युवाओं ने पर्यावरण बचाने को लेकर पौधे लगाकर उन्हे पेड़ बनाने की शुरूआत 2016 से शहर के कृषि मंडी के पीछे बने मुक्ति धाम से की थी। दिपेश कुनिया ने बताया कि मुक्ति धाम में पहले मात्र 4 पेड़ ही हुआ करते थे जिसके बाद आज तक उनकी टीम ने 900 से अधिक छाया दार व फल दार पौधे लगाए दिए है। इन पौधों में से अधिकांश अब पेड़ का आकार लेने लगे है। युवा टीम की ओर से सुबह-शाम इनकी देख-रेख की जाती है। वहीं इन युवाओं की ओर से 2016 में ही दादाबाड़ी में ढाई हजार पौधे, 2017 में सेल टैक्स विभाग में 500 पौधे वही 2017 में ही पुलिस लाइन में तत्कालीन एसपी की मदद से 1100 पौधे रोपे थे। इसके बाद लगातार 2018 व 2019 में भी अधिकांश सरकारी कार्यालयों व निजी जगहों पर पौधे लगाकर उनकी देख रेख का कार्य कर रहे है।
इन युवाओं की ओर से कमल के फूल को लेकर मुक्ति धाम पर ही दो कुंड बनाए गए है। यहां आने वालों के लिए उन्होनें इनमें नीलकमल के पौधे भी लगाए है।
प्रकृति, पर्यावरण की देखरेख और संरक्षण को लेकर इन आठ युवाओं की ओर से अपने निजी खर्च पर पौधे खरीद जगह-जगह पौधरोपण कर इनकी देख रेख कर रहे है। इन युवाओं की ओर से अपने मिलने वालों के जन्मदिन व शुभ कार्यो पर भी एक पौधरोपण करवा कर उसे बड़ा करवाने का संकल्प दिलवाते है। इन युवाओं का कहना है कि अगर पर्यावरण नहीं बचेगा, प्रकृति नहीं बचेगी, हरियाली नहीं बचेगी, जल नहीं बचेगा तो यह बात भी सत्य है कि कल हम भी नहीं बचेंगे और ऐसा करते-करते एक दिन हमारा अस्तित्व ही खत्म हो जाएगा। इसी को लेकर यह इस कार्य में जुट हुए है और दूसरों को इसके लिए प्रेरित कर रहे है।
पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण के लिए शहर के दिपेश कुनिया, रूपेश जैन, नीलेश मिण्डा, यश शाह, पीयूष शाह, अर्पित सालगिया, टिमी कोरिया, अखिलेश डागरिया इस कार्य में लगे हुए है।
मुक्ति धाम पर ही बनाया घायल पक्षियों का ठिकाना
पर्यावरण की देखरेख और संरक्षण के साथ-साथ जीवदया को लेकर भी दिपेश कुनिया की ओर से कार्य किए जा रहे है। मुक्ति धाम परिसर में ही घायल पक्षियों के लिए आशियाना बनाकर इनकी देखभाल करने का जिम्मा भी उठा रखा है। घायल पक्षियों के लिए दाना-पानी के व्यवस्था के साथ पक्षियों का उपचार करवा कर स्वस्थ होने के बाद उन्हे पुन: खुले आसमान में उडऩे के लिए छोड़ देते है।
जरूरत मंद व्यक्ति को अगर ब्लड की जरूरत होती है और चिकित्सालय में मौके पर ब्लड नहीं मिल पाता है तो ब्लड की व्यवस्था भी दिपेश कुनिया की ओर से की जाती है। जरूरतमंद को रक्तदान के लिए करीब 2 हजार रक्तदाताओं की सूची बना रखी है। जिसके आसानी के किसी को बिना परेशानी के यह ब्लड भी उपलब्ध करवाते है।