पत्रिका-स्वच्छ सर्वेक्षण को देखते हुए क्या आपकी तैयारी पूरी है?
सभापति-स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रतापगढ़ के नामित होने के बाद से नगरपरिषद की ओर से इसके लिए तैयारी की जा रही है। सर्वेक्षण की गाइड लाइन और शहर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता के लिए हर आवश्यक कवायद की गई है और हमारी तैयारी पूरी है।
सभापति-स्वच्छ सर्वेक्षण में प्रतापगढ़ के नामित होने के बाद से नगरपरिषद की ओर से इसके लिए तैयारी की जा रही है। सर्वेक्षण की गाइड लाइन और शहर की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता के लिए हर आवश्यक कवायद की गई है और हमारी तैयारी पूरी है।
पत्रिका-शहर ओडीएफ तो हो गया इसके बाद भी प्रमाण पत्र क्यों नहीं, नम्बर नहीं कटेंगे क्या?
सभापति-नगरपरिषद की ओर से गत वर्ष 4 अगस्त को ही शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। जिसके तो नम्बर मिलेंगे ही, वहीं प्रमाण पत्र के लिए सरकार को 6 बार रिमाइंडर लिखे गए हैं, जल्द प्रमाण पत्र आ सकता है और यदि नहीं भी आ पाया तो स्वच्छ सर्वेक्षण टीम को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर इसके नम्बर भी लेने के प्रयास किए जाएंगे।
पत्रिका-सिटीजन फीडबैक के 1400 अंक हैं, आपकी नजर में सिटीजन फीडबैक कैसा आएगा।
सभापति-सिटीजन फीडबैक निश्चित रुप से अच्छा आएगा। शहरवासी अपने शहर को देश में नम्बर वन पर लाने के लिए इसमें अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।
पत्रिका-नगरपरिषद के पास अब मात्र पांच दिन शेष हैं, ऐसे में इन दिनों में प्रमुख कार्य
1.शहर में जागरुकता के लिए प्रचार-प्रसार तेज करना
2.जनता की सहभागिता से एक बड़ी जागरुकता रैली का आयोजन
3.स्वच्छता के सभी नवाचारों और कार्यों का सतत फॉलोअप
4.शहर में सफाई व्यवस्था के सघन निरीक्षण की व्यवस्था
5.हर कमी को जल्द से जल्द पूरा करना
सभापति-नगरपरिषद की ओर से गत वर्ष 4 अगस्त को ही शहर को ओडीएफ घोषित कर दिया गया था। जिसके तो नम्बर मिलेंगे ही, वहीं प्रमाण पत्र के लिए सरकार को 6 बार रिमाइंडर लिखे गए हैं, जल्द प्रमाण पत्र आ सकता है और यदि नहीं भी आ पाया तो स्वच्छ सर्वेक्षण टीम को वस्तुस्थिति से अवगत कराकर इसके नम्बर भी लेने के प्रयास किए जाएंगे।
पत्रिका-सिटीजन फीडबैक के 1400 अंक हैं, आपकी नजर में सिटीजन फीडबैक कैसा आएगा।
सभापति-सिटीजन फीडबैक निश्चित रुप से अच्छा आएगा। शहरवासी अपने शहर को देश में नम्बर वन पर लाने के लिए इसमें अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएंगे।
पत्रिका-नगरपरिषद के पास अब मात्र पांच दिन शेष हैं, ऐसे में इन दिनों में प्रमुख कार्य
1.शहर में जागरुकता के लिए प्रचार-प्रसार तेज करना
2.जनता की सहभागिता से एक बड़ी जागरुकता रैली का आयोजन
3.स्वच्छता के सभी नवाचारों और कार्यों का सतत फॉलोअप
4.शहर में सफाई व्यवस्था के सघन निरीक्षण की व्यवस्था
5.हर कमी को जल्द से जल्द पूरा करना
पत्रिका-अब तक किस मामले में सबसे कमजोर साबित हुए हैं ?
सभापति-मैन पॉवर और संसाधनों की कुछ कमी है, लेकिन उस कमी को हमारी टीम ने अपनी अथक मेहनत से पूरा किया है और उनकी मेहनत और शहरवासियों की प्रतापगढ़ को नम्बर वन बनाने की इच्छा शक्ति की जीत होगी।
पत्रिका-स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर की जनता क्या भूमिका निभा सकती है?
सभापति-जनता की भूमिका सर्वोपरि है। नगरपरिषद की ओर से तो शहर में स्वच्छता की कवायद की ही जा रही है। अब लोगों को ही उनके अपने शहर को देश में नम्बर वन पर लाने के लिए आगे आना है। इसके लिए अपने घर-दुकान पर डस्टबीन रखने, गंदगी नहीं फैलाने, कचरे को कचरा संग्रहण वाहन में ही डालने, पॉलिथिन का उपयोग नहीं करने आदि कार्य करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण टीम को पूरे आत्मविश्वास से अपने और शहर में हो रहे स्वच्छता के प्रति सकारात्मक बदलाव के बारे में अवगत कराना है।
पत्रिका-क्या सर्वेक्षण के बाद भी प्रतापगढ़ शहर में ऐसे ही मुस्तैदी से स्वच्छता व सौन्दर्य पर काम होता रहेगा? या फिर ये सिर्फ सर्वेक्षण में नम्बर वन पर आने के लिए है।
सभापति-साफ-सफाई एक सतत प्रक्रिया है। नगरपरिषद की ओर से नियमित रुप से शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है और निश्चित ही आगे भी होती रहेगी। सर्वेक्षण तो अभी आया है, प्रतापगढ़ शहर में पिछले तीन वर्षों से कचरा निस्तारण का कार्य सफलतापूर्वक किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण के बाद कुछ नवाचार जरुर किए गए हैं जो आगे भी जारी रहेंगे और शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हरसंभव कार्य किया जाता रहेगा।
पत्रिका-नगरपरिषद प्रतापगढ़ ने स्वच्छता में नम्बर वन का सपना देखा है, हम दूसरे शहरों से कैसे आगे हैं?
सभापति-नगरपरिषद ने प्रतापगढ़ के लोगों में स्वच्छता की नई अलख जागृत होने के चलते नम्बर वन आने का सपना देखा है। दूसरे शहरों से हम कई मायनों में आगे हैं, इसमें गीले कचरे का तीन वर्ष से निस्तारण, सूखे कचरे का ईंधन के रुप में निस्तारण सहित सम्पूर्ण कचरे का निस्तारण प्रमुख है।
पत्रिका-नगरपरिषद ने सेल्फ असेसमेंट में 1400 में से कितने नम्बर खुद को दिए हैं?
सभापति-नगरपरिषद सेल्फ असेसमेंट में 1400 में से 1176 नम्बर खुद को देती है। साथ ही लैंडफिल के विकल्प की कवायद, ओडीएफ प्रमाणपत्र की वस्तु स्थिति और एसटीपी के उचित कारण के नम्बर भी लेने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
पत्रिका-आपको कितनी उम्मीद है कि प्रतापगढ़ शहर कुल 4000 अंकों में से कितने अंक ला पाएगा?
सभापति-नगरपरिषद की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं। लोगों में भी जागरुकता काफी बढ़ी है और वे देश में नम्बर वन आने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण में अपनी भागीदारी निभाते हुए सर्वेक्षण टीम से रूबरू होने को आतुर हैं। ऐसे में पूरी उम्मीद है की नम्बर वन पर आने के लिए जितने नम्बरों की आवश्यकता है वह शहर के लोग लेंगे और प्रतापगढ़ देश का नम्बर वन स्वच्छ शहर बनेगा।
सभापति-मैन पॉवर और संसाधनों की कुछ कमी है, लेकिन उस कमी को हमारी टीम ने अपनी अथक मेहनत से पूरा किया है और उनकी मेहनत और शहरवासियों की प्रतापगढ़ को नम्बर वन बनाने की इच्छा शक्ति की जीत होगी।
पत्रिका-स्वच्छ सर्वेक्षण में शहर की जनता क्या भूमिका निभा सकती है?
सभापति-जनता की भूमिका सर्वोपरि है। नगरपरिषद की ओर से तो शहर में स्वच्छता की कवायद की ही जा रही है। अब लोगों को ही उनके अपने शहर को देश में नम्बर वन पर लाने के लिए आगे आना है। इसके लिए अपने घर-दुकान पर डस्टबीन रखने, गंदगी नहीं फैलाने, कचरे को कचरा संग्रहण वाहन में ही डालने, पॉलिथिन का उपयोग नहीं करने आदि कार्य करते हुए स्वच्छ सर्वेक्षण टीम को पूरे आत्मविश्वास से अपने और शहर में हो रहे स्वच्छता के प्रति सकारात्मक बदलाव के बारे में अवगत कराना है।
पत्रिका-क्या सर्वेक्षण के बाद भी प्रतापगढ़ शहर में ऐसे ही मुस्तैदी से स्वच्छता व सौन्दर्य पर काम होता रहेगा? या फिर ये सिर्फ सर्वेक्षण में नम्बर वन पर आने के लिए है।
सभापति-साफ-सफाई एक सतत प्रक्रिया है। नगरपरिषद की ओर से नियमित रुप से शहर में साफ-सफाई की व्यवस्था की जाती है और निश्चित ही आगे भी होती रहेगी। सर्वेक्षण तो अभी आया है, प्रतापगढ़ शहर में पिछले तीन वर्षों से कचरा निस्तारण का कार्य सफलतापूर्वक किया जा रहा है। स्वच्छ सर्वेक्षण के बाद कुछ नवाचार जरुर किए गए हैं जो आगे भी जारी रहेंगे और शहर को स्वच्छ बनाए रखने के लिए हरसंभव कार्य किया जाता रहेगा।
पत्रिका-नगरपरिषद प्रतापगढ़ ने स्वच्छता में नम्बर वन का सपना देखा है, हम दूसरे शहरों से कैसे आगे हैं?
सभापति-नगरपरिषद ने प्रतापगढ़ के लोगों में स्वच्छता की नई अलख जागृत होने के चलते नम्बर वन आने का सपना देखा है। दूसरे शहरों से हम कई मायनों में आगे हैं, इसमें गीले कचरे का तीन वर्ष से निस्तारण, सूखे कचरे का ईंधन के रुप में निस्तारण सहित सम्पूर्ण कचरे का निस्तारण प्रमुख है।
पत्रिका-नगरपरिषद ने सेल्फ असेसमेंट में 1400 में से कितने नम्बर खुद को दिए हैं?
सभापति-नगरपरिषद सेल्फ असेसमेंट में 1400 में से 1176 नम्बर खुद को देती है। साथ ही लैंडफिल के विकल्प की कवायद, ओडीएफ प्रमाणपत्र की वस्तु स्थिति और एसटीपी के उचित कारण के नम्बर भी लेने का पूरा प्रयास किया जाएगा।
पत्रिका-आपको कितनी उम्मीद है कि प्रतापगढ़ शहर कुल 4000 अंकों में से कितने अंक ला पाएगा?
सभापति-नगरपरिषद की ओर से स्वच्छ सर्वेक्षण के लिए हरसंभव प्रयास किए गए हैं। लोगों में भी जागरुकता काफी बढ़ी है और वे देश में नम्बर वन आने के लिए स्वच्छ सर्वेक्षण में अपनी भागीदारी निभाते हुए सर्वेक्षण टीम से रूबरू होने को आतुर हैं। ऐसे में पूरी उम्मीद है की नम्बर वन पर आने के लिए जितने नम्बरों की आवश्यकता है वह शहर के लोग लेंगे और प्रतापगढ़ देश का नम्बर वन स्वच्छ शहर बनेगा।