scriptवृद्धा थी अपनों से आहत, कलक्टर ने तुरंत दी राहत | The old lady was hurt by her loved ones, the collector immediately gav | Patrika News

वृद्धा थी अपनों से आहत, कलक्टर ने तुरंत दी राहत

locationप्रतापगढ़Published: Aug 03, 2019 11:18:53 am

Submitted by:

Hitesh Upadhyay

-जनसुनवाई में वृद्धा ने सुनाया अपना दुखड़ा

pratapgarh

वृद्धा थी अपनों से आहत, कलक्टर ने तुरंत दी राहत

प्रतापगढ़. अपनो से आहत एक वृद्धा शुक्रवार को आंखों में आंसू लिए जनसुनवाई में जिला कलक्टर के पास पहुंची। कलक्टर ने वृद्धा की पूरी पीड़ा को सुना और उसे तुरन्त राहत प्रदान की। कुलथाना निवासी सजन बाई पत्नी नानूराम पुरबिया ने जिला कलक्टर श्याम सिंह राजपुरोहित को अपना दुखड़ा रोते हुए बताया कि उसके पति की मृत्यु 2 वर्ष पूर्व हो चुकी है। उसके चार पुत्र हैं, जिनमें से दो की मृत्यु हो चुकी है और दो जीवित हैं। इनमें एक पुत्र तो सरकारी सेवा में अध्यापक है लेकिन उसका भरण पोषण नहीं करते हैं। साथ ही सरकार की विविध योजनाओं का लाभ भी उसे नहीं मिल पा रहा है इस पर कलक्टर राजपुरोहित ने तुरंत आहत वृद्धा को राहत दी। उसने बताया कि उसके पुत्र किशन एवं ईश्वर निवासी कुलथाना हैं। इसमें किशन सरकारी सेवा में शिक्षक के रूप में धरियावद में पदस्थापित हैं लेकिन फिर भी वह उसका ध्यान नहीं रखते हैं उसका भरण पोषण नहीं करते हैं एवं 8 0 वर्ष की आयु में भी वह अकेली रह कर अपना खाना पीना खुद बनाती है। पुत्र के सरकारी सेवा में होने से उसे पेंशन भी नहीं मिल रही है तथा सरकार की अन्य योजनाओं का भी लाभ उसे नहीं मिल पा रहा है। इस पर जिला कलेक्टर ने तुरंत उपखंड अधिकारी विनोद मल्होत्रा को अपने कक्ष में बुलाया और वृद्धा की तुरंत मदद करने के आदेश दिए। उपखंड अधिकारी विनोद मल्होत्रा ने वृद्धाा को हाथोंहाथ खाद्य सुरक्षा में सम्मिलित कर खाद्य सुरक्षा में सम्मिलित करने का आदेश जिला कलेक्टर के हाथों से दिलवाया। साथ ही वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत प्रकरण दर्ज कर वृद्धा के पुत्र किशन पुत्र नानूराम पुरबिया उसकी पत्नी पिंकी तथा वृद्धा के पुत्र ईश्वर पुत्र नानूराम के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर नोटिस जारी किए गए।
मिली राहत तो छलके खुशी के आंसू
जिला कलेक्टर महोदय के हाथों खाद्य सुरक्षा का आदेश मिलते ही वृद्धा की आंखों से फिर आंसू निकल आए, लेकिन अब ये आंसू खुशी के थे। वृद्धा ने रुंधे गले से जिला कलेक्टर को खूब आशीष और दुआएं दी। इस पर कलक्टर ने कहा कि यह तो उनका कर्तव्य है और वह इसे निभाते रहेंगे। इस पर वृद्धा अपनी खुशी जाहिर करते हुए घर लौट गई।
यह है भरण पोषण के नियम
उल्लेखनीय है कि वरिष्ठ नागरिक भरण पोषण अधिनियम 2007 के तहत यदि कोई पुत्र अपने माता पिता की सेवा नहीं करते हैं तो उपखंड मजिस्ट्रेट उनके लिए भरण पोषण की राशि तय कर सकते हैं। साथ ही यदि माता पिता ने कोई संपत्ति बनाई है और पुत्र उसमें रह रहा है और फिर भी माता पिता की सेवा नहीं कर रहा है तो पुत्र को मकान से बेदखल करने का आदेश उपखंड मजिस्ट्रेट पारित कर सकते हैं।
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