सहकारी समितियों का काम ठप हो जाएगा। दूसरी और ईमित्र और अन्य बीसी जो ऋण वितरण का काम करेंगे, जबकि ऋण वसूलने की जिम्मेदारी समिति की ही रहेगी। राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ के बैनर तले कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल गत शुक्रवार को जयपुर में सहकारिता मंत्री उदयललाल आंजना से मिलने पहुंचा लेकिन उन्होंने मिलने का समय नही दिया।
ये काम हो रहे प्रभावित
किसानों से जुड़ी राज्य और केन्द्र सरकार की अधिकांश योजनाओं का संचालन सहकारी समितियों के माध्यम से होता है। हड़ताल के चलते अब तक इन योजनाओं में ज्यादा प्रगति नहीं हो सकी।
– खरीफ फसल ऋण वितरण
– खाद बीज वितरण
– प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
– प्रधानमंत्री किसान मान धन योजना
– सहकारी मिनी बैेंक
ये हैं कर्मचारियों की मांगें
– केवल ऋण वितरण का काम ऑनलाइन करने की बजाय पूरी समितियों को ही ऑनलाइन कर दिया जाए।
– समितियों के कर्मचारियों का नियोक्ता निर्धारण कर उन्हें बैंक कर्मचारी माना जाए।
– कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग का लाभ दिलाया जाए।
– संस्था में कार्यरत शेष रहे व्यवस्थापक/सहायक व्यवस्थापक/सेल्समैन की स्क्रीनिंग का आदेश जारी किया जाए।
– समितियों को 4 प्रतिशत ब्याज अनुदान राज्य सरकार की ओर से जारी करवाया जाए, जिससे समितियों में कार्यरत कर्मचारियों को समय पर वेतन मिल सके। अभी कईसमितियों में कर्मचारियों को छह-छह माह से वेतन नहीं मिल रहा।
– सहकारी समितियों के लिए 2017 में उच्च न्यायालय की ओर से जारी आदेश की पालना की जाए।
सहकार भवन का घेराव करेंगे
&सरकार अभी मांगों पर ध्यान नहीं दे रही। जबकि ये सभी जायज मांगे हैं। यदि सरकार ने सहकारी समितियों के कर्मचारियों की जायज मांगे नहीं मानी तो 8 जुलाई से जयपुर में सहकार भवन का घेराव करेंगे। इसमें पूरे प्रदेश से कर्मचारी जाएंगे। हड़ताल के कारण जिन सहकारी समितियों के पास सार्वजनिक वितरण प्रणाली का काम है, वहां राशन वितरण का काम भी समुचित तरीके से नहीं हो रहा।
सोमेश्वर त्रिवेदी, जिला अध्यक्ष, राजस्थान सहकारी कर्मचारी संघ, प्रतापगढ़़
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अभी ऋण वितरण कार्य बंद है
सहकारी समितियों के कर्मचारियों के आंदोलन के कारण अभी किसानों को फसली ऋण नहीं दिया जा रहा। वैसे पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन चालू हैं। जो किसान ऋण लेना चाहे वह छह जुलाई तक बीसी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करवा सकता है। उसके बाद यदि हड़ताल खत्म हो गई तो ऋण वितरण शुरू हो जाएगा।
भूपेन्द्र मीणा, शाखा प्रबंधक, चित्तौड़ केन्द्रीय सहकारी बैंक, प्रतापगढ़

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