वीडियो: दो-दो बार रजिस्ट्रेशन होने पर भी नहीं खरीद रहे सोयाबीन
किसान भटकने को मजबूर
उपज तोल के लिए टालमटोल
समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के बाद भी एक माह बीत जाने पर भी नहीं हुआ भुगतान
छोटीसादड़ी सरकार द्वारा खरीफ के लिए घोषित समर्थन मूल्य योजना के अंतर्गत किसानों की उपज को वाजिब कीमत पर खरीदने के लिए नगर की कृषि उपज मण्डी में सोयाबीन की उपज खरीद केंद्र खोला गया। लेकिन यहां अनियमितताओं के कारण भूमिपुत्रों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
खरीद केंद्र में अपनी उपज बेचने के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कराकर किसान अपनी सोयाबीन की उपज को घोषित समर्थन मूल्य पर बेच सकता है। लेकिन सरकार द्वारा खरीद केंद्र तो खोल दिया लेकिन केंद्र पर ही 10 रूपए में किसानों के लिए रजिस्ट्रेशन कराने व ई-मित्र पर 21 रुपए शुल्क पर पंजीयन केंद्र पर ही कराने की व्यवस्थाओ को गौण कर रखा है। वहीं क्षेत्र के किसान अपनी सोयाबीन की उपज के लिए एक ई-मित्र से दूसरे ई-मित्र पर पंजीयन कराने के लिए भटकने पर मजबूर है। समस्या तो तब और गंभीर हो जाती है जब दो-दो बार रजिस्ट्रेशन कराने के बाद भी किसान की उपज को खरीद केंद्र पर खरीदने के लिए टालम-टोल किया जाता है। दिनभर में इक्का-दुक्का किसानों की उपज ही खरीदी जाती है। उपखंड में खुला खरीद केंद्र महज औपचारिकता का केन्द्र बनता जा रहा है। किसान कैलाश शर्मा ने बताया कि उन्हें अपनी सोयाबीन की उपज बेचने के लिए दो-दो बार रजिस्ट्रेशन करवा चुके है। लेकिन केंद्र कर्मचारियों के टालम टोल रवैये व मनमर्जी के चलते सोमवार को अपनी उपज तोलने के लिए सुबह से चक्कर लगा रहे है। उन्होंने आरोप लगाया कि व्यापारियों को फायदा पहुंचाने की नियत से किसानों की उपज को अधिक समय तक इंतजार करवाया जा रहा है। ताकि किसान इसी तरह से परेशान होकर अपनी उपज कम दामों पर व्यापारियों को बेचने पर मजबूर हो।
एक माह बाद भी नहीं हुआ भुगतान
छोटीसादड़ी के महीनगर गांव निवासी प्रेमसिह जाट ने बताया कि उसने अपनी माता कारीबाई जाट के नाम से रजिस्ट्रेशन करवाकर 9 नवम्बर को तोल करवाया था। इसके बावजूद भी अभी तक खाते में भुगतान नही हुआ है। इस व्यवस्था में लगे लोग बस हो जाएगा कहकर रवाना कर देते है। सारी व्यवस्था बिगड़ी हुई है।
कई परेशानी हो रही है
किसान ने रजिस्ट्रेशन में जनधन योजना का प्रतापगढ़ शाखा के खाता नम्बर दे दिए थे।जिसकी पासबुक मांगने पर पता चला की खाता बन्द हो गया है। जिसपर किसान द्वारा दूसरे खाते के नम्बर दिए जो तोल के साथ आगे भेजे गए है। किसान को भुगतान कराने के लिए पत्र व्यवहार किया जा रहा है। यदि कोई किसान गलत रजिस्ट्रेशन कराने से उन्हें सही रजिस्ट्रेशन कराने के कारण दोबारा रजिस्ट्रेशन करना पड़ा। वहीं तोल केंद्र पर स्टाफ की कमी के चलते केंद्र पर ही पंजीयन नहीं किया जा रहा है। इसलिए किसानो को ई मित्र पर जाना पड़ रहा है।
कन्हैयालाल इन्दौरा
मुख्य व्यवस्थापक
क्रय-विक्रय सहकारी समिति, छोटीसादड़ी
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