छोटीसादड़ी. क्षेत्र के किसान को मानसून के आने का इंतजार है। किसान ने खरीफ की फसल की बोवनी करने के लिए खेत तैयार कर बीज और खाद की जुगाड में लगा हुआ है। किसान अच्छी गुणवत्ता के बीज की तलाश कर रहा है। मानसून की दस्तक के बाद किसान बोवनी के कार्य में व्यस्त हो जाएगा। सोयाबीन की बोवनी को लेकर कृषि विभाग ने किसानों को कम समयावधि मे पकने वाली किस्म की सोयाबीन बीज का उपयोग करने को कहा है। जिस बीज का उपयोग बोवनी के लिए किया जा रहा है। उसका पहले अंकुरण किया जाना है। 70 प्रतिशत अंकुरण होने के बाद ही उस बीज का उपयोग करने की सलाह दी गई है। हर 3 से 4 साल में खेत की गहरी जुताई करनी है। किसान बोवनी करने से पहले बीजोउपचार करें। सोयाबीन के अलावा मुख्य रूप से ज्वार, मक्का, तुवर, उडद, मूंग, मूंगफली, तिल, की फसल की बोवनी की जाएगी। सोयाबीन बोवनी के अलावा किसानों को अन्य फसल की बोवनी को लेकर भी विभाग द्वारा उचित सलाह दी जा रही है। किसान सोयाबीन की बोवनी करने में जल्दबाजी नहीं करे। इसके अलावा मक्का और मूंगफली की रकबा भी बढ़ेगा। किसानों का रूझान इस बार जैविक खेती की ओर ज्यादा है।
किसानों को दी उन्नत तकनीक की जानकारी
अरनोद. यहां पंचायत समिति सभागार में किसानों के लिए ब्लॉक स्तरीय आमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसकी अध्यक्षत संजय मीणा ने की। पंचायत समिति अरनोद सभागार में आयोजित कार्यशाला में किसानों को उन्नत तकनीक के बारे में जानकारी दी गई। जिसमें कृषि विभाग के सहायक निदेशक बृजवासी मीणा, कृषि अधिकारी कृष्णपाल सिंह राठौड़, सहायक कृषि अधिकारी प्रवीण व्यास, कृषि अधिकारी रतनलाल डामोर आदि मौजूद थे। इस मौके पर उपस्थित किसानों को खरीफ में उन्नत तकनीकी से खेती करने के बारे में बताया गया। कार्यशाला में पंचायत समिति अरनोद के कृषकों ने भाग लिया।