World Biodiversity Day – विश्व जैव विविधता दिवस- हम करेंगे प्रकृति का सम्मान तभी होगा कल्याण
प्रतापगढ़Published: May 23, 2022 07:49:47 am
World Biodiversity Day – विश्व जैव विविधता दिवस- हम करेंगे प्रकृति का सम्मान तभी होगा कल्याण
World Biodiversity Day – विश्व जैव विविधता दिवस- हम करेंगे प्रकृति का सम्मान तभी होगा कल्याण
विश्व जैव विविधता दिवस मनाया
55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की लगार्ई प्रदशनी
प्रतापगढ़. पृथ्वी जैव विविधताओं की बदौलत जीवन को जीवंत बनाए हुए हैं। जंगल, वन्यजीव, कीट, खाद्यान्न, नदियां, समुद्र हमारे अस्तित्व एवं विकास के लिए आवश्यक हैं। इसी जैव संपदा के संरक्षण और संवर्धन के लिए दुनिया हर वर्ष 22 मई को विश्व जैव विविधता दिवस मनाती है। इस वर्ष का विषय है प्रकृति में ही हमारा समाधान है। हम प्रकृति का सम्मान करेंगे तभी हमारा अस्तित्व भी बच सकेगा।
जिले में भी वन विभाग की ओर से रविवार को वन मंडल रेंज परिसर धरियावद नाके पर विश्व जैव विविधता दिवस मनाया गया। वन सुरक्षा एवं प्रबंध समिति के सदस्य और रेंज प्रतापगढ़, देवगढ़ के वन विभाग स्टाफ द्वारा पृथ्वी पर विलुप्त हो रही प्रजातियों के बचाने के संकल्प के साथ मनाया गया। इस अवसर पर 11 बीएफपीएमसी के सदस्य तथा 60 वन कर्मी उपस्थित रहे। इसी के साथ 55 प्रजाति के विलुप्त हो रहे पेड़ों के बीजों की प्रदशनी रखी गई। जिसको वन कर्मियों ने इस मौके प्रजाति अनुसार पहचान की।
इस मौके पर उपवन संरक्षक सुनीलकुमार ने बताया कि जैव विविधता दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य जो पृथ्वी पर विविधता के रूप में बचा हैं। उसको बचाने के साथ-साथ जैव विविधता के महत्व एवं वर्तमान में उसका संरक्षण किस प्रकार से किया जाए। इसके लिए क्या क्या प्रयास करने चाहिए। इन सभी चीजों को लेकर जानकारी दी गई। साथ ही वन मंडल अधिक गठित वन सुरक्षा एवं प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को बीच में बुलाया गया। उनको भी वन एवं वन्यजीवों तथा उनकी जैव विविधता के बारे में जानकारी देने के साथ.साथ जंगलों में पेड़ों से उत्पन्न होने वाले बीजों की जानकारी दी गई।
सहायक वन संरक्षक दारासिंह राणावत ने स्टाफ को हर नाके पर बीज एकत्रीकरण की पंजिका खोलने के लिए कहा। संगोष्ठी में बताया गया कि आदिवासी अंचल में लोगों को जागरूक कर बताया जाएं कि जो लोग पेड़ों की कटाई कर अपनी आमदनी करते हैं। उन्हें पेड़ों की कटाई रोकने के साथ-साथ जंगल से बीज एकत्रित कर उन्हें बेचने की प्रक्रिया के साथ खरीदा जाए। इस मौके पर सर्प मित्र राजेश सुमन, मंदसौर के पुखराज हर्बल के प्रतिनिधि व वीएफपीएमसी सदस्य, वनकर्मी आदि मौजूद थे।