कांठल में इस वर्ष बारिश की कमी से जहां जलाशयों में पानी की कमी है, वहीं कई खेत खाली रह गए
प्रतापगढ़. कांठल में इस वर्ष बारिश की कमी से जहां जलाशयों में पानी की कमी है, वहीं कई खेत खाली रह गए हैं। करीब 15 प्रतिशत किसानों ने बुवाई नहीं की है। इसके साथ ही जिन किसानों ने खेतों में बुवाई की है, उनमें भी कम पानी वाली फसलों की बुवाई की हैै। गेहूं की फसल का लक्ष्य जरूर बढ़ा है। वहीं कम पानी की फसल मसूर और सरसों का लक्ष्य भी बढ़ाया है।
चने की एक चौथाई बुवाई
बारिश की कमी और आखिरी में एक भी बारिश नहीं होने से चने की बुवाई का रकबा एक चौथाई ही रह गया है। कृषि विभाग के अनुसार जिले में चना की बुवाई का लक्ष्य 62891 था। खेतों में नमी नहीं होने से बुवाई नहीं हो सकी। ऐसे में जिले में मात्र 16 हजार 162 हैक्टेयर में ही चना की बुवाई की गई है जबकि मसाला फसलें भी कम है।
पकने लगी मैथी की फसल
पानमोड़ी. क्षेत्र में इन दिनों अगेती फसल पकने की अवस्था में है। पानी की कमी के कारण अधिकांश किसानों ने अगेती फसलें बोई हैं। इन दिनों सरसों, मैथी, गेहूं आदि की फसलें पकने की अवस्था में है। तोफाखेड़ा गांव में भी मैथी की फसल कई किसानों ने बोई है। अभी फसल पर फलियां बनने लगी है। जिनमें दाने बनना शुरू हो गए हैं।
अगेती सरसों का रहा जोर
जिले में बारिश कम होने से किसानों ने इस बार अगेती सरसों पर ज्यादा जोर दिया है। लक्ष्य के मुकाबले बुवाई भी अधिक की गई है। विभाग की ओर से लक्ष्य 5150 था। इसके मुकाबले 7642 हैक्टेयर में बुवाई की गई है। कई स्थानों पर कटाई भी होने लगी है।
कम हुआ रकबा
इस वर्ष जिले में पानी की कमी है। ऐसे में किसानों ने बुवाई कम क्षेत्रफल में की है। कई किसानों के खेत खाली पड़े है। कम पानी वाली फसलें अधिक बोई है। वैसे विभाग की ओर से लक्ष्य के आधार पर खाद आदि की व्यवस्था पूरी कर रखी है।
कृष्णकुमार उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़