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अंधेरे जीवन में उजाला भर रही स्वैच्छिक नेत्रदान की लौ

locationप्रतापगढ़Published: Oct 11, 2019 12:01:21 pm

Submitted by:

Devishankar Suthar

विश्व दृष्टि दिवस विशेष : महावीर इंटरनेशनल संस्था के प्रयास, १४ साल में १६० लोगों ने मरणोपरांत किए नेत्रदान

अंधेरे जीवन में उजाला भर रही स्वैच्छिक नेत्रदान की लौ

अंधेरे जीवन में उजाला भर रही स्वैच्छिक नेत्रदान की लौ


विश्व दृष्टि दिवस विशेष : महावीर इंटरनेशनल संस्था के प्रयास, १४ साल में १६० लोगों ने मरणोपरांत किए नेत्रदान
ललित औदिच्य
प्रतापगढ़/छोटीसादड़ी. छोटी सादड़ी क्षेत्र गत वर्षों से अंधेरे जीवन में रोशनी भरने का पर्याय बनता जा रहा है। यहां चौदह वर्ष पहले जलाई गई नेत्रदान की लौ आज कई लोगों के जीवन में उजास भर रही है। अब तक १६० लोगों के मरणोपरांत नेत्रदान हो चुके हैं। नेत्रदान को लेकर कस्बे मेंं इतनी जागरूकता आ चुकी है कि उसने जिला मुख्यालय तक को पीछे छोड़ दिया है। महावीर इंटरनेशनल शाखा छोटीसादड़ी के सदस्य इस पुनीत कार्य में लगे हुए है। नगर एवं क्षेत्र में आकस्मिक मृत्यु उपरान्त शोक संतप्त परिवार के वहां जाकर परिवारजनों को सांत्वना देने के साथ ही नेत्रदान करने की प्रेरणा देकर प्रोत्साहित करते हैं। परिजनों के तैयार होने पर गोमाबाई नेत्रालय नीमच से नेत्र उत्सर्जन टीम द्वारा नेत्र उत्सर्जित कराए जाते हैं।
गोमाबाई नेत्रालय में किए जाते हैं प्रत्यारोपित : यहां के नेत्रों को गोमाबाई नेत्रालय में संग्रहित किए जाते है। जहां चिकित्सालय द्वारा वरीयता अनुसार प्रत्यारोपित किए जाते हैं। नेत्रों के लिए इंतजार में लगे मरीजों को उचित नेत्र उपलब्ध होते ही नि:शुल्क नेत्र प्रत्यारोपण भी कराया जाता हैं।
टीम में ये दे रहे हैं सेवाएं :
महावीर इंटरनेशनल शाखा के वर्तमान में 40 सदस्य है। इसमें गवर्निंग काउंसलिंग सदस्य शोभालाल आंजना, संरक्षक राजेन्द्र कुमार बण्डी, अध्यक्ष कांतिलाल दक, सचिव अशोक सोनी, कोषाध्यक्ष कैलाश गिरी गोस्वामी, उपाध्यक्ष माणकलाल कोठारी, गुणवंतलाल बण्डी, सहसचिव अविनाश गौड़, धर्मचंद नाहर, नरेन्द्र कुमार दक सहित शाखा के सभी सदस्य मानव सेवा के लिए तत्पर रहकर सेवा दे रहे हैं।
इस वर्ष अब तक १०३ लोगों को मिली रोशनी : नीमच के गोमाबाई नेत्रालय में इस वर्षअब तक १०३ लोगों को रोशनी मिली है। एक जनवरी २०१९ से अगस्त तक १०३ लोगों के नेत्र प्रत्यारोपण किए गए है।
एक अप्रेल २००६ को पहला नेत्रदान
छोटीसादड़ी के महावीर इंटरनेशनल केंद्र ने पहला नेत्रदान 1 अपे्रल 2006 को नारूलाल पुत्र रामेश्वर लाल माली का करवाया था। सबसे कम उम्र में परिवार को छोडक़र जाने वाले प्रवीण औदिच्य का नेत्रदान भी पिता वीरेन्द्र कुमार औदिच्य द्वारा शाखा के प्रोत्साहन से परिजनों द्वारा कराया गया।
अभीतकलगाए 552 नेत्र शिविर
शाखा द्वारा अब तक 552 नेत्र चिकित्सा शिविर अलग-अलग स्थानों पर आयोजित किए गए हैं। इनमें 5 हजार से ज्यादा लोगों के मोतियाबिन्द ऑपरेशन किए हैं।
स्थानीय लोगों को मिल रहा लाभ
नेत्रदान से क्षेत्र के भी लोगों को भी लाभ मिला है। अचलपुर निवासी गोपाल आंजना के कोर्निया का ट्रांसप्लांट किया गया, आज तक स्वस्थ हैं।
मानवता की सेवा ही सबसे बड़ा पुण्य
जीवन में सबसे बड़ा पुण्य मानवता की सेवा है। इसमें रक्तदान और नेत्रदान तो सर्वोपरि है। संस्था की ओर से अब तक १६० नेत्रदान कराए जा चुके है। इसके लिए मरणोपरांत परिजनों को प्रोत्साहित किया जाता है। ऐसे में यहां क्षेत्र के लोग भी इस पुनीत कार्य में आगे आते हैं। जो सबसे बड़ा पुण्य है। वैसे क्षेत्र के लोगों में पुनीत सेवा के प्रति काफी जागृति है। फिर भी हम प्रयास कर रहे हैं कि इसे लेकर और जागरूकता बढ़े। इससे किसी अंधेरे जीवन को रोशनी मिल सके।
सचिव अशोक सोनी, सचिव, महावीर इंटरनेशनल शाखा छोटीसादड़ी
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