बैठक के दौरान आयुक्त थोड़ा विलंब से पहुंचे। आने के बाद भी आयुक्त के पास बार-बार फोन आता रहा।इस पर भाजपा पार्षदों ने आपत्ति जताई। कुछ पार्षदों ने कहा कि आयुक्त सरकार के दबाव में काम कर रहे है। बैठक के बाद सभापति रामकन्या ने आयुक्त के फोन पर बात करने को लेकर जांंच की मांग की है। सभापति ने आरोप लगाया कि आयुक्त विधायक के इशारों पर कार्य कर रहे है। हांलाकि इस मामले पर मीडिया से आयुक्त ने कहा कि उनके घर से फोन आ रहे थे।
नगरपरिषद की बोर्ड बैठक में दो बार एजेंडे जारी करने को लेकर भी हंगामा मचता रहा। सभापति व आयुक्त की ओर से 9 मार्च को बोर्ड बैठक को लेकर एजेंडा जारी किया। इसके कुछ दिनों बाद आयुक्त ने नया एजेंडा जारी कर पुराने एजेंडे से दो प्रस्ताव हटा दिए। बैठक में ***** मुक्त पर चर्चा हुई तो कांग्रेस के पाषदों ने आरोप लगाया कि बैठक एजेंडे के अनुसार चले। कांग्रेस के पार्षद आयुक्त की ओर से जारी नया एजेंडा बताते दिखे तो भाजपा के पार्षद पुराना एजेंडा पर चर्चा करने की बात कहते दिखे। इस पर सभापति ने कहा कि आयुक्त की ओर से नया एजेंडा जारी कर दिया गया जिसकी मुझे जानकारी नहीं थी ना ही भाजपा के 21 पार्षदों के पास कोई नया एजेंडा गया है। स
कांग्रेस पाषर्दो ने किया वाकआउट, बाद में ***** मुक्त के लिए लिया प्रस्ताव
11 बजे बैठक शुरू होने के बाद से बैठक में हंगामा होता रहा। जिसके बाद 11.40 पर उपसभापति सेवंती लाल चंडालिया के कहने पर कांग्रेस पाषदों ने सदन से वाकआउट कर दिया। वाकआउट के बाद सभापति व भाजपा के 21 पार्षदों की सहमति से नगर परिषद द्वारा शहर में घूम रहे सुअरों को पकडऩे का प्रस्ताव पारित किया गया। यह भी कहा गया कि नगर परिषद दो दिन में रूप रेखा बना कर एक माह में शहर ***** मुक्त करे।
आयुक्त मीणा फोन पर बात करने के लिए बार-बार बाहर जाते रहे। वे करीब चार- पांच बार बैठक छोडकऱ गए। इस पर भाजपा पार्षदों ने हंगामा किया। बाद में जब वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने उनसे बार-बार बाहर जाने का कारण पूछा तो वे बोले कि जरूरी काम से उन्हें बाहर जाना पड़ा। उन्होंने परिषद कर्मचारियों से मीडियाकर्मियों को बाहर निकालने का इशारा किया। लेकिन मीडियाकर्मियों और सत्ता पक्ष के पार्षदों के विरोध के बाद शांत हो गए।
आयुक्त ने निभाई विपक्ष की भूमिका : सभापति
सभापति रामकन्या ने बाद में मीडियाकर्मियों से बातचीत में आरोप लगाया कि आयुक्त मीणा सरकार के दबाव में काम कर रहे हैं। उनका रवैया शुरू से ही असयोगात्मक रहा। सभापति ने कहा कि बैठक में भी वे एक प्रकार से विपक्ष की भूमिका में ही नजर आए। उन्होंने प्रोसिंडिंग भी अपनी मर्जी से तैयार की। इसमें भेदभावपूर्ण रवैया झलका।
झलकियां…
– बैठक के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का बिलकुल भी ध्यान नहीं रखा गया। आयुक्त सहित अधिकांश पार्षदों ने मुंह पर मास्क नहीं लगा रखा था। सोशल डिस्टेसिंग की पालना भी नहीं की गई थी।
– सदन शुरू होने के बाद से ही कांग्रेस व भाजपा के नेता नगरपरिषद पहुंच गए थे, लेकिन कांग्रेस के पार्षदों की ओर से वाकआउट करने के बाद सदन में कांग्र्रेस के कुछ नेता पहुंच गए। इस पर भाजपा पार्षदों ने विरोध किया तो कुछ देर के लिए उन्हें बाहर निकाल गेट बंद किया गया।
– बैठक में हंगामा देख पुलिस प्रशासन ने आरएससी के जवानों की भी बुलाया गया। हालांकि बाद में सब कुछ शांति से निपट गया। बैठक में 57.77 करोड़ का बजट प्रस्ताव भी पारित हो गया और ***** हटाने का प्रस्ताव भी पारित हो गया।