शिक्षक नि:शुल्क पढ़ाने को तैयार, फिर अटका रहे रोड़ा
प्रतापगढ़Published: Jul 15, 2019 12:54:38 pm
समस्या: आखिर संगीत विषय क्यों संचालित नहीं करने दे रहे है(school education)
शिक्षक और छात्राएं तैयार, विद्यालय प्रबंधन को आपत्ति(music teacher)
शिक्षक नि:शुल्क पढ़ाने को तैयार, फिर अटका रहे रोड़ा
समस्या: आखिर संगीत विषय क्यों संचालित नहीं करने दे रहे है
शिक्षक नि:शुल्क पढ़ाने को तैयार, फिर अटका रहे रोड़ा
शिक्षक और छात्राएं तैयार, विद्यालय प्रबंधन को आपत्ति
प्रतापगढ़. स्थानीय राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में दो दशक से संगीत शिक्षक के अभाव में संगीत विषय की कक्षाएं संचालित नहीं हो पा रही है। छात्राओं की इस परेशानी को देखते हुए सेवानिवृत अध्यापक गोविन्द शर्मा ने पहल करते हुए विद्यालय में संगीत विषय सुचारु करने के लिए नि:शुल्क सेवाएं देने का प्रयास किया। इसके लिए मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय की ओर से सहमति प्रदान की गई और विद्यालय प्रबंधन को निर्णय के लिए निर्देश दिए। लेकिन विद्यालय प्रबंधन एसएमसी सदस्यों की आड़ लेते हुए मामले को रफा दफा करने का प्रयास कर रही है।
जानकारी के मुताबिक संस्था प्रधान सेवा देने वाले शिक्षक को आगामी सालों के लिए पाबंद करने का प्रयास किया जा रहा है। जबकि संगीत शिक्षक गोविन्द शर्मा का कहना है कि जब में 11वीं कक्षा को संगीत की शिक्षा दे रहा हूं तो स्वभाविक है कि आगामी सत्र में भी पढ़ाउंगा। लेकिन मुझे पाबंद किया जा रहा है, जो अनुचित है। इस मामले को लेकर जिला शिक्षा अधिकार से बात की गई तो उन्होने कहा कि पाबंद करना सरासर गलत है। विद्यालय प्रबंधन को ऐसे सेवाभावी शिक्षक जो नि:शुल्क सेवा प्रदान कर रहे है। उन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। संगीत विषय से विद्यालय का परिणाम सुधरेगा। वहीं बालिकाओं के लिए विषय चयन में सुविधा मिलेगी। जबकि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी एसएमसी की ओर से दो शिक्षक अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे है। गौरतलब है कि गत वर्ष भी राजस्थान पत्रिका की ओर से संगीत विषय को चालू करने के लिए समाचार प्रकाशन का प्रकाशन किया गया था। उस समय भी संगीत शिक्षक अपनी ओर से सेवाएं नि:शुल्क सेवाएं देने के लिए तैयार थे। लेकिन संस्था प्रधान की ओर से प्रथम टेस्ट होने का बहाना बनाया गया था। जबकि इस वर्ष सत्र आरम्भ होने के साथ ही संगीत विषय को चालू करने की बात पर संस्था प्रधान की ओर से ये नया पैतरा चला जा रहा है।
संस्था प्रधान का निर्णय सरासर गलत है
&जब कोई शिक्षक स्वेच्छा से सेवा प्रदान कर रहा है तो इसमें उन्हें पाबंद करने जैसी कोई बात नहीं होनी चाहिए। यह विद्यालय का सौभाग्य है कि उन्हें नि:शुल्क सेवा मिल रही है। संस्था प्रधान की ओर से ऐसी बात करना सरासर गलत है। इस विषय में उनसे बात करता हूं।
डॉ शांतिलाल शर्मा, डीईओ माध्यमिक, प्रतापगढ़
बालिकाओं के हित के लिए सदैव तैयार हूं
&बालिकाओं के हित को देखते हुए मैं अपनी सेवाएं देने को तैयार हूं। लेकिन संस्था प्रधान की ओर से पाबंद करने की बात ठीक नहीं लगी। जब मैं इस वर्ष 11वीं कक्षा को पढ़ाउंगा तो निश्चित रूप से 12वीं में भी बालिकाओं को पढ़ाउंगा ही। इसमें पाबंद करने वाली बात क्यों उत्पन्न की जा रही है। विद्यालय में संगीत विषय चलता है तो बालिकाओं को लाभ ही मिलेगा।
गोविन्द शर्मा सेवानिवृत अध्यापक