अफीम नीति नियम को लेकर किसानों ने सौंपा ज्ञापन
छोटीसादड़ी. अफीम नीति 2019-20 को न्याय संगत भ्रष्टाचार मुक्त एवं पारदर्शी बनाने की मांग को लेकर सोमवार को किसानों ने राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री व वित्तमंत्री तथा वित्त राज्य मंत्री के नाम भूअभिलेख निरीक्षक रामलाल गायरी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि राजस्थान और मध्यप्रदेश में औषधीय पौधा अफीम की खेती 300 वर्षों से दवा निर्माण के लिए संवैधानिक तरीके से परंपरागत तरीके से होती है,जो संपूर्ण विश्व के दवाई निर्माण बाजार का प्रमुख स्रोत है। मेक इन इंडिया के तहत किसानों द्वारा उत्पादित व्यापारिक फसल है,जो देश को विदेशी मुद्रा किसानों को रोजगार और मरीजों को सस्ती दवाइयां सुलभ हो सकती है। इस अफीम की फसल की खेती तो किसान करता है लेकिन उसकी नीति नेता और अधिकारी मिलकर भ्रष्टाचार युक्त बना देते हैं। जिससे देश व किसानों को आर्थिक नुकसान होता है। अफीम नीति में मार्फिन नियम समाप्त किया जाए। सन्1991 से 2019 तक कटे हुए सभी अफीम पट्टे जो ऑनलाइन हो चुके हैं सभी पट्टे अफीम नीति 2019 में बहाल किए जाए। अफीम नीति में 5 किसानों की हस्ताक्षर युक्त सहभागिता से अफीम नीति घोषित हो, अफीम का अंतरराष्ट्रीय भाव 1 लाख रुपये प्रति किलोग्राम किसानों को देने तथा पारदर्शी जांच के लिए एक सैंपल किसान को भी देने तथा संपूर्ण जांच तोल केंद्र पर ही करने के लिए चित्तौडगढ़़ में अफीम फैक्ट्री खोलने की मांग की है।