न्यायाधीश ने ली बाल सम्प्रेषण गृह में बाल अपचारियों की क्लास
प्रतापगढ़Published: Feb 25, 2020 08:28:52 pm
प्रतापगढ़जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बाल सम्प्रेषण गृह, शिशु गृह एवं किशोर गृह लुहारिया का निरीक्षण किया। यहां न्यायाधीश वैष्णव ने बाल सम्प्रेषण गृह में बाल अपचारियों की क्लास ली। जिसमें करीब आधे घंटे तक पढ़ाया।
न्यायाधीश ने ली बाल सम्प्रेषण गृह में बाल अपचारियों की क्लास
अपचारी बालकों से किया संवाद
बाल सम्प्रेषण गृह का किया निरीक्षण
प्रतापगढ़
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बाल सम्प्रेषण गृह, शिशु गृह एवं किशोर गृह लुहारिया का निरीक्षण किया। यहां न्यायाधीश वैष्णव ने बाल सम्प्रेषण गृह में बाल अपचारियों की क्लास ली। जिसमें करीब आधे घंटे तक पढ़ाया।
इस दौरान सम्प्रेषण गृह में पंजीकृत 16 बच्चे बताए गए। जिनमें तीन शिशु पाए गए। जिनकी देखरेख के लिए यहां दो महिला कर्मचारी उपस्थित मिली। जिसमें एक आया और एक नर्स थीं। दस बाल अपचारी भी निरीक्षण में बाल सम्प्रेषण गृह में उपस्थित पाए गए। निरीक्षण के दौरान उपस्थित केयर टेकर एवं अन्य स्टॉफ को साफ -सफाई के लिए निर्देश दिए गए। बालकों को दी जा रही बेड शीटों को बदलवाए जाने के निर्देश प्रदान किए। साफ पानी की व्यवस्था के लिए आरओ लगाए जाने के भी निर्देश दिए गए। इससके साथ ही इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी को पत्र लिखेे जाने के भी निर्देश प्रदान किए गए। बच्चों के खाने की व्यवस्था के संबंध में रसोईघर का भी निरीक्षण किया। इसके बाद जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने बाल शिशु गृह में भोजन की गुणवत्ता की जांच की गई। इसके साथ ही वहां बने भोजन की व्यवस्था को भी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) द्वारा देखा गया।
बाल अपचारियों को की ली क्लास
यहां निरीक्षण के दौरान बाल अपचारियों को वहां तैनात एक शिक्षक द्वारा पढ़ाया जा रहा था। जिस पर न्यायाधीश वैष्णव ने बालकों की आधे घण्टे तक क्लास ली। उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त करने के गुर सिखाए। प्राधिकरण सचिव वैष्णव ने बालकों को परिश्रम के माध्यम से धन कमाने व अपराध का रास्ता त्यागने की शपथ दिलाई गई। इस दौरान वहां मौजूद अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।