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लहसुन की बंपर बुवाई के साथ अफीम नीति घोषित होने का इंतजार

locationप्रतापगढ़Published: Oct 13, 2017 10:32:19 am

Submitted by:

Rakesh Verma

लहसुन की बंपर बुवाई के साथ अफीम नीति घोषित होने का इंतजार

pratapgarh
करजू. क्षेत्र में खरीफ की फसल कटाई व अन्य कामों से फ्री होने के बाद क्षेत्र के किसान रबी की फसलों की बुआई करने लग गए हैं। जलोदा जागीर निवासी नरेश जणवा ने बताया कि किसान वर्ग इन दिनों लहसुन की बुवाई कर रहा है। हर साल लहसुन के भाव बुवाई के समय ज्यादा रहते हैं तो भी किसान महंगा बीज खरीद कर बुवाई करता है। लेकिन इस बार फसलों के दाम औंधे मुंह गिरे पड़े हैं, जिससे बीज के समय भी फसलों के दाम कम ही मिल पा रहे हैं। जिसके चलते कई किसान सस्ता बीज होने के कारण लहसुन की बंपर बुवाई कर रहे हैं। वे इस आस में है कि अभी भाव कम हैं, लेकिन हो सकता है जब लहसुन की फसल पककर तैयार हो जाएगी उस समय भाव आएंगे। इसी आस के चलते अन्नदाता आजकल खेतों में ही दिख रहे हैं और कृषि कार्यों से परिवार सहित देर शाम तक घर लौटते हैं। किसान नानालाल जणवा ने बताया कि लहसुन बुवाई में कई किसान आधुनिक तकनीक को काम में ले रहे हैं। लेकिन कई किसान परंपरागत तरीकों से मजदूरी करके बुवाई करवा रहे हैं। किसानों का मानना है कि परंपरागत तरीके से बुवाई करने से लहसुन की फसल की उपज ज्यादा होती हैं तथा ट्रैक्टर की सहायता से बुआई करने से उपज थोड़ी कम होती है और क्वालिटी भी कम रहती हैं। वहीं अफीम किसानों को अफीम नीति घोषित होने का इंतजार है। कई किसानों ने अफीम की बुआई के लिए खेत खाली छोड़ रखे हैं वही खेतों में देशी खाद डाल रहे हैं। ताकि जैसे ही अफीम नीति घोषित होगी वे बुआई करना शुरू कर देंगे। 1998 से लेकर अभी तक कटे हुए अफीम के पट्टों की बहाली के लिए संघर्षरत किसान भी केंद्र सरकार से आस लगाए बैठे हैं कि सरकार उनको भी एक बार फिर से मौका देगी। ज्ञात हो कि अफीम किसान कई दिनों से धरने पर बैठे हैं और कई मंत्री भी उनको आश्वासन दे चुके हैं।

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