गौरतलब है कि राजस्थान पत्रिका ने लगातार समाचार प्रकाशित कर मुद्दे को उठाया था। इसके बाद जिला प्रशासन और अन्य संस्थाएं सक्रिय हुई। संस्था ने बालक के परिजनों को समझाकर इंदौर भेजा। इंदौर की बाल कल्याण समिति ने प्रतापगढ़ की बाल कल्याण समिति के आग्रह पर गुरुवार को बालक को उसके पिता मोहन को सौंप दिया गया।