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यहां पशु भी हैं झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे

locationप्रतापगढ़Published: Jun 17, 2019 01:08:01 pm

Submitted by:

Ram Sharma

-चार माह से बंद पड़ा करजू का पशु चिकित्सालय

Pratapgarh

यहां पशु भी हैं झोलाछाप डॉक्टरों के भरोसे



प्रतापगढ़ करजू.जिले की छोटी सादड़ी तहसील के अंतिम छोर पर स्थित करजू ग्राम पंचायत के पशु चिकित्सालय पर पिछले चार माह से ताला लटका हुआ है। ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं के उपचार के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इस पशु चिकित्सालय के अधीन करजू, माला की भागल, पूजा की भागल, धोबियों का खेड़ा, करजू नई आबादी सहित अनेक गांव आते है। इन गांवों के लोगों के मुख्य आय का जरिया पशुपालन व खेती है। प्रत्येक किसान के पास पशु है। पशुपालकों ने बताया कि यह पशु चिकित्सालय संचालित होने से पशुओं का समय पर उपचार होने के साथ कई सरकारी योजनाओं का भी लाभ मिल रहा था। लेकिन अब पशु चिकित्सालय बंद होने से न तो पशुओं का उपचार हो रहा है और ना ही नि:शुल्क दवाई मिल रही है।
झोलाछाप चिकित्सकों का लेना पड़ रहा है सहारा
पशुपालकों ने बताया कि नजदीकी में पशु चिकित्सालय नहीं होने से अब पशुओं के उपचार के लिए झोलाछाप चिकित्सकों का सहारा लेना पड़ रहा है। जो साधारणत: ही पशुओं के बीमार होने पर भारी भरकम फीस लेकर उपचार करते है। पशुपालकों को भी अपने पशुओं के उपचार के लिए रुपए देने पड़ रहे है।
चिकित्सा कार्मिकों का तबादला होने से लग गया ताला
ग्रामीणों ने बताया कि इस पशु चिकित्सालय पर एक चिकित्सक सहित कार्मिक कार्यरत थे। लेकिन लोकसभा चुनाव से पहले चिकित्सक एवं कम्पाउण्डर का तबादला अन्यत्र जगह पर हो गया। चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों ने पहले इस चिकित्सालय में चिकित्सकों की व्यवस्था किए बिना ही इन चिकित्साकर्मियों का तबादला कर दिया। जिसके कारण इस चिकित्सालय पर सभी कार्मिकों के नहीं होने पर भवन के भी ताला लग गया। यहां के पशुपालकों ने इसे खुलवाने की मांग की है।
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