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भाई भरत जैसा, मित्र हो तो सुदामा जैसा, भागवत कथा के दौरान हुआ ठाकुरजी का विवाह

locationप्रतापगढ़Published: Dec 09, 2019 08:17:29 pm

Submitted by:

Hitesh Upadhyay

शहर में निकाली बारात

narsinghpur

भाई भरत जैसा, मित्र हो तो सुदामा जैसा, भागवत कथा के दौरान हुआ ठाकुरजी का विवाह,,,,,भाजपा ने किसानों और युवाओं की समस्याओं को लेकर जनपद मैदान पर दिया धरना,भाई भरत जैसा, मित्र हो तो सुदामा जैसा, भागवत कथा के दौरान हुआ ठाकुरजी का विवाह

प्रतापगढ़ शहर के मंदसौर रोड स्थित हनुमान नगर में आयोजित भागवत कथा का की पूर्णाहुति पर सोमवार को तुलसी विवाह का आयोजन किया गया। इस मौके पर अवलेश्वर गांव से बारात आई। बारात पूरे शहर में निकाली गई। कथा वाचिका ऋतु पांडेय ने कथा में जरासंध वध, शिशुपाल वध, सुभद्रा विवाह, भगवान दत्तात्रेय एवं सुदामा चरित्र का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि हवन पूजन और भंडारे जो भी कार्य करें, भगवान को याद करके करना चाहिए। सुदामा गरीब नहीं था, सुदामा ने भगवान को याद नहीं किया, अंतिम समय में जब सुदामा के घर कुछ भी नहीं बचा और प्रभु को याद किया तो एक मु_ी चावल के बदले श्री कृष्ण ने सुदामा की काया ही पलट दी। जब द्रोपदी को लज्जित किया जा रहा था, तब उसने भगवान को याद किया तो भगवान ने उनके लिए पूरे वस्त्र भेज दिए। जब राजा परीक्षित का अंतिम समय आया, भगवान को याद किया तो परमात्मा ने अपने अंदर समा लिया। माता-पिता की सेवा करो , सास.ससुर की सेवा करो, अपनों से बड़ों का सम्मान करो।कहीं भी भागवत की कथा सत्संग भजन हो वहां अवश्य जाएं और अपने हिंदू संस्कृति को जीवन में बनाए रखें। इस दौरान अवलेश्र गांस से नगाड़ा, बाजों एवं आतिशबाजी करते हुए ठाकुरजी की बारात आई। जो पूरे शहर में भ्रमण करते हुए हनुमान नगर कथा प्रांगण में पहुंची।जहां विधि-विधान के साथ ठाकुरजी का विवाह तुलसाजी के साथ किया गया। मुकेश नागदा सुरेश नागदा ने बताया कि इस मौके पर प्रसादी का आ
जीवन के सभी संस्कारों की दी जानकारी
मोखमपुरा. त्रिवेणी धाम सेमली फंटा पर आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में पंडित रामेश्वर शर्मा ने भगवान की बाल लीलाओं में श्री कृष्ण के गोकुल में पूतना उद्धार, अघासुर उद्धार, वृंदावन में महारास, चीरहरण आदि के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि मनुष्य के जीवन में सोलह संस्कार होते हैं। उन्होंने सभी संस्कारों की विस्तार से जानकारी दी। श्रीमद् भागवत कथा की मंगलवार को पूर्णाहूति होगी। उसके बाद पंडित रामेश्वर शर्मा के द्वारा ही तीन दिवसीय नानी बाई का मायरा का भी आयोजन त्रिवेणी धाम सेमली फंटा पर आयोजित होगा। बड़ी संख्या में दूर-दूर से श्रद्धालु आ रहे हैं। मूल पाठ करता पंडित सुनील शर्मा एवं यदुनंदन नागदा कर रहे हैं। विशेष सहयोग अनगढ़ देव फिल्म भदेसर चित्तौडगढ़़ द्वारा यूट्यूब प्रसारित किया जा रहा है। जिसमें प्रकाश धनगर एवं संजय लोहार का विशेष सहयोग प्रदान हो रहा है।
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