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लॉकडाउन के बाद कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, महीनों बाद विद्यालयों में लौटी रौनक

locationप्रतापगढ़Published: Jan 18, 2021 03:34:56 pm

Submitted by:

Rakesh Verma

लॉकडाउन के बाद कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, महीनों बाद विद्यालयों में लौटी रौनक

लॉकडाउन के बाद कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, महीनों बाद विद्यालयों में लौटी रौनक

लॉकडाउन के बाद कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थी पहुंचे स्कूल, महीनों बाद विद्यालयों में लौटी रौनक

प्रतापगढ़. करीब नौ माह से अधिक समय घर में गुजार कर छुट्टियों से तंग हो चुके विद्यार्थियों के चेहरों पर सोमवार को खुशी नजर आई। कोरोना संक्रमण संकट के चलते गत वर्ष मार्च में बंद विद्यालयों में सोमवार से कक्षाओं का संचालन फिर से शुरू हुआ। महीनों बाद विद्यार्थियों ने ऑनलाइन की बजाय शिक्षकों के समक्ष और सहपाठियों के साथ बैठकर ऑफलाइन पढ़ाई का आनंद लिया। वीरान से लगने वाले विद्यालयों में विद्यार्थियों के आने से रौनक लौट आई। हालांकि अभी कक्षा नौ से बारहवीं तक के विद्यार्थियों को ही विद्यालयों में पढऩे की अनुमति दी गई है। इसके लिए भी कई तरह के नियम-कायद बनाए गए हैं। विद्यार्थियों का कक्षाओं में मास्क लगाकर आना अनिवार्य है। सरकार की ओर से तय गाइडलाइन के अनुसार ही कक्षाओं का संचालन करना किया गया। विद्यार्थियों ने कक्षाओं में बैठकर अध्ययन को सुखद बताया। सोमवार को अमलावद गांव के विद्यायल में जिला कलक्टर ने सुबह स्कूल पहुंच निरीक्षण किया।
इधर स्कू ल खुलने की तैयारी, उधर जिले से बाहर गए सैंकड़ों व्याख्याता, कई स्कू लों में अब एक भी व्याख्याता नहीं बचे

प्रतापगढ़. राज्य में पिछले दिनों हुए स्कूल व्याख्याताओं के तबादलों की सबसे ज्यादा मार जिले में पड़ी है। यहां करीब डेढ सौ से अधिक स्कूल व्याख्याताओं का तबादला जिले से बाहर हो गया है। इसकी एवज में मात्र 3-4 व्याख्याता आए हैं। इसके चलते जिले की अधिकांश स्कूलों में विषयाध्यापकों की भारी कमी हो गई है। कुछ स्कू लों में तो व्याख्याता बचे ही नहीं। इस बीच सरकार ने 16 जनवरी से स्कू ल खोलने की तैयारी कर रही है। ऐसे में सबसे बड़ा संकट यह हो गया कि स्कू लों में बच्चों को पढ़ाएगा कौन? शिक्षा विभाग की ओर से पिछले सप्ताह ही स्कू ल व्याख्याताओं की तबादला सूची जारी की गई थी। इस सूची में करीब दो हजार से व्याख्याता इधर से उधर हो गए। इन तबादलों को लेकर सरकार विवादों में भी रही। कांग्रेस समर्थित एक शिक्षक संगठन द्वारा एक विचारधारा विशेष के शिक्षकों का तबादला करने का आरोप लगाने के बाद सूची रोक दी गई थी। बाद में नई सूची जारी हुई तो इसमें दूसरी विचारधारा के शिक्षकों का जानबूझकर तबादला करने का आरोप लगाया गया। हालांकि अधिकांश सूचियों में शिक्षकों के अपने इच्छित स्थानों पर तबादले किए गए।
ऐसी हो गई स्कू लों की हालत
जिला मुख्यालय पर बालिका सीनियर सैकडरी स्कू ल में पहले से ही व्याख्याताओं की कमी थी। वहां विज्ञान संकाय में तीन शिक्षक थे। तीनों ही चले गए। अब इसस्कू ल में विज्ञान संकाय में एक भी व्याख्याता नहीं है। इसी प्रकार दलोट पंचायत समिति मुख्यालय पर तीन सरकारी स्कू ल है- उच्च माध्यमिक विद्यालय दलोट, बालिका सीनियर सैकंडरी स्कू ल और राजकीय उच्च प्राथमिक संस्कृत विद्यालय। यहां तीनों ही स्क्ूलों में शिक्षकों की कमी है। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय दलोट में वर्तमान में 3 शिक्षक कार्यरत हैं। इसमें 11 और 12 के लिए एक व्याख्याता है। इसके पास प्रधानाचार्य का अतिरिक्त कार्यभार भी है। गल्र्स स्कू ल दलोट में प्रधानाचार्य सहित 6 व्याख्याताओं, एक वरिष्ठ अध्यापक (गणित) जिनका पद विगत कई वर्षों से रिक्त है व लेवल 2 में एक अध्यापिका कार्यरत है। इनका भी पदोन्नति सूची में नाम शामिल है। संस्कृत विद्यालय में 3 अध्यापक कार्यरत थे जिनका हाल ही जारी हुई स्थानांतरण सूची में नाम आने के बाद विद्यालय शिक्षक विहीन हो गया है।
हिंदी के व्याख्याता सबसे ज्यादा गए
जिले से पिछले दिनों 106 व्याख्याताओं का तबादला हुआ और 25 से अधिक स्कू ल प्रिसिंपल बदले गए। इसके कारण कई स्कू लों में व्याख्याता ही नहीं रहे। विषयवार तबादला सूची की बात करें तो सबसे ज्यादा 35 व्याख्याता हिंदी विषय के जिले से बाहर गए। इसके बाद 23 राजनीति विज्ञान के, 18 इतिहास और 15 व्याख्याता भूगोल विषय के स्थानांतरित हुए। जानकारों के अनुसार इनमें से अधिकांश व्याख्याता आरपीएससी से 2017 में चयनित हैं। प्रोबेशन अवधि पूरी होते ही सबने अपने-अपने गृह जिलों में तबादला करवा लिया।
फैक्ट फाइल…
जिले में स्कू ल व्याख्याताओं के कुल पद स्वीकृत 806
रिक्त पद 443
कार्यरत पद 363
तबादला हुआ 150 से अधिक
इन विषयों के सबसे ज्यादा तबादले
स्कू ल प्रिंसिपल 60
हिंदी 35
राजनीति 23
इतिहास 18
भूगोल 15

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