वीरावली में हालत अब नियंत्रण में
प्रतापगढ़Published: Jul 14, 2019 05:30:04 pm
गत दिनों हुए थे ढाई सौ बीमार, अस्पतालों में उपचार के बाद दी छुट्टी
– दूषित पानी से उल्टीदस्त होने का मामला
प्रतापगढ़
जिले के अरनोद इलाके के वीरावली गांव में नलकूप के दूषित पानी पीने से हालत अब भी नियंत्रण में है। दूषित पानी का असर तीन दिनों से तक दिखा था। अरनोद से करीब १७ मरीजों को शनिवार को जिला चिकित्सालय में रैफर किया गया। यहां उनका उपचार किया गया। मरीजों का कहना था कि वे एक बार इलाज लेने के बाद घर गए,उसके बाद वापस उल्टी दस्त की शिकायत की है। इधर गांव में चिकित्सा टीम सुबह शाम दौरा कर हालत पर नजर रखे हुए हैं। नलकूप में पानी लेने पर रोक लगा दी गई है।
यहां जिला चिकित्सालय में शनिवार को १७ और लोगों को उल्टी-दस्त की शिकायत के बाद भर्ती कराया गया था। इनकी हालत अब ठीक है। यहां गांव में बीमार होने पर सभी को अरनोद चिकित्सालय से यहां जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। मरीजों ने बताया कि उन्होंने पहले दिन से ही नलकूप का पानी काम में लेना बंद कर दिया था।
इस बीच गांव में नलकूप के उपयोग पर रोक लगा दी गई है। अब गांव में जलदाय विभाग द्वारा टैंकरों से आपूर्ति की जा रही है।
२५ मरीजों को वापस बुलाया
इधर, अरनोद चिकित्सालय में गांव के २५ लोगों का वापस बुलाकर निगरानी में रखा गया है। ये ऐसे मरीज थे, जो इलाज बीच में छोडक़र चले गए थे। अब इन्हें बुलाकर ऐतिहातन फिर से इलाज शुरू किया गया।
चिकित्सा विभाग ने छिडक़ी दवा
इस बीच प्रभावित गांव में चिकित्सा विभाग की टीमे लगातार दौरा कर ग्रामीणों को समझा रही है। चिकित्साकर्मियों ने उन स्थानों पर दवा भी छिडक़ी जहां गंदा पानी जमा है। स्वास्थ्यकर्मियों की टीम सुबह -शाम गांव जाकर ग्रामीणों का सर्वे कर रही है, जिस घर में थोड़ा बहुत भी बीमार मिला, उसका मौके पर ही इलाज किया गया।
गौरतलब है कि वीरावली गांव के चाचाखेड़ी मार्ग पर गुरुवार दोपहर एक नलकूप का दूषित पानी पीने से सौ से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी। इस पर चिकित्सा विभाग की टीम गांव में पहुुंची। जहां १०१ लोगों की तबीयत खराब मिली। इनमें से अधिकांश का मौके पर ही उपचार किया गया।