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प्रतापगढ़

जेल से छूटते ही लेते हैं शपथ- अब नहीं करेंगे अपराध

– प्रतापगढ़ की जिला जेल में नवाचार

प्रतापगढ़Sep 04, 2018 / 11:12 am

Rakesh Verma

pratapgarh

जेल से छूटते ही लेते हैं शपथ- अब नहीं करेंगे अपराध

– रिहा होने पर जेल स्टाफ दिलाता है
प्रतापगढ़. जी हां, यह सही है। प्रतापगढ़ जिला जेल प्रशासन ने अपराधीकरण कम करने की दिशा में नया कदम उठाया है। यहां जेल से रिहा होने वाले कैदियों को शपथ दिलाई जाती है कि वह भविष्य में अपराध नहीं करेगा। शपथ लेने वाले का जेल में अलग से एक रजिस्टर में नाम दर्ज होता है, ताकि उसकी भविष्य में ट्रैकिंग की जा सके कि वह वापस अपराध की दुनिया में तो नहीं आ गया। जेल में यह व्यवस्था एक माह पहले शुरू की गई थी। अब तक यहां 105 लोगों को शपथ दिलाई जा चुकी है।
जेल प्रशासन की ओर से इसके लिए अलग से एक रजिस्टर भी अलग से खोला गया है।
यहां जिला जेल में गत वर्ष से कई सुधारात्मक कार्य किए जा रहे हैं। इन्हीं में से एक नवाचार है कैदियों को फिर से अपराध की दुनिया में नहीं जाने की शपथ दिलाने का। यह व्यवस्था 21 जुलाई से शुरू की गई है। सजा पूरी होने पर रिहाई संबंधी सभी औपचारिकताएं पूरी करने के उपरांत ये शपथ लेनी होती है। इसमें रिहा होने वाला व्यक्ति शपथ लेता है कि ‘वह भविष्य में कभी आपराधिक कृत्यों में लिप्त नहीं रहेगा। समाज का जिम्मेदार नागरिक बनकर समाज को अपराध मुक्त करने में अपनी भागीदारी निभाएगा। उसके आसपास होने वाले अपराध को रोकने का हर संभव प्रयास करेगा।’ शपथ लेने के उपरांत प्रत्येक कैदी को एक पंजिका में अपने हस्ताक्षर करने होते हैं। जेल अधिकारियों ने बताया कि रजिस्टर में हस्ताक्षर करवाने के बाद उसका भविष्य में ध्यान रखा जाएगा कि कहीं वह वापस अपराध की दुनिया में तो नहीं आ गया।
यह है जेल की स्थिति
यहां जेल में कुल 325 बंदियों की क्षमता है। इसमें 315 पुरुष और 10 महिला बंदी रखे जा सकते है। इसमें कुल 9 बैरक है। वर्तमान में यहां कुल 261 बंदी है। इसमें 257 पुरुष और 4 महिला बंदी है। जेल में अधिकतर बंदी विचारधीन है। जबकि कुछ बंदी तीन वर्षकी सजा वाले भी है।
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समाज के जिम्मेदार नागरिक का भाव पैदा करना है
इस तरह की शपथ से कैदियों में एक प्रकार से अपराध के विपरीत मनोवृत्ति उत्पन्न होती है। उन्हें भी समाज का एक जिम्मेदार नागरिक होने का एहसास होता है। इस प्रकार यह एक सकारात्मक नवाचार है जो बंदियों को अपराध से दूर रहने की सीख देता है।
पारसमल जांगिड़, प्रभारी
जिला कारागृह, प्रतापगढ़
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