प्रतापगढ़

परिषद को घाटे से निकालकर 58 करोड़ के बजट पर तक पहुंचाया :सभापति

– महाशिवरात्रि मेला का समापन समारोह- अपने कार्यकाल की उपब्धियां गिनाई तो कमियां भी स्वीकारी

प्रतापगढ़Feb 26, 2020 / 11:42 am

Hitesh Upadhyay

परिषद को घाटे से निकालकर 58 करोड़ के बजट पर तक पहुंचाया :सभापति

प्रतापगढ़. नगर परिषद की ओर से यहां अटल रंगमंच पर चल रहे 44 वें महाशिवरात्रि मेले का सोमवार को कविसम्मेलन के साथ ही समापन हो गया। समापन समारोह में सभापति ने अपने दस साल के कार्यकाल की उपलब्धियां गिनाई, वहीं कमियां भी साफगोईसे स्वीकार की। उन्होंने कहा कि जो नगर परिषद कभी घाटे में हुआ करती थी, उसका आज 58 करोड़ का अपना बजट है। यह उपलब्धि सभी के सहयोग से अर्जित की गई। सभापति ने बताया कि दो बाईपास कलेक्ट्री से गुप्तगंगा होते हुए बांसवाडा रोड तक शीघ्र ही जनता को सुलभ हो जाएंगे। शहर के अन्दर सामुदायिक भवन निर्मित किए गए। दीपेश्वर तालाब का सौन्दर्यीकरण किया गया। सौ फिट तिरंगा और गोल चैराहा आदि का काम करवाया गया। उन्होंने कहा कि पिछले बोर्ड मीटिंग में जिन जिन चौराहो का प्रस्ताव लिया गया है, वे भी पूर्ण किये जाएंगे। इस अवसर पर उन्होंने मेला आयोजन में सहयोग देने वाले सभी सहयोगीयो का मंच से आभार ज्ञापित किया। इस मौके पर नगर के कक्षा 10 में राजस्थान माध्यमिक षिक्षा बोर्ड मे 90 प्रतिशत से अधिक अंक लाने वाले युक्ति कसोदनिया, माधव शर्मा, अवनि जैन को नगर परिषद द्वारा प्रमाणपत्र व पांच हजार रुपए पुरस्कार स्वरूप प्रदान किए गए। इससे पहले कार्यक्रम का शुभारम्भ जिला पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना, पुलिस उप अधीक्षक बेनीप्रसाद मीणा, डिस्कॉम के एक्सईन एम.डी.चैधरी, डॉ. राधेश्याम कच्छावा, महेश परदेसी, डॉ. आलोक यादव, एसबीआई के शाखा प्रबंधक अरविन्द श्रीवास्तव, सुरेश वर्मा आयकर अधिकारी आदि मौजूद थे।
बाल सम्प्रेषण गृह का किया औचक निरीक्षण
प्रतापगढ़ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव व अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश लक्ष्मीकांत वैष्णव ने मंगलवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा संचालित बाल सम्प्रेषण गृह, शिशु गृह एवं किशोर गृह लुहारिया का निरीक्षण किया। इस दौरान सम्प्रेषण गृह में पंजीकृत 16 बच्चे बताए गए। जिनमें तीन शिशु पाए गए।जिनकी देखरेख के लिए स्टॉफ दो आया/नर्स भी उपस्थित थीं। दस बाल अपचारी भी निरीक्षण में बाल सम्प्रेषण गृह में उपस्थित पाए गए। निरीक्षण के दौरान उपस्थित केयर टेकर एवं अन्य स्टॉफ को साफ -सफाई के लिए निर्देश दिए गए। बालकों को दी जा रही बेड शीटों को बदलवाए जाने के निर्देश प्रदान किए।साफ पानी की व्यवस्था के लिए आरओ लगाए जाने के भी निर्देश दिए गए। इस संबंध में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता अधिकारी को पत्र लिखेे जाने के भी निर्देश प्रदान किए गए। बच्चों के खाने की व्यवस्था के संबंध में रसोईघर का भी निरीक्षण किया।वहां बने भोजन की व्यवस्था को भी सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश) द्वारा देखा गया। निरीक्षण के दौरान बाल अपचारियों को शिक्षक द्वारा पढ़ाया जा रहा था।जिस पर न्यायाधीश वैष्णव ने बालकों की आधे घण्टे तक क्लास ली।उन्हें जीवन में सफलता प्राप्त करने के गुर सिखाए। प्राधिकरण सचिव द्वारा बालकों को परिश्रम के माध्यम से धन कमाने व अपराध का रास्ता त्यागने की शपथ दिलाई गई।

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