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VIDEO: प्रतापगढ़ का विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा

locationप्रतापगढ़Published: Apr 02, 2019 05:28:20 pm

Submitted by:

Ram Sharma

-चित्तौडगढ़़-प्रतापगढ़ लोकसभा क्षेत्र के मुद्दों पर शहरवासियों ने किया मंथन

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VIDEO: प्रतापगढ़ का विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा

-जन एजेंडा बैठक
प्रतापगढ़. लोकसभा चुनाव को लेकर चित्तौडगढ़़-प्रतापगढ़ संसदीय क्षेत्र का जन एजेंडा 2019 सोमवार को जनता की राय से तैयार किया गया। पेंशनर्स समाज प्रतापगढ़ और राजस्थान पत्रिका की ओर ओर से आयोजित जन एजेंडा बैठक में शहरवासियों ने विभिन्न मुद्दों पर अपनी खुलकर राय व्यक्त की। वक्ताओं ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व है। इसमें निष्पक्षता से मतदान करना चाहिए। जहां तक मुद्दों की बात है, प्रतापगढ़ का विकास ही सबसे बड़ा मुद्दा है।
पेंशनर्स समाज भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में वक्ताओं ने जिले से जुड़ी समस्याओं और विकास की प्राथमिकताओं को सिलसिलेवार उठाया। उनका कहना था कि प्रतापगढ़ में विकास की अपार संभावनाएं हैं। यहां पर्यटन है तो कृषि उत्पादन भी खूब है। जरूरत केवल सतत प्रयास की है। प्रतापगढ़ को कभी फोकस में रखकर काम नहीं किया गया। इसलिए यह विकास की दौड़ में काफी पीछे है।
बैठक में यह बात भी उभर कर आई कि यहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन है, लेकिन उनका समुचित उपयोग नहीं हो रहा। जिला मुख्यालय पर जल संकट जैसी समस्या है, जो केवल प्रशासनिक मशीनरी की कमजोरी के कारण है। जिले में पानी की कोई कमी नहीं है। जाखम डेम, भंवरसेमला बांध आदि में खूब पानी है। बारिश भी अच्छी है। लेकिन जलापूर्ति व्यवस्था में खामी है। इसके चलते पानी होते हुए भी शहरवासियों को सात दिन में एक बार पानी मिलता है।
वक्ताओं ने कहा कि जिला मुख्यालय रेल, शिक्षा, स्वास्थ्य, सडक़ आदि क्षेत्रों में पिछड़ा हुआ है। यहां के एक मात्र राजकीय पीजी कॉलेज में छात्रों से ज्यादा छात्राओं की संख्या है। लेकिन अब तक राजकीय कन्या महाविद्यालय नहीं खुला। उच्च तकनीकी शिक्षण संस्थाओं की कमी है। अब दिन वे नहीं रहे कि केवल बीए, बीकॉम करके युवक अपना कॅरियर बना सके। अब तकनीकी शिक्षा की जरूरत है। लेकिन प्रतापगढ़ में एक भी उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षण संस्थान नहीं है। युवकों को जिले से बाहर जाना पड़ता है।
सीतामाता बने नेशनल पार्क
जिले का सीतामाता अभयारण्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटक क्षेत्रों में से एक है। यहां देश विदेश से कई सैलानी आते हैं। अभयारण्य में वन्यजीव तो है ही, दुनिया की दुर्लभतम् जड़ी बूटियां भी है। इसे नेशनल पार्क का दर्जा मिलना चाहिए ताकि यह विश्व पर्यटन के नक्शे पर अपनी जगह बना सके।
ये मुद्दे हुए एजेंडे में शामिल
– शहर में बाइपास बने। यह कई सालों से अटका पड़ा है। इसके बिना बड़े वाहन शहर के बीचोंबीच होकर गुजरते हैं। इससे आए दिन हादसे होते हैं। इसको निर्धारित समय सीमा में बनाया जाना चाहिए। पूरे जिले में सडक़ों की हालत खराब है। इस पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए।
– जिले के धार्मिक पर्यटन क्षेत्रों को जिला मुख्यालय से रोडवेज बस सेवा से जोडऩा चाहिए। गांवों में आवागमन के साधनों की कमी है। रोडवेज बसें चलाने से ग्रामीणों को निजी बसों और जीपों में लटककर आने से मुक्ति मिलेगी।
– जिला मुख्यालय को रेललाइन से जोड़ा जाना चाहिए। प्रतापगढ़ को बांसवाड़ा होते हुए अहमदाबाद रेललाइन से जोड़ दिया जाए तो दिल्ली मुम्बई की दूरी कम हो सकेगी। लोगों का समय और धन दोनों बचेगा। रेललाइन आने से उद्योग धंधों को भी गति मिलेगी।
– जिले में बेरोजगारी खत्म करने के लिए उद्योगों की स्थापना, सोयाबीन और अन्य कृषि उत्पाद से जुड़े उद्योगों की स्थापना होनी चाहिए।
– जिले के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल, रोकडिय़ा हनुमानजी, शोली हनुमानजी, जानागढ़ माता जी, दिवाक माता सहित जिले के सभी तीर्थ स्थलों तक टू लेन सडक़ की कमी। अरनोद क्षेत्र के रिछडी महादेव, देवझर महादेच, कमलेश्वर महादेव प्रतापगढ़ क्षेत्र में नीलकंठ महादेव के जैसे प्राकृतिक व प्राचीन क्षेत्रों का पर्यटन की दृष्टि से विकास करने की जरूरत है।

इनकी रही सहभागिता
जन एजेंडा बैठक में किशोरचंद पाठक, मदनलाल बैष्णव, शिवलाल शर्मा, अजीत कुमार मोदी, सत्यनारायण योगी, चांदमल चंदू और सुरेश चंद टेलर ने संबोधित किया। वहीं पेंशनर्स समाज के अध्यक्ष कृष्णलाल पंचोली, सचिव दुर्गाप्रसाद सोलंकी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शंकर भारती, गोपाल लाल शर्मा, बाबूलाल टांक, कांतिलाल जैन, रायसिंह और रमेश चंद शर्मा सहित कई वरिष्ठ नागरिकों व युवकों आदि ने भाग लिया।

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