सीतामाता बने नेशनल पार्क
जिले का सीतामाता अभयारण्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक क्षेत्रों में से एक है। यहां देश विदेश से कई सैलानी आते हैं। अभयारण्य में वन्यजीव तो है ही, दुनिया की दुर्लभतम् जड़ी बूटियां भी है। इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिलना चाहिए ताकि यह विश्व पर्यटन के नक्शे पर अपनी जगह बना सके।
जिले का सीतामाता अभयारण्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक क्षेत्रों में से एक है। यहां देश विदेश से कई सैलानी आते हैं। अभयारण्य में वन्यजीव तो है ही, दुनिया की दुर्लभतम् जड़ी बूटियां भी है। इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिलना चाहिए ताकि यह विश्व पर्यटन के नक्शे पर अपनी जगह बना सके।
ये मुद्दे हुए एजेंडे में शामिल
– शहर में बाइपास बने। यह कई सालों से अटका पड़ा है। इसके बिना बड़े वाहन शहर के बीचोंबीच होकर गुजरते हैं। इससे आए दिन हादसे होते हैं। इसको निर्धारित समय सीमा में बनाया जाना चाहिए। पूरे जिले में सडक़ों की हालत खराब है। इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
– जिले के धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से रोडवेज बस सेवा से जोडऩा चाहिए। गांवों में आवागमन के साधनों की कमी है। रोडवेज बसें चलाने से ग्रामीणों को निजी बसों और जीपों में लटककर आने से मुक्ति मिलेगी।
– जिला मुख्यालय को रेललाइन से जोड़ा जाना चाहिए। प्रतापगढ़ को बांसवाड़ा होते हुए अहमदाबाद रेललाइन से जोड़ दिया जाए तो दिल्ली मुम्बई की दूरी कम हो सकेगी। लोगों का समय और धन दोनों बचेगा। रेललाइन आने से उद्योग धंधों को भी गति मिलेगी।
– जिले में बेरोजगारी खत्म करने के लिए उद्योगों की स्थापना, सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पाद से जुड़े उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए।
– जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल, रोकडिय़ा हनुमानजी, शोली हनुमानजी, जानागढ़ माता जी, दिवाक माता सहित जिले के सभी तीर्थ स्थलों तक टू लेन सडक़ की कमी। अरनोद क्षेत्र के रिछडी महादेव, देवझर महादेच, कमलेश्वर महादेव प्रतापगढ़ क्षेत्र में नीलकंठ महादेव के जैसे प्राकृतिक व प्राचीन क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की जरूरत है।
इनकी रही सहभागिता
जन एजेंडा बैठक में किशोरचंद पाठक, मदनलाल बैष्णव, शिवलाल शर्मा, अजीत कुमार मोदी, सत्यनारायण योगी, चांदमल चंदू और सुरेश चंद टेलर ने संबोधित किया। वहीं पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष कृष्णलाल पंचोली, सचिव दुर्गाप्रसाद सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर भारती, गोपाल लाल शर्मा, बाबूलाल टांक, कांतिलाल जैन, रायसिंह और रमेश चंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ नागरिकों व युवकों आदि ने भाग लिया।
– शहर में बाइपास बने। यह कई सालों से अटका पड़ा है। इसके बिना बड़े वाहन शहर के बीचोंबीच होकर गुजरते हैं। इससे आए दिन हादसे होते हैं। इसको निर्धारित समय सीमा में बनाया जाना चाहिए। पूरे जिले में सडक़ों की हालत खराब है। इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
– जिले के धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से रोडवेज बस सेवा से जोडऩा चाहिए। गांवों में आवागमन के साधनों की कमी है। रोडवेज बसें चलाने से ग्रामीणों को निजी बसों और जीपों में लटककर आने से मुक्ति मिलेगी।
– जिला मुख्यालय को रेललाइन से जोड़ा जाना चाहिए। प्रतापगढ़ को बांसवाड़ा होते हुए अहमदाबाद रेललाइन से जोड़ दिया जाए तो दिल्ली मुम्बई की दूरी कम हो सकेगी। लोगों का समय और धन दोनों बचेगा। रेललाइन आने से उद्योग धंधों को भी गति मिलेगी।
– जिले में बेरोजगारी खत्म करने के लिए उद्योगों की स्थापना, सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पाद से जुड़े उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए।
– जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल, रोकडिय़ा हनुमानजी, शोली हनुमानजी, जानागढ़ माता जी, दिवाक माता सहित जिले के सभी तीर्थ स्थलों तक टू लेन सडक़ की कमी। अरनोद क्षेत्र के रिछडी महादेव, देवझर महादेच, कमलेश्वर महादेव प्रतापगढ़ क्षेत्र में नीलकंठ महादेव के जैसे प्राकृतिक व प्राचीन क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की जरूरत है।
इनकी रही सहभागिता
जन एजेंडा बैठक में किशोरचंद पाठक, मदनलाल बैष्णव, शिवलाल शर्मा, अजीत कुमार मोदी, सत्यनारायण योगी, चांदमल चंदू और सुरेश चंद टेलर ने संबोधित किया। वहीं पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष कृष्णलाल पंचोली, सचिव दुर्गाप्रसाद सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर भारती, गोपाल लाल शर्मा, बाबूलाल टांक, कांतिलाल जैन, रायसिंह और रमेश चंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ नागरिकों व युवकों आदि ने भाग लिया।