गौरतलब है कि नगर परिषद सभापति कमलेश डोसी प्रतापगढ़ से 16 मई को रवाना हुए थे। जो जयपुर गए और वहां से मुम्बई गए। मुम्बई में 17 मई को एक होटल में ठहरे, जहां से पौने आठ बजे होटल को छोड़ा। इसके बाद मुम्बई के कुर्ला रेलवे स्टेशन पर रात 11 बजे तक सीसीटीवी फुटेज में दिखे।
इसी दौरान मोबाइल से भी सम्पर्क कट गया था। इसके दूसरे दिन 18 मई को दिनभर परिजनों ने उनके सम्पर्क का प्रयास किया। लेकिन कोई सम्पर्क नहीं हो पाया। इस पर 18 मई रात को यहां कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।
इस पर पुलिस की साइबर सैल और एक अन्य टीम परिजनों के साथ मुम्बई पहुंची। जहां सामने आया कि जिस होटल में वे ठहरे थे। वहां से शाम साढ़े सात बजे चैक आउट किया था। इसके बाद से टैक्सी से कुर्ला रेलवे स्टेशन पहुंचे। जहां रात 11 बजे तक सीसीटीवी फुटेज में ट्रेन का इंतजार करते दिखे थे। इसके बाद कोई सुराग हाथ नहीं लगा।
गुम होने की सूचना के बाद प्रतापगढ़ पुलिस, परिजन और मुम्बई पुलिस जांच में जुटी हुई थी। पुलिस की ओर से तीन टीमें और मुम्बई पुलिस इसमें जुटी हुई थी। इस बीच सोमवार सुबह कर्नाटक के बैंगलोर के एक चिकित्सालय में कमलेश डोसी को होश आया। इस पर उन्होंने फोन पर परिजनों से बात की। सूचना मिलते ही यहां जश्न का माहौल हो गया। वहीं बताया गया कि उनके पास ना तो सोने की चेन, कड़ा और अन्य कोई दस्तावेज, बैग आदि नहीं मिले। मुम्बई से वे बंैगलोर कैसे पहुंचे, यह सामने नहीं आया है। जबकि वे मुम्बई से बुरहानपुर के लिए निकले थे।
सांसद पहुंचे महाराष्ट्र, मुख्यमंत्री फणनवीस से की मुलाकात
नगर परिषद के सभापति कमलेश डोसी का मुम्बई में कोई सुराग हाथ नहीं लगा देख मुख्यमंत्री और सांसद भी अपने प्रयास करने में जुटे। जहां सांसद सीपी जोशी रविवार रात को ही मुम्बई पहुंचे। उन्होंने सोमवार महाराष्ट्र मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से मुख्यमंत्री कार्यालय मुम्बई में भेंट की और उन्हें नगर परिषद प्रतापगढ़ के सभापति की घटना के बारे में विस्तृत जानकारी दी। सांसद सीपी जोशी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस से इस मामले में त्वरित जांच करने का भी आग्रह किया।
जिस पर मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुंबई के पुलिस उच्च अधिकारियों को तत्काल इस बारे में अग्रिम कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस मुलाकात के दौरान सांसद सीपी जोशी के साथ सुरेंद्र सिंघवी भी साथ थे। वहीं जनजाति विकास विभाग मंत्री नंदलाल मीणा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी। इस पर मुख्यमंत्री वसुंधरा ने महाराष्ट्र सरकार से इसके लिए समय मांगा है। इसमें विभिन्न एजेंसियों को भी लगाने के लिए कहा।