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मौसम परिवर्तन के साथ ही औसत पर घिरने लगे संकट के बादल

locationप्रतापगढ़Published: Mar 01, 2021 09:17:41 am

Submitted by:

Devishankar Suthar

प्रतापगढ़. जिले में इन दिनों अफीम की फसल में डोडों से दूध संग्रहण का कार्य चल रहा है। वहीं कई खेतों में डोडो पर चीरा लगाने का कार्य अब शुरू हो रहा है। ऐसे में मौसम में एकाएक परिवर्तन हो गया है। तापमान में बढ़ोतरी हो गई है। जिससे डोडों से अफीम दूध में कमी आने लगी है। जबकि कई खेतों में डोडे सूखने की समस्या भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही अफीम की फसल में बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। जिससे किसानों को अफीम की औसत पूरी करने की चिंता सताने लगी है।

मौसम परिवर्तन के साथ ही औसत पर घिरने लगे संकट के बादल

मौसम परिवर्तन के साथ ही औसत पर घिरने लगे संकट के बादल


किसान पशोपेश मेें: अफीम के डोडों में सूखने की बढ़ रही समस्या
कई खेतों में अब शुरू होगा चीरा लगाने का कार्य
बीमारियों का भी साया
प्रतापगढ़. जिले में इन दिनों अफीम की फसल में डोडों से दूध संग्रहण का कार्य चल रहा है। वहीं कई खेतों में डोडो पर चीरा लगाने का कार्य अब शुरू हो रहा है। ऐसे में मौसम में एकाएक परिवर्तन हो गया है। तापमान में बढ़ोतरी हो गई है। जिससे डोडों से अफीम दूध में कमी आने लगी है। जबकि कई खेतों में डोडे सूखने की समस्या भी शुरू हो गई है। इसके साथ ही अफीम की फसल में बीमारियों की आशंका बढ़ गई है। जिससे किसानों को अफीम की औसत पूरी करने की चिंता सताने लगी है। कांठल में इन दिनों अफीम किसान पशोपेश में है।
गौरतलब है कि जिले में अफीम की फसल से दूध संग्रहण का कार्र्य शुरू हो चुका है। छोटीसादड़ी इलाके में एक पखवाड़े से अफीम दूध संग्रहण किया जा रहा है। वहीं प्रतापगढ़ औ अरनोद इलाके में भी किसानों ने डोडों पर चीरा लगाया है। कई किसान अब चीरा लगा रहे है। वहीं दूसरी ओर तापमान में बढ़ोतरी हो गई है। जिससे डोडों पर दूध कम निकल रहा है। कई डोडों पर दूध सूख गया है। जबकि बीमारियों का प्रकोप भी होने लगा है। मौसम में परिवर्तन होने से अफीम की फसल में बीमारियों का प्रकोप बढ़ रहा है। इसके चलते किसानों में चिंता भी बढ़ गई है। दिन में तेज धूप है। जबकि रात में पर्याप्त सर्दी नहीं होने से पौधों की वृद्घि प्रभावित हो रही है। इसके लिए किसान कई प्रकार के उर्वरक व कीटनाशक का उपयोग कर रहे हैं। लेकिन फायदा नहीं हो रहा है। मौसम में लगातार परिवर्तन होने से अफीम की फसलों पर बीमारियों को प्रकोप बढ़ रहा है। किसान इन फसलों की देखभाल करने के साथ ही महंगे कीटनाशक का छिडक़ाव कर रहे हैं। किसानों का खर्च अधिक होने के बाद भी फसलों में बढ़वार नहीं हो रही है। मौसम की बेरुखी से किसानो को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है इसके साथ ही किसानों को फसलों को मवेशियों, पक्षियों आदि से बचाना भी लोहे के चने चबाने के समान रहता है। जिले के किसान हीरालाल पाटीदार का कहना है कि मौसम की अनुकूलता नहीं होने के कारण पौधों की लंबाई व गुणवत्ता प्रभावित हुई है। कई पौधों पर डोडे नहीं लग रहे हैं। छगनलाल पाटीदार बरडिया का कहना है कि मौसम की मार से किसानों की सारी मेहनत बेकार हो रही है। इस बार भी मौसम की बेरुखी से अफीम की फसल पर प्रतिकूल प्रभाव हो रहा है।
अफीम की फसल में सूअर कर रहे नुकसान
छोटीसादड़ी. शहर के आसपास के खेतों में सूअर घुसकर फसल नष्ट कर रहे हैं। सूअरों के आतंक से किसानों की बहुमूल्य फसल अफीम को भी खासा नुकसान पहुंचाकर चट कर रहे हैं। लेकिन पालिका प्रशासन पुख्ता प्रबंध करने में नाकाम हो रही है। पिछले कई दिनों से सूअरों के आतंक से किसान परेशान हैं। सूअरों के आतंक से परेशान होकर किसानों ने नगर पालिका ईओ अब्दुल वाहिद को शिकायत की है। शिकायत में बताया कि भाटों की बावड़ी के पीछे खेतों में सूअरों द्वारा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस समस्या से आस.पास के सभी क्षेत्रों के किसान काफी परेशान है। किसानों ने शिकायत देकर सूअरों के मालिकों को पाबंद करवाकर राहत दिलाने की मांग की है। इस दौरान कई किसान मौजूद थे।
अफीम में भी मौसम के आधार पर मिले छूट
जिले में अफीम की खेती में मौसम की मार से प्रतिकूल असर पड़ता है। अन्य फसलों में बीमा और खराबे को लेकर मुआवजे का प्रावधान है। इसी प्रकार अफीम की फसल में भी मौसम के आधार पर औसत में छूट दी जाए। जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।
कर्नल जयराजसिंह, संरक्षक, भारतीय किसान संघ, प्रतापगढ़
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