प्रतापगढ़

कर्नाटक से 70 बसों में दो हजार लोग गूगल मेप के सहारे पहुंचे प्रतापगढ़

प्रदेश के 25 जिलों के लोग शामिल-प्रशासन ने भोजन व स्वास्थ्य जांच करवा रोडवेज बसों से भेजा संबंधित जिलों में

प्रतापगढ़Mar 30, 2020 / 08:45 pm

Hitesh Upadhyay

कर्नाटक से 70 बसों में दो हजार लोग गूगल मेप के सहारे पहुंचे प्रतापगढ़

प्रतापगढ़. कोरोना को लेकर देश में चल रहे लॉक डाउन के तहत सोमवार को कर्नाटक सरकार ने वहां रह रहे राजस्थान के करीब दो हजार लोगों को सत्तर बसों में भरकर प्रतापगढ़ जिले की मध्यप्रदेश सीमा पर छोड़ दिया। इसकी जानकारी मिलने पर जिला प्रशासन सक्रिय हुआ। एसपी कलक्टर सहित पूरा प्रशासन मौके पर पहुंचा और वहां लोगों की स्वास्थ्य जांच करवाई। खाना खिलाया और जिलेवार लोगो की छंटनी कर रोडवेज की 65 बसों से राजस्थान के संबंधित जिलों में भिजवाया गया। इन लोगों में राजस्थान के 25 जिलों के लोग थे। खास बात यह रही कि इनमें भीलवाड़ा जिले के 432 लोग भी थे, लेकिन भीलवाड़ा प्रशासन ने वहां की हालत के मद्देनजर उन्हें लेने से इनकार कर दिया। इस पर उन्हें प्रतापगढ के टीमरवा स्थित जनजाति बालिका छात्रावास में होम आइसोलेशन में रखा गया।
गूगल मेप के सहारे पहुंचे प्रतापगढ़
लॉक डाउन के चलते पूरे कर्नाटक में कई मजदूर फंस गए। इस पर वहां की सरकार ने इन्हें बीजापुर में एकत्र किया और वहां से राजस्थान के लिए रवाना किया। इस काफिले का नेतृत्व वहां के डिप्टीएसपी ने किया। यह काफिला गूगल मैप का सहारा लेते हुए मध्यप्रदेश और राजस्थान सीमा पर मंदसौर पहुंचा। यहां से रविवार रात को बसों का आना शुरू हो गया। जो जिले की सीमा पर हथुनिया थाना क्षेत्र की राजपुरिया चौकी पर आकर ठहर गया। यहां पुलिस ने उन्हें रोका और जिला प्रशासन के अधिकारियों को सूचना दी। सूचना पर प्रतापगढ़ जिला कलक्टर अनुपमा जोरवाल, पुलिस अधीक्षक पूजा अवाना, अतिरिक्त जिला कलक्टर गोपाल स्वर्णकार और चिकित्सा विभाग का अमला पहुंचा। राजपुरिया नाके पर जगह कम होने के चलते सभी बसों को वरमंडल गांव में हवाई पट्टी पर ले जाया गया। यहां सभी लोगों की स्क्रीनिंग कर भोजन आदि कराया गया। इसके बाद राजस्थान रोडवेज बसों से संबंधित जिलों के लिए रवाना किया गया।
हरियाणा की तीन बसें भी पहुंची
यहां पहुंची बसों में तीन बसों में हरियाणा के लोग भी आए थे। इन सभी को भी यहां पर उतारा गया। जहां सभी को भी खाने-पीने की व्यवस्था की गई। स्क्रीनिंग करने के बाद सभी को राजस्थान रोडवेज बसों से हरियाणा के लिए रवाना किया गया।
सभी वर्गों के लोग आए परिवार के साथ
कर्नाटक में राजस्थान के कई लोग रोजी-रोटी के लिए गए हुए है। इनमें मजदूर वर्ग के साथ व्यापारी, अधिकारी आदि शामिल है। कई लोग अपने परिवार के साथ भी रहते है। यहां प्रतापगढ़ पहुंचने वाले लोगों ने बताया कि कई तो कई वर्षों से वहां रोजगार करते आ रहे है। जो अब परिवार के साथ यहां अपने गांवों के लिए आए है।
पहुंचे कई स्वयंसेवी संगठन
कर्नाटक से एक साथ पहुंचे ढाई हजार लोगों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था करना प्रशासन के सामने चुनौती बन गया। ऐसे में प्रतापगढ़ शहर के कई स्वयंसेवी संगठन भी मदद के लिए वरमंडल हवाई पट्टी पहुंच गए। बड़ी संख्या में पहुंचे इन लोगों के भोजन की व्यवस्था के लिए राम वाटिका ट्रस्ट, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता पहुंचे। यहां सभी लोगों के लिए खाद्यान्न सामग्री वितरित की। इसके साथ ही प्रशासन की ओर से भी भोजन की व्यवस्था की गई।
इन जिलों के पहुंचे लोग
बीकानेर, बाड़मेर, नागौर, पाली, जालोर, जोधपुर, उदयपुर, भीलवाड़ा, चित्तौडगढ़़, अलवर, भरतपुर, जयपुर, चुरू, सांचौर, झुंझुनू, अजमेर, राजसमंद, फलौदी, हनुमानगढ़, करौली, जोधपुर, जैसलमेर, राजसमंद, राजगढ़, ब्यावर, प्रतापगढ़, टोंक, बूंदी, सवाई माधोपुर, बिलाड़, दौसा जिले के दो हजार लोग अपने परिवार के साथ आए।
जिलेवार की गई छंटनी
कर्नाटक की बसों में राजस्थान के लोग आए थे। ऐसे में यहां सभी को जिलेवार छंटनी कर अलग-अलग स्थानों पर नियत दूरी पर बैठाया गया। इसके बाद स्क्रीनिंग कर जिलेवार 65 बसों में बिठाकर 25 जिलों के लिए रवाना किया गया।
सभी विभागों के कर्मचारी पहुंचे व्यवस्थाओं में
यहां एक साथ ढाई हजार लोगों के पहुंचने पर प्रशासन अलर्ट हो गया। इसके लिए सभी विभागों को सतर्क किया गया। इस पर सभी विभागों के लोग पहुंचे। जिसमें आसपास के ग्राम पंचायतों के सचिव आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग के प्रधानाचार्य, अध्यापक आदि मौजूद रहे। जिन्होंने यहां स्क्रीनिंग करवाने में व भोजन-पानी की व्यवस्था में सहयोग किया। स्क्रीनिंग करवाने में फॉर्मेट भरवाए गए। छोटे-छोटे बच्चे भी थे। बच्चों का भी परीक्षण किया गया लोग काफी परेशान दिख रहे थे। जांच के दौरान आवश्यकता वाले लोगों को दवाइयां भी दी गई।
विशेष बॉक्स
भीलवाड़ा के 432 मजदूरों को प्रतापगढ़ में ही रोका
कर्नाटक से आए इन लोगों में करीब 25 जिलों के लोग थे। इनमें से अधिकांश लोग वहां फैक्ट्रियो में मजदूर थे तो कोई आइसक्रीम का ठेला लगाता था। कोई हलवाई की नौकरी करता था। इन लोगो ने पत्रिका संवाददाता को बताया कि वहां की फैक्ट्रियों के मालिकों ने उन्हें अब तक का वेतन देकर अपने घर लौट जाने का दबाव बनाया। इस पर उन्हें आना पड़ा। इन मजूदरों में भीलवाड़ा जिले के 432 लोग भी हैं। इनमें महिला व बच्चे भी शामिल है। इसकी सूचना जब भीलवाड़ा प्रशासन को दी गई तो वहां की हालत को देखेते हुए उन्होंने इनको वहां लेने से इनकार कर दिया और हालात नियंत्रण में होने तक प्रतापगढ़ में ही होम आइसोलेशन पर रखने का आग्रह किया। इस पर जिला प्रशासन ने इन मजदूरों और उनके परिवार को टीमरवा स्थित जनजाति आश्रम बालिका छात्रावास के होम आइसोलेशन सेंटर में ठहराया।
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सभी मजूदरों को संबंधित जिलों में भेजा
सुबह जिला कंट्रोल रूम के जरिए सूचना मिली थी कि कर्नाटक से प्रवासी लोगों को लेकर 70 बसें जिले की सीमा पर खड़ी है। इस जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक सहित सभी अधिकारी मौके पर पहुंचे और उनकी स्क्रीनिंग करवाई। उन्हें खााना खिलाया। भीलवाड़ा में कोरोना वायरस के ज्यादा प्रकोप को देखते हुए वहां के प्रशासन के आग्रह पर 432 लोगों को यही होम आइसोलेशन में रखा है।
– गोपाल लाल स्वर्णकार, अतिरिक्त जिला कलक्टर, प्रतापगढ़

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