गुंजन अरनोद का ही निवासी है। पिता दशरथ जांगीड व्यवसायी है। गुंजन ने बताया कि उसने नवीं कक्षा में ही विवेकानंद स्कूल में प्रवेश लिया था। इससे पहले हिन्दी मीडियम स्कूल में पढ़ता था। लेकिन विवेकानंद स्कूल में सारी पढ़ाई अंग्रेजी माध्यम में हुई। इससे नवीं में थोड़ी दिक्कत पेश हुई, लेकिन धीरे-धीरे सब सामान्य हो गया। हालांकि ग्रामीण क्षेत्र के लिए अंग्रेजी माध्यम बड़ी समस्या है। गत वर्ष नवीं कक्षा में ७० छात्र थे, लेकिन दसवीं में आधे ही रह गए। अंग्रेजी माध्यम होने से अधिकांश छात्र आगे पढ़ नहीं पाए।
मैथ्स रहा पंसदीदा विषय: गुंजन ने बताया कि गणित उसका पसंदीदा विषय है। सबसे ज्यादा माक्र्स ९७ उसे गणित में ही मिले। वह स्कूल में पढ़ाई ही चीजों को घर पर आकर रिवाइज करता था। इसके अलावा स्कूल के कोर्स से आगे की चीजें भी पहले ही पढ़ लेता था। इससे स्कूल में कक्षा में शिक्षक की पढ़ाई हुई बातें जल्दी समझ में आ जाती थी।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर है लक्ष्य : गुंजन आगे चल कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। इसके लिए वह अभी से ही तैयारी कर रहा है। स्कूल में उसे गुरूजनों का भी पूरा सहयोग मिला। यही कारण रहा कि उसे कभी ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ी। स्कूल में सभी विषयों में नियमित पढ़ाई होती थी।
मैथ्स रहा पंसदीदा विषय: गुंजन ने बताया कि गणित उसका पसंदीदा विषय है। सबसे ज्यादा माक्र्स ९७ उसे गणित में ही मिले। वह स्कूल में पढ़ाई ही चीजों को घर पर आकर रिवाइज करता था। इसके अलावा स्कूल के कोर्स से आगे की चीजें भी पहले ही पढ़ लेता था। इससे स्कूल में कक्षा में शिक्षक की पढ़ाई हुई बातें जल्दी समझ में आ जाती थी।
सॉफ्टवेयर इंजीनियर है लक्ष्य : गुंजन आगे चल कर सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहता है। इसके लिए वह अभी से ही तैयारी कर रहा है। स्कूल में उसे गुरूजनों का भी पूरा सहयोग मिला। यही कारण रहा कि उसे कभी ट्यूशन की जरूरत नहीं पड़ी। स्कूल में सभी विषयों में नियमित पढ़ाई होती थी।