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पुलिस का सख्त और मददगार चेहरा: लॉक डाउन की करा रहे पालना, मदद के लिए भी आगे

locationप्रतापगढ़Published: Apr 02, 2020 08:34:03 pm

Submitted by:

Hitesh Upadhyay

परिवार की चिंता छोड़ दे जुटे हुए कोरोनो का हराने-हम घर पर सुरक्षित रहें, इसलिए वो हमारे लिए सडक़ों पर

पुलिस का सख्त और मददगार चेहरा: लॉक डाउन की करा रहे पालना, मदद के लिए भी आगे

पुलिस का सख्त और मददगार चेहरा: लॉक डाउन की करा रहे पालना, मदद के लिए भी आगे

प्रतापगढ़. कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को रोकने के लिए लागू लॉक डाउन की पालना को लेकर जहां हम घरों पर हैं वहीं पुलिस हमारे लिए सडक़ों पर। ताकि लॉक डाउन की प्रभावी पालना की जा सके और इस संक्रमण को फैलने से रोका जा सके। इस कार्य में कई बार पुलिस को मजबूरी में सख्ती भी करनी पड़ जाती है, जिसके फोटो और वीडियो वायरल हो रहे हैं लेकिन पुलिस का एक मददगार चेहरा भी है। जिसमें वह लोगों की मदद करते, उन्हें भोजन कराते दिख रहे हैं और यह तस्वीर ना केवल आमजन में विश्वास जगाने वाली है बल्कि समाज को नई दिशा भी दे रही है।
जोखिम उठाकर करते रहते ड्यूटी
कोरोना के खौफ के कारण जहां आवश्यक सेवाओं को छोडकऱ कई सरकारी व सभी निजी दफ्तरों के कर्मचारी घरों में परिवार के साथ हैं। वहीं पुलिसकर्मी कोरोना योद्धा के रुप में चिकित्साकर्मियों के साथ कंधे से कंधे मिलाकर हमारे बीच ड्यूटी कर रहे हैं। ये हर जोखिम की परवाह किए बिना, परिवार की चिंता छोड़ सरकार की ओर से लगाई गई धारा 144 व लॉक डाउन कानून की पालना के लिए दिन-रात जुटे हुए हैं। इस मुश्किल घड़ी में पुलिस लोगों के लिए दिन रात सडक़ पर खड़ी है। इनके सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि 21 अप्रेल तक लॉक डाउन के दौरान हर हाल में लोगों को अपने घरों में रोके रखना है। जहां अधिकांश लोग लॉक डाउन की पालना कर रहे हैं वहीं कुछ लापरवाह लोग इसकी अवहेलना भी करते हैं। जिन्हें कभी समझाइश तो कभी सख्ती से पुलिस को निपटना होता है। इस कार्य में कई बार उनके सामने काफी मुश्किलें आती है लेकिन वे इस मुश्किल घड़ी में संयम के साथ नौकरी में ली शपथ को पूरा करने और देश के लिए सेवा में लगे हुए हैं।
एसपी पूजा अवाना करती रहती हौंसला अफजायी
इस मुश्किल घड़ी में जिले की कर्तव्यपरायण एस पी पूजा अवाना भी पुलिसकर्मियों का हौसला अफजाई के लिए लगातार उनके संपर्क में हैं। वे उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आती है। जिला पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशोक मीणा जिले के सभी अधिकारियों और पुलिसकर्मी को समय-समय पर मार्गदर्शन देकर लॉक डाउन की पालना सहित कानून व्यवस्था को बनाए रखने में जुटे हैं।
परिवार भी जानता है कि इन्हें छुट्टी नहीं मिल सकती
शहर में तैनात कई पुलिसकर्मियों का परिवार बाहर रहता है। कोरोना के बाद से पुलिसकर्मियों को अवकाश नहीं मिलने से वे अपने परिवार से मिलने नहीं जा पा रहे। परिवार वाले भी जानते हैं कि इस दौर में उन्हें छुट्टी नहीं मिल सकती। इसलिए फोन पर ही घर वाले हालचाल पूछते हैं। जब पूरी दुनिया वायरस के खौफ से सहमी हुई है तो तब परिवार की चिंता भी वाजिब है। बच्चे, पत्नी सहित अन्य परिजन जब मौका लगे तब बात करते हैं। पहला सवाल यही होता है कि हम कैसे हैं, कैसे हालात हैं। परिजनों की चिंता छोडऩे और सब कुछ जल्द ठीक होने का संबल देते हैं। काम के दबाव में बच्चों की बातें काफी सूकुन महसूस कराती हैं। कुछ पुलिसकर्मियों ने बताया कि परिवार वालों को पता है कि ड्यूटी की व्यस्तता में अपने स्वास्थ्य का ध्यान भी न रख पाएं और उनको सच से अवगत नहीं भी करा पाएं, इसलिए आवाज सुनकर या फिर वीडियो कॉल कर यह कंफर्म करते हैं कि हम बिल्कुल ठीक हैं या नहीं। समय पर खाना खाने और अपने बचाव के लिए तमाम उपाय अपनाने की भी याद दिलाते रहते हैं। परिवार व्यक्ति की प्राथमिकताओं में से एक है, लेकिन हमारी सर्विस जिस तरह की है उसकी जिम्मेदारी निभाना कहीं बड़ी प्राथमिकता है।
शहर में 200 से ज्यादा पुलिसकर्मी कर रहे ड्यूटी
लॉक डाउन के दौरान अकेले प्रतापगढ़ शहरम में ही 200 से अधिक पुलिसकर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं। हर एक पुलिसकर्मी की आठ घंटे ड्यूटी रहती हैं। शहर में होमगार्ड के 45, आएसी के 45, पुलिस लाइन से 74, एसपी कार्यालय से 12, प्रतापगढ़ थाने से 52 पुलिसकर्मी शहर में तैनात हैं। वहीं अन्य तीन थानों से भी दो-दो पुलिसकर्मीयों को कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में ड्यूटी लगाई गई हैं।
कलक्टर-एसी ने संभाल रखा हर मोर्चा
जिले में वर्तमान में पुलिस और प्रशासन के सबसे बड़े पदों पर महिला पुलिस अधिकारी के तौर पर देश की दो बेटियां कार्यरत हैं। जिला कलक्टर के रुप में अनुपमा जोरवाल और जिला पुलिस अधीक्षक पद पर पूजा अवाना कार्य कर रही हैं। कोरोना संक्रमण की रोकथाम और लॉक डाउन की प्रभावी पालना सहित ये दोनों अपने कार्य को किस बखूबी से अंजाम दे रही हैं इसकी बानगी का अंदाजा इससे ही लगाया जा सकता है कि 30 मार्च को करीब 2 हजार मजदूरों के अचानक प्रतापगढ़ आने पर एक बार तो सबके हाथ-पावं फूल गए थे, लेकिन जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल और पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना ने सूचना मिलने के साथ ही स्थिति से निपटना शुरू कर दिया। दोनों स्वयं भी मौके पर पहुंची और पूरी सावधानी के साथ बेहतरीन तरीके से स्थिति को संभालते हुए प्रशासन, पुलिस, चिकित्सा सहित अन्य विभागों और स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से मजदूरों के बीच सोशल डिस्टेंस की पालना कराते हुए स्क्रीनिंग कर भोजन कराया और सभी को बसों से उनके घरों के लिए भेज दिया।
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ये तस्वीरें दिखाती हैं पुलिस के कई चेहरे
पहली तस्वीर-कर्तव्यपरायणता
हाथ में फ्रैक्चर पर भी ड्यूटी
यह तस्वीर इन दिनों सोशल मिडिया पर खूब वायरल हुई। यह 30 मार्च को कर्नाटक से 70 बसों में अचानक प्रतापगढ़ भेज दिए गए राज्य के मजदूरों को संभालने के दौरान ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाई मीरादेवी की हैं। जिसके हाथ में फ्रैक्चर होने के बावजूद कर्तव्यपरायणता के साथ ड्यूटी करती दिखाई दी।
दूसरी तस्वीर-मददगार चेहरा
जरुरतमंदों को करवा रही भोजन
लॉक डाउन के तहत पुलिस की यह तस्वीर भी बहुत कुछ कह जाती हैं। बाहर से अपने घरों को पैदल आने वाले कई मजदूरों को अपने थानों में खाना खिला कर उन्हेंं बाद में बसों की व्यवस्था कर गंतव्य के लिए पहुंचाया जा रहा हैं। वहीं यहां के जरुरतमंदों को भी भूखा नहीं रहने दिया जा रहा और उन तक पहुंचकर भोजन कराया जा रहा है।
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