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घाटे में ट्रोले और टैंकर की भिड़ंत, एनएच 113 पर लगा जाम, पांच घंटे तक अवरुद्ध रहा मार्ग

locationप्रतापगढ़Published: Sep 21, 2019 09:10:26 pm

Submitted by:

Ram Sharma

अधूरा कार्य होने से हो रहे हादसे(pratapgarh news in hindi)

घाटे में ट्रोले और टैंकर की भिड़ंत, एनएच 113 पर लगा जाम, पांच घंटे तक अवरुद्ध रहा मार्ग

घाटे में ट्रोले और टैंकर की भिड़ंत, एनएच 113 पर लगा जाम, पांच घंटे तक अवरुद्ध रहा मार्ग


प्रतापगढ़. जिले के धमोतर थाना इलाके में एनएच 113 पर भूतियावड घाटे में शनिवार सुबह एक टैंकर और ट्रोले की भिड़ंत हो गई। इससे दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए और करीब पांच घंटे तक मार्ग बाधित रहा। इससे वाहनों की लाइनें लग गईं। हालांकि पुलिस ने वाहन अन्य गांवों से होकर निकाले। दोपहर करीब एक बजे बाद यहां वाहनों को अलग किया और मार्ग को सुचारू किया गया। यहां भूत्यावड़ घाटे में सुबह करीब नौ बजे एक ट्रेलर और टैंकर की भिड़ंत हो गई। इससे दोनों वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। इससे रोड पूरी तरह से जाम हो गया। जाम की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची। इस दौरान दोनों तरफ वाहनों की कतारें लग गई। यहां स्थिति को देखते हुए पुलिस ने वाहनों को निकालने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई। इसके तहत नकोर, टांडा, बारावरदा की ओर से वाहनों को निकाला गया। दोपहर एक बजे बाद यहां से वाहनों को अलग किया गया। इसके बाद ही मार्ग सुचारू हो सका।

बारावरदा/प्रतापगढ़. प्रतापगढ़ जिले के धमोतर थाना इलाके में एनएच ११३ पर भूत्यावड़ घाटे में आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। यहां कार्यअधूरा है। जिससे घाटे में वाहनों की भिड़ंत होती है। यहां गत माह में ही पांच दुर्घटनाएं हो चुकी है। ऐसे में इस मार्ग को पूर्ण करने की आवश्यकता है।
बारावरदा नेशनल हाइवे 113 पर भूतियावड़ घाटे में सडक़ पर बड़े-बड़े गड्ढे होने और घाट सेक्शन को सही नहीं करने के कारण आए दिन हादसे हो रहे हैं। जबकि एनएच विभाग का इस रोड के सुधार की तरफ कोई ध्यान नहीं है। इससे आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। पिछले दिनों की रोडवेज डिपो की बस से कई यात्री घायल हो गए थे। आए दिन इस घाटे में हादसे होते रहे हैं। इसी प्रकार यहां कुछ दिन पूर्व हादसे में ट्रक पलट गया था। यहां शनिवार सुबह भी एक ट्रोला और टैंकर की भिड़ंत हो गई। इससे ट्रोला पलट गया। इससे रोड जाम हो गया। इससे नेशनल हाइवे पर करीब 3 से 4 किलोमीटर लंबी कतारें लग गई।
पांच वर्षों से यही स्थिति: यहां एनएच ११३ का कार्य करीब पांच वर्षपहले किया गया था। लेकिन यह ११ किलोमीटर का हिस्सा वन विभाग के अधीन है।ऐसे में इसकी स्वीकृति नहीं मिल पाई। जिससे कार्य अधूरा पड़ा हुआ है।
घाट सेक्शन और गड्ढों से हादसे
यहां वन विभाग की जमीन होने से इस पर रोड का कार्य नहीं हो पा रहा है। ऐसे में यहां काफी बड़े गड्ढे हो गए है। घाट सेक्शन भी मोड़ पर है। जिससे आए दिन हादसे हो रहे है। घाटे में आमने-सामने से वाहनों को चालक देख नहीं पाता है, जिससे भिड़ंत हो जाती है। यहां पेचवर्क भी नहीं किया जाता है। पेचवर्क के नाम पर सिर्फ पहाड़ों की मिट्टी डालकर खानापूर्ति की जाती है।

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